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सुख-दुख

AIR में न्यूज रील विभाग के इंचार्ज अतर सिंह की उच्चाधिकारियों से तगड़ी सेटिंग है! पढ़ें शिकायती पत्र

सेवा में
प्रधानमंत्री जी
भारत सरकार

विषय– आकाशवाणी दिल्ली के न्यूज रील विभाग में कार्यरत कैजुअल कर्मचारियों को सताने, परेशान करने, महिला कर्मियों का शोषण करने और अपनी मनमानी करने वाले न्यूल रील इंचार्ज के खिलाफ शिकायती सूचना

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महोदय,

निवेदन यह है कि हम सभी कैजुअल कर्मचारी बीते 10-20 वर्षों से आकाशवाणी दिल्ली के न्यूज रील विभाग में कार्यरत हैं। हम में से बहुत से कर्मी इस लॉकडाउन के दौरान भी लगातार अपनी सेवाएं विभाग को दो-दो शिफ्टों में दे रहे हैं। परन्तु न्यूजरील विभाग में तैनात इंचार्ज अतर सिंह जी विभाग को अपनी निजी संपत्ति मान कर व्यवहार कर रहे हैं। उनका व्यवहार इस प्रकार है जैसे वह न्यूजरील के राजा हैं और वहां काम करने वाले कैज्यूअल कर्मी उनकी प्रजा। उनका व्यवहार बिना अंकुश के राजा के समान है जो नियमों की कोई परवाह नहीं करता और अपनी मर्जी करता है।

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  • इनको किसी कर्मचारी से बात करने की कोई तमीज ही नहीं है। इस प्रकार बात करते हैं जैसे विभाग में कार्य करने वाले कैज्यूअल कर्मी कर्मचारी न होकर इनके आदेश के गुलाम हैं। ये हमेशा तू तड़ाक की भाषा का ही इस्तेमाल करते हैं। पुरूष कर्मचारियों के साथ ही महिला कर्मचारियों के साथ भी तू तड़ाक की भाषा का प्रयोग इनके द्वारा किया जाता है।
  • विभाग के द्वारा एक माह में 6-10 या उससे भी अधिक दिन तक ही ड्यूटी लगाई जाती है। इससे किसी के लिए भी अपना जीवन निर्वहन संभव नहीं है। इसी कारण अधिकतर लोग अन्य कोई न कोई कार्य करते हैं तथा अपनी उपलब्धता के अनुसार अपनी ड्यूटी लगवाते हैं। ऐसे में बार-बार इन महोदय द्वारा परेशान किया जाता है कि जिसे ड्यूटी करनी है वह उनकी बतायी शिफ्ट अनुसार आयेगा। जबकि सभी शिफ्ट में ड्यूटी करने वाले कर्मचारी उपलब्ध हैं लेकिन जान बूझ कर सुबह शिफ्ट वालों को शाम को और शाम वालों को दिन में, रात वालों को शाम को ड्यूटी करने पर मजबूर किया जाता है।
  • इस लॉकडाउन में भी इनका यही रवैया कायम है। ऐसे वक्त में जब देश के प्रधानमंत्री स्वयं यह कह रहे हैं कि किसी की नौकरी न छीनी जाए, ये महोदय उन लोगों के लिए एक फरमान जारी कर देते हैं और कहते हैं कि जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान अप्रैल माह में ड्यूटी नहीं की उन्हें अगले चार्ट यानी मई माह में केवल दो ही ड्यूटी दी जाएगी। उसके लिए भी, उन्हें डयूटी रिक्वेस्ट देने के लिए ऑफिस के रजिस्टर में रिक्वेस्ट लिखानी होगी, फोन पर की गई रिक्वेस्ट स्वीकार नहीं होगी।
  • जो व्यक्ति लॉकडाउन में बाहर नहीं जा सकता है, वह ड्यूटी रिक्वेस्ट लिखने के लिए पहले ऑफिस कैसे आएगा? ये सब जनबूझ कर किया जा रहा है ताकि कुछ चहेते और पसंदीदा लोगों को ड्यूटी दी जा सके। (कर्मचारियों के वाट्स एप्प ग्रुप पर जारी आदेश के स्क्रीन शार्ट की कॉपी संलग्न है)
  • पूर्व में कुछ वर्ष पूर्व भी अतर सिंह जी न्यूज रील इंचार्ज रहे थे। उस वक्त भी इनका रवैया इसी प्रकार निरंकुश था। महिलाओं के संबंध में कुछ शोषण की लगातार शिकायतों के बाद इन्हें उस समय न्यूज रील से हटा दिया गया था। परन्तु उस वक्त भी इस व्यक्ति पर की गई शिकायतों की विभाग ने कोई जांच नहीं की। बावजूद इसके फिर दुबारा ऐसे व्यक्ति को उसी जगह इंचार्ज न जाने किस आधार पर बना दिया गया? संगीन शिकायतों के बाद इन्हें हटाया जाना और फिर से उसी जगह इंचार्ज बनाया जाना विभाग में इनकी सैटिंग को दर्शाता है।
  • इनका दिल्ली से बाहर कई बार ट्रांसफर हो चुका है लेकिन हर बार यह कोई न कोई सैटिंग विभाग में लगा कर अपना ट्रंसफर रुकवा लेते हैं।
  • अप्रैल माह में कुछ केज्यूअल कर्मियों ने लॉक डाउन का पालन करने के दौरान ड्यूटी करने में असमर्थता जताई। लेकिन श्रीमान अतर सिंह जी ने फरमान जारी किया कि अब उनकी दो ही ड्यूटी लगाई जाएंगी, जबकि अधिकतर लोगों ने इन्हें इनके व्हाट्सएप नंबर पर 15 अप्रैल के बाद ड्यूटी लगाने की रिक्वेस्ट दी थी।

