डीएम फतेहपुर द्वारा पत्रकार के उत्पीड़न से नाराज मीडियाकर्मियों ने किया प्रदर्शन, प्रशासन की कार्यशैली के खिलाफ जिला पत्रकार संघ में आक्रोश, पत्रकार संघ के अध्यक्ष पर फर्जी मुकदमा लिखे जाने से क्षुब्ध पत्रकारों से राज्यपाल को भेजा ज्ञापन
फतेहपुर। प्रशासन द्वारा पत्रकारों के साथ किये जा रहे उत्पीड़नात्मक व्यवहार पर जिला पत्रकार एसोसिएशन व संघ में आक्रोश व्याप्त है। जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष पर जिलाधिकारी के आदेश पर फर्जी तरीके से मुकदमा लिखे जाने से क्षुब्ध पत्रकारों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर सोशल डिस्टेंसिंग के बीच अपनी आवाज बुलन्द की। तत्पश्चात राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी को सौंपकर जिलाधिकारी का तत्काल स्थानान्तरण कराकर इनके कार्यकाल की वित्तीय व पद दुरुपयोग की उच्च स्तरीय जांच कराये जाने की मांग की।
जिला पत्रकार एसो0/संघ के अध्यक्ष अजय सिंह भदौरिया के नेतृत्व में पत्रकार साथी कलेक्ट्रेट पहुंचे और पत्रकारों के ऊपर जिला प्रशासन द्वारा किये जा रहे उत्पीड़नात्मक व्यवहार पर आक्रोश व्यक्त किया गया। राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी को सौंपकर पत्रकारों ने कहा कि संघ के अध्यक्ष ने कोविड-19 को लेकर चल रहे लाकडाउन में जनता की समस्याओं से सरोकार रखते हुए 12 मई को विकास खण्ड विजयीपुर के ग्राम रामपुर के नेत्रहीन दम्पत्ति के वायरल वीडियो को ट्वीट करके शासन-प्रशासन को जानकारी देने का प्रयास किया था।
इस ट्वीट के चलते शासन-प्रशासन तक सच्चाई जाने पर जिलाधिकारी संजीव सिंह ने अपने पद का दुरूपयोग किया और सदर तहसील कम्युनिटी किचेन बंद होने का फर्जी आरोप के साथ ही अध्यक्ष के खिलाफ अवैध वसूली का रैकेट/गिरोह चलाने आदि अनर्गल आरोप लगाते हुए 13 मई को सदर कोतवाली में विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करवा दिया।
पत्रकार पर इस प्रकार के आरोप लगाकर जनता, शासन व प्रशासन में छवि धूमिल करने का कुत्सित प्रयास द्वेष भावना के तहत किया गया जो न्यायोचित नहीं है।
बताया कि पत्रकार कोविड-19 के संघर्ष में लगातार शासन-प्रशासन का सहयोग करते हुए पत्रकारिता के उत्तरदायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। इसके बावजूद पत्रकारों के साथ उत्पीड़नात्मक व्यवहार किया जा रहा है। राज्यपाल से मांग की गयी कि पन्द्रह दिनों के अंदर पत्रकारों के ऊपर दर्ज मुकदमें समाप्त नहीं किये गये और जिलाधिकारी का जनपद से स्थानान्तरण कर इनकी कार्यकाल की वित्तीय व पद दुरूपयोग की जांच उच्च स्तरीय नहीं करायी जाती है तो आगामी तीस मई पत्रकारिता दिवस को सभी पत्रकार पत्रकारिता का काला दिवस मनाने के लिए मजबूर हो जायेंगे। इसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन एवं प्रशासन की होगी।
इस मौके पर आशीष दीक्षित, अभिषेक मिश्र, अवनीश चौहान, नीरज सिंह, अरूण कुमार, फिरोज अली, जितेन्द्र वर्मा, शाहिद अली, इरफान काजमी, शैलेन्द्र, कुलदीप चौहान, जगन्नाथ, मो0 मोईन, विक्टर राबर्ट आदि मौजूद रहे।
सुधीर अवस्थी परदेशी
May 21, 2020 at 3:25 pm
आगे बढ़ संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं। पत्रकारों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
Advocate atul
May 21, 2020 at 3:57 pm
प्रथम सूचना रिपोर्ट से कोई अपराध नही बनता है।उक्त खबर चलने से खाना बांटने वालो की लापरवाही के लिए किसी पत्रकार को दोषी नही ठहराया जा सकता।तहरीर के अनुसार अवैध वसूली करने का प्रयास किसी भी व्यक्ति से नही किया गया है।इसलिए उक्त अपराध भी नही बनता है।