लखनऊ के चर्चित पत्रकार संजय शर्मा का नया पड़ाव देहरादून है. यूपी के लखनऊ से वीकएंड टाइम्स का प्रकाशन करने और इसे सफलता पूर्वक स्थापित करने के बाद उन्होंने अखबार का उत्तराखंड एडिशन लांच कर दिया है. वीकएंड टाइम्स उत्तराखंड एडिशन की लांचिंग देहरादून में मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित एक भव्य समारोह में हुआ. इस समारोह में खुद सीएम हरीश रावत ने अखबार को अपने हाथों लांच किया.
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कौन होगा यूपी भाजपा में सीएम पद का चेहरा, कई नाम खारिज तो कई नाम चर्चा में
अजय कुमार, लखनऊ
उत्तर प्रदेश फिर से चुनावी मुहाने पर खड़ा है। राजनीति के गलियारों से लेकर गॉव की चौपालों , शहरों के नुक्कड़ों तक पर हर कोई यही सवाल पूछ रहा है कि कौन होगा यूपी का अगला सीएम। सीएम की दौड़ में कुछ पुराने चेहरे हैं तो कुछ नये चेहरों को भी सीएम पद का संभावित दावेदार समझा जा रहा है। सपा की तरफ से अखिलेश यादव और बसपा की ओर से मायावती की दावेदारी तो पक्की है ही। इसलिये सपा और बसपा में कहीं कोई उतावलापन नहीं है। चुनौती है तो भाजपा और कांग्रेस के सामने। इसमें भी बीजेपी की स्थिति काफी सोचनीय है। सीएम की कुर्सी के लिये भाजपा के संभावित दावेदारों में कई नाम शामिल हैं। दोंनो ही दलों ने अभी तक सीएम उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।
स्टिंग की सीडी से दलालों ने कमाए करोड़ों, सबक सिखाएंगे सीएम रावत
उत्तरांचल : चर्चाओं के अनुसार मुख्यमंत्री हरीश रावत के तख्ता पलट के लिए करोड़ों के नोट बिछाये गए. कथित सीडी का करोड़ों में सौदा किया गया, सौदा करने वाला एक पुराना भूमाफिया और दलाल है। ये दलाल अब ब्लैकमेलिंग करके बिल्डर बन गया है। इस दलाल ने कई नेताओं और अधिकारियों का भी स्टिंग किया हुआ है। ये विवादास्पद दलाल कई अनैतिक धंधों में भी शामिल है। इस दलाल ने ही पत्रकार अशोक पाण्डेय की बेरोजगारी का फायदा उठाया और भाजपा तक पहुँचाने में पाण्डेय को मोहरा बनाया।
मुख्यमंत्री के पीए का स्टिंग करने वाले अशोक पांडेय को भी तो जानिए
मैं यह नहीं कहता कि अशोक पांडेय ने जो स्टिंग किया वह फर्जी है, लेकिन लोगों को यह जानना भी बेहद जरूरी है कि आखिर अशोक पांडेय हैं कौन। मूलतः उत्तर प्रदेश उन्नाव के रहने वाले अशोक पांडेय ने कुछ साल पहले ही उन्नाव में नया प्राइवेट डिग्री कालेज खोला था। तब पांडेय जी समाचार पत्र दैनिक हिन्दुस्तान की कानपुर यूनिट में स्थानीय सम्पादक थे। मुझे नहीं मालूम कि एक डिग्री कालेज खोलने में कितनी लागत लगती है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या एक पत्रकार अपनी पत्रकारिता की कमाई से डिग्री कालेज खोल सकता है…। खैर आगे बढ़ते हैं।
उत्तरांचल पुलिस वाले के सामने हाथ जोड़े हुए पत्रकार अशोक पांडेय
यूपी में लोकायुक्त नियुक्ति पर फिर झटका, राज्यपाल ने सीएम को फाइल बैरंग लौटाई