सवाल – जब लोग आने को तैयार हैं तो यह महाशय किस आधार पर लोगों के काम करने में सेंध लगा रहे हैं?

क्या आकाशवाणी ने कोई सर्कुलर या नोटिफिकेशन जारी किया है जिसमें कहा गया हो कि जिन्होंने 1 से 15 अप्रैल ड्यूटी नहीं की अब आगे वो सिर्फ दो ही ड्यूटी करेगा?

क्या तू तड़ाक की भाषा न्यायोचित है?

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मजबूरी में यदि कोई एक ड्यूटी छोड़े तो क्या उसकी बाकी ड्यूटी काट लेने के संबंध में आकाशवाणी ने इसकी छूट श्रीमान अतर सिंह जी को दी है?

अवश्य ही उच्च अधिकारियों को गलत सूचना प्रेषित की गई होगी ताकि कोई सवाल ही ना उठ पाए। तभी यह सज्जन संरक्षित है।

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ऐसे निरंकुश अधिकारी पर विभाग और मंत्रालय को कार्यवाही करनी चाहिए जो अपनी मनमर्जी करते रहे और ऐसे वक्त में भी अपनी मनमर्जी से बाज नहीं आ रहे जब देश के प्रधानमंत्री ने इस संबंध में दिशा निर्देश दिये हैं।

नियमों को न मानने, अपनी मनमर्जी करने और कैज्यूअल कर्मियों का विभिन्न तरह से शोषण करने वाले इस अधिकारी पर विभाग और मंत्रालय द्वारा कार्रवाई की जानी चाहिए।

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सभी न्यूज रील कर्मचारी

सामाचार सेवा प्रभाग, आकाशवाणी, दिल्ली

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(इस शिकायत में जानबूझ कर कैज्यूअल कर्मी का नाम नहीं दिया गया है क्योंकि उपरोक्त न्यूज रील अधिकारी के रहते कोई भी अपना नाम जाहिर नहीं करना चाहता लेकिन इस व्यक्ति को न्यूज रील अधिकारी के पद से हटाने पर बहुत से लोग नाम सहित शिकायत करने को तैयार हैं।)

कॉपी संलग्न – सूचना एवं प्रसारण मंत्री भारत सरकार

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सचिव, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार

चैयरमैन, प्रसार भारती, दिल्ली

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सीईओ, प्रसार भारती, दिल्ली

डायरेक्टर जनरल, समाचार सेवा प्रभाग, आकाशवणी दिल्ली

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एडीजी, समाचार सेवा प्रभाग, आकाशवणी दिल्ली

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