Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

आकाशवाणी के भाषाई समाचार यूनिटों को शिफ्ट करने का भारी विरोध

ऑल इंडिया रेडियो यानि आकाशवाणी के समाचार सेवा प्रभाग के तहत काम कर रहे भाषाई समाचर यूनिटों को संबधित राज्यों में भेजे जाने के प्रस्ताव का विरोध तेज हो गया है। दरअसल आकाशवाणी समाचार सेवा प्रभाग, नई दिल्ली के अंतर्गत हिन्दी और अंग्रेजी सहित 14 भारतीय भाषाओं में समाचारों का प्रसारण किया जाता है। इनमें असमिया, अरुणाचली, बंगाली, डोगरी, कश्मीरी, मराठी, पंजाबी, नेपाली, तमिल, मलयालम, उड़िया, गुजराती, उर्दू और संस्कृत भाषा शामिल है।

<p>ऑल इंडिया रेडियो यानि आकाशवाणी के समाचार सेवा प्रभाग के तहत काम कर रहे भाषाई समाचर यूनिटों को संबधित राज्यों में भेजे जाने के प्रस्ताव का विरोध तेज हो गया है। दरअसल आकाशवाणी समाचार सेवा प्रभाग, नई दिल्ली के अंतर्गत हिन्दी और अंग्रेजी सहित 14 भारतीय भाषाओं में समाचारों का प्रसारण किया जाता है। इनमें असमिया, अरुणाचली, बंगाली, डोगरी, कश्मीरी, मराठी, पंजाबी, नेपाली, तमिल, मलयालम, उड़िया, गुजराती, उर्दू और संस्कृत भाषा शामिल है।</p>

ऑल इंडिया रेडियो यानि आकाशवाणी के समाचार सेवा प्रभाग के तहत काम कर रहे भाषाई समाचर यूनिटों को संबधित राज्यों में भेजे जाने के प्रस्ताव का विरोध तेज हो गया है। दरअसल आकाशवाणी समाचार सेवा प्रभाग, नई दिल्ली के अंतर्गत हिन्दी और अंग्रेजी सहित 14 भारतीय भाषाओं में समाचारों का प्रसारण किया जाता है। इनमें असमिया, अरुणाचली, बंगाली, डोगरी, कश्मीरी, मराठी, पंजाबी, नेपाली, तमिल, मलयालम, उड़िया, गुजराती, उर्दू और संस्कृत भाषा शामिल है।

कई दशकों से आकाशवाणी का समाचार सेवा प्रभाग (NSD), राष्ट्रीय समाचार बुलेटिनों का नई दिल्ली से प्रसारण कर रहा है। इन भारतीय भाषाओं के समाचार यूनिटों को आकाशवाणी के रिजनल न्यूज़ यूनिटों (RNUs) में शिफ्ट करने का प्रस्ताव है। गौरतलव है कि रिजनल न्यूज यूनिटों में पहले से ही स्थानीय भाषाओं में स्थानीय समाचारों का प्रसारण होता है। नई दिल्ली से राष्ट्रीय समाचारों का भारतीय भाषाओं में प्रसारण होने से इन राज्यों के श्रोता अपनी भाषा में राष्ट्रीय समाचार सुन पाते हैं। और अपनी भाषा में दिल्ली से हो रहे प्रसारण को सुन गर्व भी महसूस करते हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

वहीं आकाशवाणी के इन भाषाई समाचार यूनिटों को राज्यों की राजधानी में रिजनल न्यूज यूनिटों में शिफ्ट करने के प्रस्ताव का विरोध भी तेज हो गया है। इन भाषाई यूनिटों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इन यूनिटों को रिजनल न्यूज यूनिटों में शिफ्ट किए जाने से समाचारों की गुणवत्ता पर बहुत नकरात्मक असर पड़ेगा। दरअसल राष्ट्रीय स्तर के बुलेटिनों का प्रसारण करने के लिए जो समाचार सेवा प्रभाग, नई दिल्ली के पास साधन हैं वह रीजनल न्यूज़ यूनिट के पास नहीं हो सकते। लिहाजा इसका सीधा असर इन भाषाई यूनिटों से प्रसारित होने  वाले समाचार बुलेटिनों की गुणवत्ता पर पड़ेगा।

साथ ही इन भाषाई यूनिटें के राज्यों में शिफ्ट होने से खबरों से जुड़ी संवेदनशीलता पर भी असर पड़ सकता है। वहीं संवेदनशील माने जाने वाले उतर-पूर्व के राज्यों और जम्मू- कश्मीर में, यदि इनसे जुड़ी भाषाओं के यूनिट शिफ्ट कर दिए जाते हैं तो इसका असर खबरों से जुड़ी संवेदनशीलता पर पड़ सकता है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

वहीं आकाशवाणी समाचार सेवा प्रभाग के यह यूनिट इन भारतीय भाषाओं के विकास, भाषा के सम्मान और राष्ट्रीय स्तर पर इन भाषाओं की पहचान बनाने में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। लिहाजा साहित्य और भाषा से जुड़े लोग भी इन समाचारों यूनिटों को दिल्ली से शिफ्ट कर उनके राज्यों में भेजने वाले प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं। वहीं इस प्रस्ताव के विरोध में कई राजनीतिक दलों के नेता भी आवाज उठा रहे हैं। आकाशवाणी के समाचार सेवा प्रभाग में एक ही छत के नीचे एक साथ 14 भारतीय भाषाओं में समाचारों का प्रसारण होना एक उपलब्धि है और उसे बरकरार रखा जाना चाहिए।

वहीं आकाशवाणी का प्रबंधन भाषाई समाचार यूनिटों को शिफ्ट करने के पीछे जो तर्क दे रहा है वह बिल्कुल भी जायज़ नहीं लगता। प्रबंधन के प्रस्ताव के  मुताबिक दिल्ली में रहने से इन यूनिटों में काम करने वाले समाचार वाचकों की भाषा प्रभावित हो जाती है। अब सवाल ये है कि आकाशवाणी के विदेस सेवा प्रभाग (External Services Division, ESD) दिल्ली से कई विदेसी भाषाओं में प्रसारण हो रहा है क्या ये तर्क देकर उनको संबधित देशों में भेज देना चाहिए?

Advertisement. Scroll to continue reading.

एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

0 Comments

  1. shahnawaz

    October 10, 2016 at 6:44 am

    वैसे भी भारतीय भाषाई समाचार को सुनते ही कितने लोग हैं यह तो अपनी गुणवत्‍ता पहले ही खो चुका है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement