लखनऊ : निर्माण निगम के भ्रष्ट एमडी आरके गोयल के कारनामों की कलई अब खुलने लगी है। इसने अपना साम्राज्य खड़ा करने के लिए मैनेजमेंट का बड़ा सहारा लिया। किसी जमाने में मायावती का दुलारा रहा गोयल अब सपा नेताओं को अपने पैसे के दम पर मैनेज करना चाहता है। मगर अब धीरे-धीरे इसके भ्रष्टाचार की परते खुलने लगी हैं।
विभाग के लोग ही दबी जुबान से बताने लगे हैं कि अपने वरिष्ठ लोगों को किस तरह किनारे करके गोयल इस कुर्सी पर जा पहुंचा, जहां उसने हजारों करोड़ के ठेकों के जरिये अपने चहेते बसपा के नेताओं को भी लाभ पहुंचाना शुरू कर दिया।
सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने आर.के.गोयल, एमडी उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम द्वारा नई सचिवालय एनेक्सी बिल्डिंग दारूलशफा कम्पाउण्ड, लखनऊ में किये जाने वाले मिर्जापुर यलो सैण्ड स्टोन की आपूर्ति व फिक्सिंग के 06 जून 2015 को विज्ञापित टेंडर प्रक्रिया की अनियामितताओं के सम्बन्ध में जांच हेतु लोकायुक्त जस्टिस एन के मल्होत्रा के समक्ष परिवाद दायर किया है।
परिवाद में कहा गया है कि इस टेंडर की तमाम शर्तें और अर्हताएं ऐसी हैं जो राजकीय हित और वांछित कार्य की आवश्यकता के विपरीत हैं और एक खास फर्म मेसर्स लखनऊ मार्बल इंडस्ट्रीज (मालिक आशुतोष अग्रवाल) को लाभ पहुंचाने के लिए की गयी दिखती हैं। परिवाद के अनुसार टेंडर की प्रक्रिया के दौरान ही एक बार शर्तों को औचित्यहीन तरीके से परिवर्तित किया गया और कुछ फर्म द्वारा निर्धारित तिथि के बाद के डिमांड ड्राफ्ट के आधार पर टेंडर भरे गए। डॉ. ठाकुर ने आरोप लगाया है कि टेंडर प्रक्रिया पूर्ण होने के पहले ही आरोपी फर्म ने अपना काम भी करना शुरू कर दिया है, जो प्रकरण में निर्माण निगम और इस फर्म की मिलीभगत को साबित करता है।