लखनऊ : लोकायुक्त नियुक्ति पर उत्तर प्रदेश सरकार को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी है। सुप्रीम कोर्ट की फटकार सुनने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लोकायुक्त नियुक्ति के लिए कैबिनेट से जो प्रस्ताव पारित करा लिया था, गवर्नर राम नाईक ने उसे मंजूरी देने से इनकार करते हुए फाइल सीएम को वापस कर दी है, जबकि सरकार किसी भी कीमत पर जस्टिस रवींद्र सिंह को ही लोकायुक्त नियुक्त कराने पर आमादा है।
उत्तराखंड : सीएम ने झूठ बोला, आरोपी आईएएस पर कोई कार्रवाई नहीं, दूसरे दागदार आइएएस को सौंप दी जांच
वाह रे उत्तराखंड सरकार और यहां के मुख्यमंत्री हरीश रावत! शराब और खनन माफिया के साथ सीएम रावत व उनकी चंडाल चौकड़ी के मायाजाल के स्टिंग में शर्मनाक आचरण के आरोपी, उनके निजी सचिव मोहम्मद शाहिद (आईएएस) का अब तक बाल भी बांका नहीं हुआ। मात्र 10 दिन पहले कांग्रेस आलाकमान को रावत ने आश्वस्त किया था कि स्टिंग आपरेशन के कुछ ही घंटों में उन्होंने अपने निजी सचिव को सस्पेंड कर दिया है लेकिन उनका यह ऐलान झूठा निकला। शाहिद का सिर्फ विभाग बदला है। अब सीएम रावत स्टिंग की जांच के नाम पर उत्तराखंड की जनता को ही नहीं, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी की आंखों में धूल झोंकने की शर्मनाक कोशिशों में जुट गए हैं।
सीएम शिवराज ने किया ‘सुबह सवेरे’ के नव-कलेवर अंक का विमोचन
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को भोपाल में दैनिक ‘सुबह सवेरे’ के नव-कलेवर अंक का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ सनसनीखेज बनाने की होड़ में रचनात्मक और सकारात्मक पत्रकारिता कहीं पीछे छूट गई है। जबकि रचनात्मक और सकारात्मक पत्रकारिता के माध्यम से ही देश, प्रदेश और समाज की सेवा की जा सकती है।
‘सुबह सवेरे’ के नव-कलेवर अंक का विमोचन करते मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह एवं अन्य
हरीश रावत निजी सचिव स्टिंग प्रकरण : बेशर्म ‘हिंदुस्तान’ की पत्रकारिता तो देखिए….
आज का हिंदुस्तान 23 जुलाई 2015, दिल्ली व देहरादून अंक, जिस किसी ने पढ़ा, उसे देखकर कोई अंधा भी बता सकता है कि कांग्रेस को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत की जरा भी चिंता नहीं। साथ ही, पूरे देश के अखबारों ने रावत के निजी सचिव की संटिग लीड खबर को जमकर छापा। हिंदुस्तान भारत का अकेला अखबार है जिसे इतनी महत्वपूर्ण खबर नहीं दिखाई दी। दिल्ली में अखबार ने लीड खबर में संसद के हंगामे की चर्चा के साथ चलते- चलते सीएम रावत के निजी सचिव के स्टिंग का हल्का जिक्र करके इतिश्री कर ली।
सीएम रावत अपने ही जाल में फंसे, आपदा राहत घोटाले पर मुख्य सचिव की लीपापोती
देहरादून (उत्तराखण्ड) : आपदा राहत घोटाले में मुख्य सचिव से क्लीन चिट लेकर प्रदेश के कांग्रेसी मुख्यमंत्री हरीश रावत खुद अपने ही जाल में फंस गये हैं। भाजपा प्रवक्ता बलराज पासी ने आपदा घोटाले की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा है कि मुख्य सचिव ने अधिकारियों और सरकार को बचाने के लिए लीपापोती की है। हम विधानसभा सत्र के दौरान इस मामले की सीबीआई जांच की मांग उठाएंगे।
गुजरात की सीएम आनंदीबेन ने भ्रष्टाचार से जुटाई 5000 करोड़ की संपत्ति, भास्कर ने खबर छापकर हटाई !
गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल और उसके बेटे और बेटी ने भ्रष्टाचार से 5 हजार करोड़ की संपत्ति एकत्रित की. ऐसे चौंकाने वाले आरोप के साथ राज्य के दूसरे नंबर के मंत्री नितिन पटेल का ह्स्ताक्षरित पत्र इन दिनों गुजरात के लोगों के लिए कौतूहल का प्रश्न बना हुआ है। इस पत्र की कॉपी दिव्य भास्कर डॉट काम के पास है और तीन दिन पहले ही यह पत्र रिपोर्ट के साथ दिव्य़ भास्कर डॉट काम ने अपनी वेबसाइट पर लगाया था लेकिन कुछ घंटों में ही इसे दबाववश या किसी कारणवश साइट से हटा लिया।
देश के पीएम नरेंद्र मोदी के साथ गुजरात की सीएम आनंदीबेन पटेल
अमनमणि और उसके गुंडे दोस्तों का मीडिया पर हमला, उपजा ने की सीएम से कार्रवाई की फरियाद
लखनऊ : मीडिया द्वारा फोटो खींचने पर अमनमणि त्रिपाठी व उनके समर्थकों द्वारा लखनऊ मीडिया पर हमले की उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ने कड़ी निंदा की है। एसोसिएशन की लखनऊ इकाई के अध्यक्ष अरविन्द शुक्ला ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मांग की है कि घटना में शामिल सभी आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाय।
सीएम शिवराज और ‘आजतक’ संवाददाता राहुल करैया में गोपनीय मुलाक़ात, अक्षय की मौत पर संदेह गहराया
भोपाल : व्यापम की स्टोरी कवर करने दिल्ली से आए ‘आजतक’ चैनल के विशेष संवाददाता अक्षय सिंह की झाबुआ में संदिग्ध परिस्थिति में हुई मौत के वक़्त इंदौर के ‘आजतक’ संवाददाता राहुल करैया भी उनके साथ थे। वे ही इस घटना के एकमात्र चश्मदीद गवाह भी हैं। आज (बुधवार) भोपाल में राहुल को मुख्यमंत्री हॉउस बुलाया गया, जहाँ उनके और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के बीच गोपनीय मुलाक़ात हुई!
घमंड में चूर बीजेपी महासचिव का शर्मनाक बयान, ‘पत्रकार-वत्रकार छोड़ो यार, अक्षय हमसे बड़ा पत्रकार था क्या!’
मध्यप्रदेश में पत्रकार अक्षय सिंह की रहस्यमय हालात में मौत संबंधी एक सवाल के जवाब में बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बेहूदगी भरा जवाब देते हुए कहा- ‘पत्रकार-वत्रकार छोड़ो यार। वो कोई हमसे भी बड़ा पत्रकार था क्या?’ इस हरकत भरी टिप्पणी पर इसलिए मीडिया में रोष है कि जिस समय विजयवर्गीय जब पत्रकार की मौत का मजाक बना रहे थे, प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उनके साथ वहीं पर उपस्थित थे। बयान देने के बाद विजयवर्गीय पत्रकारों की हंसी उड़ाते हुए भी दिखे। जोर से ठहाका भी लगाया।
पत्रकार जगेन्द्र की मौत की जांच रिपोर्ट जल्द, दोषी के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी : अखिलेश
समाजवादी पार्टी का युवा चेहरा अखिलेश यादव दोहरी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वर्ष 2017 के विधान सभा चुनाव पार्टी अखिलेश को आगे करके ही लड़ने का मन बना रही है। प्रदेश में कानून व्यवस्था का बुरा हाल है। उनके मंत्रियों पर भी भ्रष्टाचार-दबंगई के आरोप लग रहे हैं। इन मुद्दों पर वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार …
उत्तर प्रदेश में सुरक्षित नहीं हैं पत्रकार
ये उत्तर प्रदेश है। यहाँ कानून नहीं, बल्कि राजनेताओं, मंत्रियों, किस्म-किस्म के माफिया, अपरााधियों, भाड़े के हत्यारों का राज चलता है। आजकल इस राज्य में गुण्डागर्दी अपने चरम पर है और पूरी तरह ‘जंगलराज’ कायम है।
पत्रकार आधी जंग जीते, जगेंद्र के परिजनों को 30 लाख मुआवजा, दो को नौकरी का भरोसा दिया सीएम अखिलेश यादव ने
नई दिल्ली: पत्रकार जगेंद्र हत्याकांड के आरोपी मंत्री पर तो अभी तक कार्रवाई नहीं हुई लेकिन परिवार से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तीस लाख रुपए के मुआवजे और घर के दो लोगों को नौकरी का भरोसा दे दिया है. इसके बाद परिवार ने धरना खत्म कर दिया है.
