राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अलवर में जापानी कम्पनी को 500 एकड़ जमीन देंगी। क्यों? क्योंकि इस जमीन में जापानी इन्वेस्टमेंट जोन स्थापित होगा! इसमें सैरेमिक्स, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम और मैन्यूफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों पर फॉक्स होगा। लेकिन सरकार को यह भी बतलाना चाहिए कि क्या उक्त निर्णय/घोषणा से पूर्व इस तथ्य का आकलन किया गया है कि इस कारण कितने किसान हमेशा को बेरोजगार हो जाएंगे?
यदि ऐसा नहीं तो क्यों नहीं किया गया? जिन किसानों की बेसकीमती उपजाऊ जमीन जापानी कम्पनी/कार्पोरेट को दी जाएगी, उनके स्थाई पुनर्वास की क्या कोई जमीनी योजना है या नहीं? इस बारे में राजस्थान सरकार को खुलासा करना होगा। स्थानीय किसान नेता होने का दावा करने वाले वर्तमान, निवर्तमान और पूर्व जनप्रतिनिधियों को इस बारे में सजग होकर सामने आना होगा। अन्यथा केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण कानून (काले कानून) की आड़ में अगले चार सालों में न जाने कितने किसानों को आत्महत्या करने को मजबूर किया जाएगा? जो भी पाठक सरकार की इस मनमानी को शोषण, अन्याय और अत्याचार मानते हैं, अपने विचार जरूर लिखें।
डॉ. पुरुषोत्तम मीणा, राष्ट्रीय प्रमुख-हक़ रक्षक दल (HRD) सामाजिक संगठन