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उत्तराखंड

प्रेस क्लब भवन के बारे में अमर उजाला ने छापी झूठी खबर

रुद्रपुर (उत्तराखंड)। ‘जोश सच का’ घोष वाक्य के साथ प्रकाशित हो रहे उत्तर भारत के प्रमुख हिंदी दैनिक अमर उजाला को झूठी खबर छापने पर मानहानि करने का कानूनी नोटिस भेजा गया है। 

<p>रुद्रपुर (उत्तराखंड)। ‘जोश सच का’ घोष वाक्य के साथ प्रकाशित हो रहे उत्तर भारत के प्रमुख हिंदी दैनिक अमर उजाला को झूठी खबर छापने पर मानहानि करने का कानूनी नोटिस भेजा गया है। </p>

रुद्रपुर (उत्तराखंड)। ‘जोश सच का’ घोष वाक्य के साथ प्रकाशित हो रहे उत्तर भारत के प्रमुख हिंदी दैनिक अमर उजाला को झूठी खबर छापने पर मानहानि करने का कानूनी नोटिस भेजा गया है। 

वरिष्ठ अधिवक्ता जरनैल सिंह शेखों द्वारा भेजे गये नोटिस के अनुसार अमर उजाला में प्रकाशित एक खबर से प्रेस क्लब ऊधमसिंह नगर (रुद्रपुर) रजि0 की मानहानि हुई है। अमर उजाला के एमडी राजुल माहेश्वरी, प्रकाशक राहुल चैहान, संपादक हरिश्चंद्र सिंह एवं ब्यूरो प्रमुख रुद्रपुर, भाष्कर पोखरियाल को भेजे गये नोटिस में कहा गया है कि उनके द्वारा अमर उजाला में 5 जुलाई को प्रकाशित ‘खंडहर बना 40 लाख का प्रेस क्लब भवन’ झूठे तथ्यों पर आधारित और भ्रामक है। इस खबर में बताया गया है कि शासन द्वारा दिए गये धन से निर्मित भवन की चाबियां कार्यदायी एजेंसी ने एक संस्था को गुपचुप तरीके से सौंप दीं। बाद में प्रेस क्लब भवन परिसर में कुछ लोगों ने वाहन पार्किंग बना ली, साथ ही यह भवन जुआरियों, नशेड़ियों का अड्डा बन गया। इसके साथ ही खबर में लिखा है कि रख-रखाव के अभाव में भवन खंडहर में तब्दील हो गया है।

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प्रेस क्लब अध्यक्ष बीसी सिंघल के अनुसार भवन सही-सलामत है। भवन निर्माण के बाद प्रशासन ने लिखित में विधिवत तरीके से चाबियां सौंपी थीं, जिसके कागजात उनके पास हैं। भवन में एक केयर-टेकर रहता था। अगर वहां जुआरी और नशेड़ी पाये गये थे तो खबर लिखने वाले पत्रकार को चाहिए था कि पुलिस और प्रशासन को सूचित करता साथ ही अवांछित लोगों के फोटो ले लेता। इसके अलावा खबर लिखते वक्त सभी तथ्यों की जांच पड़ताल करनी चाहिए थी और प्रेस क्लब अध्यक्ष से भी इस संबंध में बात कर लेनी चाहिए थी, जैसा कि आमतौर पर पत्रकार खबर से संबंधित व्यक्ति का पक्ष खबर को पुष्ट करने के लिए लेते ही हैं। लेकिन अमर उजाला के पत्रकार ने पत्रकारिता के मानदंडों का पालन नहीं किया और एकतरफा झूठी, भ्रामक खबर छाप दी। जिससे पंजीकृत प्रेस क्लब और उससे जुड़े सम्मानित पत्रकारों की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है।

इस खबर का संज्ञान लेकर जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी और जिला सूचना अधिकारी को मौखिक आदेश देकर प्रेस क्लब भवन पर सरकारी ताला डलवा दिया। वहां रह रहे केयर टेकर को वहां से अन्यत्र जाने के लिए एक-दो दिन का समय भी नहीं दिया, और तुरंत उसका सामान निकलवा लिया। बताया जाता है कि ताला डालने की सूचना पर प्रेस क्लब अध्यक्ष बीसी सिंघल जब डीएम से वार्ता करने, वास्तविक तथ्य उनके समक्ष रखने गये तो डीएम ने उनकी एक न सुनी।

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