जगेंद्र हत्याकांड पर राज्यपाल नाइक से मिले मुख्यमंत्री, निष्पक्ष जांच और मदद पर वार्ता
लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक से आज राजभवन में प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुलाकात की तथा शाहजहांपुर जिले के पत्रकार जगेन्द्र सिंह की मृत्यु के मामले पर विस्तृत चर्चा की. राजभवन से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, राज्यपाल ने मुख्यमंत्री यादव से कहा कि पत्रकार जगेन्द्र सिंह की मौत के मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए जिससे सही तथ्य सामने आयें.
जगेंद्र हत्याकांड पर मुख्यमंत्री की हठधर्मिता और शिवपाल का बयान शर्मनाक
शाहजहांपुर : पत्रकार जगेंद्र सिंह की मौत के बाद उनके परिवार के लिए उत्तर प्रदेश के सीएम अखिलेश यादव से मदद मिलने के बजाय सरकार अपनी हठधर्मिता पर उतारू है। सपा के कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह ने जो बयान जगेंद्र की हत्या को लेकर दिया, वह शाहजहांपुर ही नहीं, पूरे देश को शर्मसार करने वाला है।
जगेंद्र हत्याकांड पर पीएम, सीएम से बात करेंगे राज्यपाल, अखिलेश अपनो की करतूत से विचलित
यूपी के राज्यपाल राम नाइक ने पत्रकार जगेंद्र सिंह के परिजनों को भरोसा दिया है कि वह घटना की विश्वसनीय जांच सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बात करेंगे। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बहराइच में गत दिवस संकेतों में कहा कि हमारी सरकार के कुछ लोग गलत काम कर रहे हैं। उधर, जगेंद्र सिंह का परिवार पिछले कई दिनो से धरने पर बैठा है लेकिन आरोपी मंत्री के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से पूरे घटनाक्रम पर रिपोर्ट तलब कर ली है। मामले की अगली सुनवाई आगामी 24 जून को होगी।
सीएम खट्टर ने मुझे मीडिया के पास जाने से मना किया है : सांसद अश्विनी चोपड़ा
सोनीपत / पानीपत (हरियाणा) : सांसद अश्विनी चोपड़ा ने खुलासा किया है कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने उन्हें मीडिया के पास जाने से मना किया है। सीएम ने कहा कि वे उनसे सीधी बात करें। आगे से अपने मुद्दों को लेकर मीडिया के पास न जायें। सांसद के अनुसार सीएम ने कहा- ‘क्या जरूरत है, आपको मीडिया में जाने की, मुझे बताओ, मैं सब ठीक करूंगा।’ इस पर चोपड़ा का सीएम को जवाब था – ‘मैं भी चाहता हूं कि आपसे बतौर सांसद बात करूं, पर क्षेत्र की उपेक्षा सहन नहीं कर पाता और मेरे भीतर का पत्रकार जाग उठता है, मैं क्या करूं?’
काश, कोई ‘हेमंत तिवारी’ जगेंद्र सिंह का केस भी सीएम तक पहुंचा दे
शाहजहांपुर के सोशल मीडिया पत्रकार जगेन्द्र सिंह का लखनऊ के सिविल अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। जगेंद्र सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय थे और वो सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर काफी मुखर थे। राजधानी लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार एन यादव का हृदयगति रुक जाने से निधन हो गया। वे हिंदी दैनिक आज के ब्यूरो प्रमुख पद पर कार्यरत रहे थे।
दम तो है केजरीवाल की तल्खी में
अरविन्द केजरीवाल की तल्खी और आरोपों को लगाने की दमदारी का मैं हमेशा कायल रहा हूं। एक सशक्त लोकतंत्र में जब तक इस तरह की बेबाकी नहीं होगी तब तक उसकी गूंज राजनीतिक गलियारों से लेकर मीडिया तक सुनाई नहीं देगी। सफल लोकतंत्र का तो सबसे बड़ा तकाजा भी यही बोलता है कि पक्ष से ज्यादा ताकतवर विपक्ष होना चाहिए तब ही जनता के हित सुरक्षित रह सकेंगे। इसमें भी कोई शक नहीं कि भाजपा ने विपक्ष का रोल पूरी दमदारी से निभाया और आज भी सत्ता पक्ष में आने के बावजूद वह अपने प्रचार-प्रसार और मार्केटिंग में कोई कोताही नहीं बरत रही है। इसके ठीक विपरित कांग्रेस की हालत यह है कि उसकी ट्यूबलाइट लगातार बुरी तरह हार के बावजूद आज तक नहीं जलती दिख रही है।
जयललिता, हरे टोटके और अधूरा राष्ट्रगान
नायिका से नेत्री बनी जयललिता भले ही पांचवीं बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बन गईं हों. लेकिन हर बार किसी न किसी कारण से विवाद में घिर जाने वाली इस आयरन लेडी ने शपथ के साथ ही राष्ट्रगान के अपमान के विवाद को जन्म दे दिया है।
जनविरोधी है सचिवालय प्रवेश व्यवस्था, बदलने को प्रत्यावेदन
लखनऊ : आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने सचिवालय प्रवेश की वर्तमान व्यवस्था को पूरी तरह जनविरोधी, अव्यवहारिक और अनुचित बताते हुए इसे बदले जाने की मांग की है.
