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उत्तर प्रदेश

यूपी में इतनी स्वायत्तता के बाद भी ऐसी कमजोर सरकार पहले कभी नहीं दिखी

Arvind K Singh : उत्तर प्रदेश के इतिहास में पंडित गोविंद बल्लभ पंत से लेकर मायावती तक तमाम मुख्यमंत्री रहे। लेकिन अखिलेश यादव को जैसा ऐतिहासिक मौका मिला था वैसा किसी और को नहीं। कुछ महीनों पांचतारा रथ यात्रा में प्रदेश देखा और थाली में उनको राज्य की सत्ता सौंप दी गयी। लेकिन इस सत्ता से वे जो सामाजिक आर्थिक बदलाव करके दुनिया के प्रशासकों में अपना नाम लिखा सकते थे वह नहीं कर पाए।

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Arvind K Singh : उत्तर प्रदेश के इतिहास में पंडित गोविंद बल्लभ पंत से लेकर मायावती तक तमाम मुख्यमंत्री रहे। लेकिन अखिलेश यादव को जैसा ऐतिहासिक मौका मिला था वैसा किसी और को नहीं। कुछ महीनों पांचतारा रथ यात्रा में प्रदेश देखा और थाली में उनको राज्य की सत्ता सौंप दी गयी। लेकिन इस सत्ता से वे जो सामाजिक आर्थिक बदलाव करके दुनिया के प्रशासकों में अपना नाम लिखा सकते थे वह नहीं कर पाए।

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न किसानों का दर्द दूर कर पाए न कानून व्यवस्था दुरुस्त कर पाये। इतनी स्वायत्तता के बाद भी ऐसी कमजोर सरकार पहले कभी नहीं दिखी। जितनी नियुक्तियां की उनमें से अधिकतर अयोग्य और कुपात्र। बेहतर लोग नेपथ्य मे रहे। जैसे अब हाथ पांव मार कर वे कुछ फैसले पर रहे हैं, पहले ऐसा ही करते तो आज तस्वीर अलग होती। लेकिन अब पछताने से क्या फायदा। जो समय बीत गया है वह वापस लौट कर नहीं आएगा। और गद्दी से हटने के बाद यह प्रदेश उनको वैसे ही याद करेगा जैसे त्रिभुवन नारायण सिंह को करता है, एक शालीन व्यक्ति के रूप में।

राज्यसभा टीवी में वरिष्ठ पद पर कार्यरत पत्रकार अरविंद कुमार सिंह के एफबी वॉल से.

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