दिलीप मंडल-
कंगना का ट्विटर एकाउंट केंद्रीय क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने डिलीट कराया है। गुजरात दंगों के बारे में कंगना वो सच बोल गई, जिसका नरेंद्र मोदी अब तक खंडन करते रहे हैं।
कंगना ने प्रधानमंत्री से 2000 के दशक के शुरुआती साल वाली “सुपर गुंडई” करने को कहा। ऐसे नहीं बोला जाता है। सच हो तो भी बोल नहीं सकते।
बेवकूफ है बेचारी। ये एकाउंट अब कभी वापस नहीं आएगा। अब आप लोग फिर से ज़िंदगी बचाने पर ध्यान केंद्रित करें। कोरोना बड़ा संकट है। कंगना एक धूल समान है। जो हुआ सो हुआ।
मीनू जैन-
मित्रों , रन आउट ने अनजाने में ठगोर की पुरानी आलमारी के दरवाजे खोल दिए हैं जिसमें से हजारों नरकंकाल भड़भड़ाकर गिर रहे हैं।
एक बेवकूफ़ की वजह से फर्ज़ी साधु का स्याह अतीत भयानक चीत्कार करता हुआ पब्लिक की सोई हुई भयावह स्मृतियों को झिंझोड़ कर जगा रहा है।
सीधे – सीधे 2002 का दोषी साबित कर दिया । जो काम कोर्ट ने नहीं किया वह रन आउट ने कर दिया।
रन आउट को अपने किए की कठोरतम सज़ा मिलेगी।
ट्विटर से सदा के लिए भगाई गईं कंगना रानावत!
शीतल पी सिंह-
भक्त मंडल की झाँसी की रानी! और न जाने कितने विशेषणों से विभूषित। पद्म पुरस्कार से विभूषित।
कंगना रानावत का ट्विटर अकाउंट सदा के लिये निलंबित किया गया है। ट्विटर प्रशासन ने यह सूचना जारी की है-
ट्विटर का किसी अकाउंट के लिए यह असामान्य कदम है
वे अनवरत विवादित सांप्रदायिक और घृणा फैलाने वाले ट्वीट करने के लिए चर्चित रहीं । तमाम बार इसके पहले उनका ट्विटर अकाउंट सीमित समय के लिये इन्हीं वजहों से सस्पेंड रहा।
हालाँकि भारतीय सिनेमा की मौजूदा अभिनेत्रियों में उन्हें अति विशिष्ट स्थान प्राप्त है लेकिन निजी जीवन और सार्वजनिक जीवन में वे बहुत ही ओछी स्थिति को प्राप्त रहीं । बचपन की कठिनाइयों और बेसिक शिक्षा के अभाव में ऐसे व्यक्तित्व निर्मित हो जाते हैं ।
सिकंदर हयात-
मोदी से कह रही थी की जब गुजरात दंगो हुए तब मैं छोटी थी , दंगे नहीं देख पायी, प्लीज़ मुझे फिर से दिखा दीजिये…
मुकेश कुमार-
ट्वीटर ने कंगना का अकाउंट सस्पेंड कर दिया है. उन्होंने न केवल अशिष्ट भाषा का इस्तेमाल किया बल्कि मोदी से 2002 का नरसंहार दोहराने के लिए भी कहा था। कंगना की मानसिक हालत के बारे में सबको पता है, मगर वे इस हद तक जाएंगी, किसी ने नहीं सोचा था। इस बार तो उन्होंने मोदी जी की वास्तविक छवि को भी सार्वजनिक करके बीजेपी को धर्मसंकट में डाल दिया।
और अंत में-