मजीठिया से बचने के लिए जागरण का नया हथकंडा, पहले पेज पर मुक्त कंठ से सीएम उपासना
मजीठिया वेतनमान देने से बचने के लिए दैनिक जागरण प्रबंधन अब तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा है। कभी कर्मचारियों को धमकाता है तो कभी प्रलोभन देने लगता है। अब कर्मचारी उसके झांसे में आने वाले नहीं हैं। कर्मचारियों ने अब गांधीवादी तरीके से मजीठिया की लड़ाई जारी रखने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी राज्य सरकारों को आदेश जारी कर गेंद कर्मचारियों के पाले में डाल दी है।
सीएम शिवराज ने किया ‘आंखों देखी फांसी’ का लोकार्पण
भोपाल : किताब ‘ऑंखों देखी फांसी’ एक रिपोर्टर के रोमांचक अनुभव का दस्तावेज है. किसी पत्रकार के लिये यह अनुभव बिरला है तो संभवत: हिन्दी पत्रकारिता में यह दुर्लभ रिपोर्टिंग. लगभग पैंतीस वर्ष बाद एक दुर्लभ रिपोर्टिंग जब किताब के रूप में पाठकों के हाथ में आती है तो पीढिय़ों का अंतर आ चुका होता है. बावजूद इसके रोमांच उतना ही बना हुआ होता है जितना कि पैंतीस साल पहले. एक रिपोर्टर के रोमांचक अनुभव का दस्तावेज के रूप में प्रकाशित ये किताब हिन्दी पत्रकारिता को समृद्ध बनाती है. देश के ख्यातनामा पत्रकार गिरिजाशंकर की इस किताब का विमोचन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने गत दिनो किया. इस अवसर पर कार्यक्रम में सम्पादक श्रवण गर्ग भी उपस्थित थे.
संदिग्ध पत्रकारों से मुख्यमंत्री अखिलेश की सुरक्षा को खतरा
उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार ने उन लोगों के लिए नए अवसरों के रास्ते खोल दिए हैं, जो एक साथ दो रोज़गार करना चाहते हैं। प्रदेश सरकार ने निर्धारित नियमों का अतिक्रमण करते हुए दर्जियों, निजि सचिवों, यात्रा एजेंटों, स्थावर संपदा (रियल एस्टेट) एजेंटों, सेवानिवृत्त सरकारी लिपिकों, फास्ट फूड बेचने वालों, फार्मेसिस्टों, शिक्षकों, राजनीतिज्ञों के पुत्रों और यहां तक कि हत्या के आरोपियों को भी पत्रकार के रूप मान्यता दे दी है। नियमानुसार पांच साल तक लगातार पत्रकारिता का अनुभव रखने वालों को ही मान्यता दी जा सकती है।
इसी तरह गुजरात में ‘सीएम नरेंद्र मोदी’ को खत लिखकर एक और किसान ने की थी आत्महत्या
दौसा के किसान गजेन्द्र की आत्महत्या पर सभी दल अब अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने लगे हैं लेकिन ऐसे कई गजेन्द्र गुजरात में भी हैं. गुजरात के जामनगर जिले के कल्य़ाणपुरा तालुका के छिजवड़ गांव के अनिरुद्ध सिंह जाड़ेजा ने भी ठीक गजेन्द्र की ही तरह 4 अक्टूबर 2012 को नरेन्द्र मोदी के नाम पत्र लिखकर आत्महत्या कर ली थी. उस समय नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे.
