कृष्ण कांत-
अडानी ग्रुप की एक सहयोगी कंपनी है- PMC प्रोजेक्ट्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड। इसका मालिक एक चीनी नागरिक है जिसका नाम है चांग चिएन-टिंग उर्फ मॉरिस चांग।
मॉरिस चांग, चांग चुंग-लिंग का बेटा है जो अडानी की कई कंपनियों का निदेशक रहा है और 38 शेल कंपनी वाले विनोद अडानी का करीबी है।
यह चीनी कंपनी अडानी के परिसर से संचालित होती है।
सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि यह चीनी कंपनी भारत के रणनीतिक रूप से अहम क्षेत्रों में अडानी के जरिये घुसी हुई है।
देश के छह बंदरगाहों पर इसकी मौजूदगी है। यह इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट में है, रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में है, रेलवे प्रोजेक्ट में है।
अब सवाल ये है कि क्या शी जिनपिंग के झूला वाले दोस्त नरेंद्र मोदी को यह सब मालूम नहीं है या फिर से सब जानते हुए आंख मूंदे हुए हैं?
भक्तों को कह दिया जाता है कि चीनी झालर का बहिष्कार करो और भक्त आनंदित रहते हैं। जो देश आपकी हजारों स्क्वायर किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर चुका है, उसकी कंपनी आपके देश में अहम प्रोजेक्ट में कैसे घुसी है? क्या यह बिना सरकार की इजाजत के संभव है? क्या नरेंद्र मोदी इसीलिए चीन की हर ज्यादाती बर्दाश्त करते हैं और उसका नाम तक लेते? क्या वे भारत के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठकर चीनी एजेंट की तरह काम कर रहे हैं?
इसी तरह अडानी की एक फर्जी यानी शेल कंपनी इलारा देश के रक्षा मंत्रालय, इसरो और डीआरडीओ के साथ काम करती है। इसमें किसका पैसा, किस मकसद से लगा है, कोई नहीं जानता।
देश नहीं बिकने दूंगा, देश मजबूत हाथों में है, ये सब जुमले क्यों छोड़े गए थे? ताकि जब वे देश की संप्रभुता को अडानी और चीन के हाथों गिरवी रख दें तो आप शक न करें, आप उनके नारे और प्रचार में उलझे रहें। देश मजबूत हाथों में नहीं, देश दो मजबूत व्यापारियों के हाथों में है जो कब इसे किसके हाथ बेच देंगे, कोई नहीं जानता।
इतने बड़े बड़े आरोपों के बाद सरकार कोई सफाई तक क्यों नहीं दे रही है? क्योंकि शायद उन्हें भरोसा है कि इस देश की जनता को कोई फर्क नहीं पड़ता।