यशवंत जी के सम्मानित पोर्टल भड़ास4मीडिया पर मेरे बारे में जो खबर प्रकाशित कराई गई, वह सरासर बे-बुनियाद है। पब्लिक एप के ग्रुप में त्रुटिवश मेरे मित्र सौरभ जी द्वारा मेरे नंबर को ऐड किया गया था। जिसका फायदा उठाकर मेरे विरोधियों द्वारा मेरा छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया।
मेरी निष्पक्ष पत्रकारिता से कई स्थापित ठेकेदारों के धंधे पर ताला लग गया है। जिससे अब वह मुझे हर वक्त गिराने के प्रयास में लगे रहते हैं। उक्त कृत्य शायद उन्हीं में से किसी ने अंजाम दिया है।
खैर चलो…हाथी चले बाजार, कुत्ते भौंके हजार। फिलहाल पब्लिक ऐप के आधिकारिक ग्रुप में मेरे बारे में जो खबर चल रही थी उस संबंध में स्पष्टीकरण मेरे मित्र द्वारा पोस्ट कर दिया जा चुका है। जिसका स्क्रीनशॉट संलग्न है।
वैसे अपने विरोधियों को एक बात और बता देना चाहता हूं कि अमृत विचार यूं ही तेजी से उभरता हुआ अखबार नहीं बन रहा है। अमृत विचार में हम सभी कर्मचारी नहीं परिवार समझ कर कार्य करते हैं। जिसे हमारे संपादक आदरणीय श्री शंभू दयाल वाजपेयी एकता के सूत्र में पिरो रखा है। अखबार को शिखर पर पहुंचाने की लक्ष्य प्राप्ति के लिए उनका अथक परिश्रम हम सभी को ऊर्जा देता है।
अमृत विचार से मुझे गुजारे भर के लिए पर्याप्त सैलरी मिलती है। जिससे अपनी हर जरूरत को बहुत ही आसानी से पूरा कर लेता हूं। अफसोस इस बात का है कि खबर में सैलरी भी बेहद कम दिखाई गई है। फिलहाल किसी दूसरे संस्थान में सेवाएं देने का सवाल ही नहीं उठता।
मूल ख़बर..