अलवर के किसानों को रोड पर लाने की शुरुआत!
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अलवर में जापानी कम्पनी को 500 एकड़ जमीन देंगी। क्यों? क्योंकि इस जमीन में जापानी इन्वेस्टमेंट जोन स्थापित होगा! इसमें सैरेमिक्स, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम और मैन्यूफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों पर फॉक्स होगा। लेकिन सरकार को यह भी बतलाना चाहिए कि क्या उक्त निर्णय/घोषणा से पूर्व इस तथ्य का आकलन किया गया है कि इस कारण कितने किसान हमेशा को बेरोजगार हो जाएंगे?
व्यापमं घोटाले में नाम आने के बाद सीएम शिवराज ने मीडिया से दूरी बनाई
भोपाल : अपना और अपने परिजनों का नाम व्यापमं घोटाले में आने के बाद से ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से दूरी बना ली है। अब यूएनआई, पीटीआई और एएलआई के माध्यम से उनकी सूचनाएं मीडिया तक पहुंच रही हैं।
यूपी में महिला आईएएस पर डीएम की बुरी नजर, सीएम तक पहुंची बात, आईएएस एसोसिएशन भी गंभीर
लखनऊ/दिल्ली : उत्तर प्रदेश में तैनात एक ट्रेनी महिला आईएएस की आपबीती ने गोरखपुर के जिलाधिकारी रंजन कुमार के आचरण को संदिग्ध बना दिया है। आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ.नूतन ठाकुर के मुताबिक महिला अफसर ने उनसे मिलकर अफसर की बदनीयती की सारी हरकत खोल दी है। एक अखबार ने इस पूरे मामले का रहस्योदघाटन किया है। मामला मुख्यमंत्री तक पहुंच चुका है। सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन के सचिव संजय भूस रेड्डी और यूपी आईएएस एसोसिएशन के सचिव भुवनेश कुमार ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है।
वसुन्धरा राजे ने किया ज़ी राजस्थान न्यूज चैनल के लोगो का अनावरण
जयपुर : मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने सोमवार को अपने आवास पर ज़ी मीडिया समूह के प्रादेशिक न्यूज चैनल ज़ी राजस्थान न्यूज के लोगो का अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने चैनल की री-लॉन्चिग भी की। इस मौके पर ग्रुप के सीईओ भास्कर दास और चैनल के स्टेट हैड पुरुषोत्तम वैष्णव भी मौजूद रहे।
पत्रकार ने लिखी सीएम शिवराज सिंह चौहान पर किताब
भोपाल : पत्रकार कृष्णमोहन झा ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर एक किताब लिखी है- ‘संकल्प सेवा समर्पण की त्रिवेणी शिवराज’। पुस्तक का प्रकाशन सुदित पब्लिकेशन्स द्वारा किया जा रहा है। पुस्तक में अलग-अलग लेखों में मुख्यमंत्री के नौ वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियों का चित्रण किया गया है।
पीएम-सीएम से आईपीएस अमिताभ की मांग, हाशिमपुरा कांड के पीड़ितों को मिले न्याय
लखनऊ : आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से हाशिमपुरा के पीड़ितों को न्याय देने के लिए हर संभव कदम उठाने का निवेदन किया है.
आरोपी मंत्री को बचाने पर सीएम की राज्यपाल से शिकायत
लखनऊ : सामाजिक कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक से शिकायत की है कि तीन साल की सजा पाने के बावजूद मंत्री कैलाश चौरसिया को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हटाया नहीं है। उनका कहना है कि कैलाश चौरसिया अब कानूनन मंत्री नहीं हैं।
आईपीएस पर रेप का फर्जी आरोप लगाने वाली महिला का पति समाजवादी पार्टी का नेता निकला
: सीबीआई जांच की मांग : मेरे और मेरे पति अमिताभ ठाकुर पर गाज़ियाबाद की एक महिला द्वारा लगाए गए पूर्णतः फर्जी बलात्कार के आरोपों में आज हमें महत्वपूर्ण जानकारी हासिल हुई. यह ज्ञात हुआ कि खुद को गरीब असहाय कहने वाली इस महिला के पति ‘वरिष्ठ’ सपा नेता हैं जो मोहल्ले में काम लायक रसूख और पहचान रखते हैं. इस तथ्य के सामने आने के बाद पूरे केस की वस्तुस्थिति देखते हुए मुझे पूर्ण विश्वास हो गया है कि यह षडयंत्र मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति द्वारा उनके खिलाफ चल रही जांच में डराने और फंसाने के लिए कराया गया है.
यूपी में जंगल राज : आप लोग इस यादव के खिलाफ कुछ लिखते क्यों नहीं?
Yashwant Singh : एक मेरे उद्योगपित मित्र कल मिलने आए. बोले- यार कुछ लिखते क्यों नहीं आप लोग इस यादव के खिलाफ?
मैंने पूछा- किस यादव के खिलाफ? उनका पूरा नाम पता तो होगा?
गैर-आदिवासी और गैर-झारखंडी के हाथ में झारखंड की कमान
झारखंड में भाजपा की राजनीति कैसे सफल हुई और मोदी की राजनीति कितनी कारगर साबित हुई, इस पर हम चर्चा करेंगे लेकिन सबसे पहले प्रदेश में बनने वाले पहले गैर-आदिवासी और गैर-झारखंडी मुख्यमंत्री के बारे में कुछ जानकारी। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने पहले रघुबर दास के नाम पर सहमति जताई और इसके बाद अपने सिखाए पढाए दूतों के जरिए रांची में रघुबर के नाम की घोषणा करवा दी। रघुबर दास इस राज्य के पहले गैर-आदिवासी मुख्यमंत्री होने जा रहे हैं। रघुबरदास के बारे में अखबारों में कई तरह की खबरें छप रही हैं। उनके व्यक्तित्व, उनके परिवार, उनकी शिक्षा दीक्षा, उनके खान पान और न जाने क्या क्या।
जी न्यूज के एंकर ने बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के साथ बदतमीजी की
Dilip C Mandal : बात-बात पर जाति का रोना लेकर मत बैठिए. यह सही है कि न्यूज एंकर ने बिहार के माननीय मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के साथ जो बदतमीजी की, और उनके बारे में जिस अंदाज और भाषा में बाकी जगह भी बात की जा रही है, उसके पीछे जाति है, लेकिन आपको मान्यवर कांशीराम बनने से किसने रोका है. कांशीराम साहेब के साथ कोई ऐसा करने की सोच सकता था क्या?
आईएएस अफसर सदाकांत व संजीव शरण का तबादला और दो घंटे बाद तबादले का निरस्त होना….
Amitabh Thakur : बीती बात बिसारिये… आईएएस अफसर सदाकांत और संजीव शरण का तबादले और मुख्यमंत्री द्वारा काम करने पर तबादला निरस्त करने की कथित चेतावनी के दो घंटे के अन्दर ही इनका तबादला निरस्त हो जाने के प्रकरण में मैं अकादमिक फ्रंट पर यह अवश्य कहना चाहूँगा कि 28 जनवरी 2014 को आईएएस तथा आईपीएस कैडर संशोधन नियमावली के लागू हो जाने के बाद अब किसी भी आईएएस तथा आईपीएस अफसर का तबादला मात्र सिविल सेवा बोर्ड की संस्तुतियों पर ही किया जा सकता है और किसी अन्य प्राधिकारी, चाहे वह कितना भी बड़ा क्यों ना हो, को इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है. ये नियम काफी सोच-विचार के बाद बनाए गए थे और इनसे किसी भी प्रकार का दुराव प्रशासनिक व्यवस्था में हानिकारक प्रभाव ही उत्पन्न करेगा. प्रशासन में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व के क्षेत्र में कार्य करने के नाते मैं चाहता हूँ और उम्मीद करता हूँ कि बेहतर प्रशासन के लिए ये नियम पूरे देश में पूरी तरह से पालन किये जायेंगे और इनमे किसी स्तर पर मनमर्जी के दवाब में कोई शिथिलता नहीं बरती जायेगी.