श्याम मीरा सिंह-
रिपब्लिक टीवी के इन एंकर को आपने देखा होगा, अभी अभी न्यूज़ मिली है कि विकास शर्मा अब दुनिया में नहीं रहे, अचानक हार्ट अटैक आने से उनकी असमय मृत्यु हो गई है. उनकी पत्रकारिता ने हमेशा दुखी किया है, ये वक्त हम सभी को इस बात को भी याद दिला रहा है कि हमेशा-हमेशा के लिए कोई नहीं आता. अंत में हमारी अच्छाइयाँ ही हमारी मौत के बाद हमारा परिचय देती हैं.

विकास ज़रूर निजी जीवन में अच्छे रहे होंगे. पर उनकी पत्रकारिता कभी याद नहीं की जाएगी. फिर भी हमारे यहाँ रिवाज है कि जाने वाले को बुरा नहीं कहा जाता. विकास को अंतिम विदाई देते समय मन में कोई मैल नहीं है बस अफ़सोस है कि काश विकास और अधिक दिन जीते और जीते जी ही इस धुँध से बाहर निकल पाते और जीवन की सुंदरता को देखते, इस मुल्क के बाँधों से उतरते पानी को घंटों घूरते, समुंदर से थपेड़े खाते किनारों को देखते, काश उन्हें जीते जी गोदावरी जाने का मौक़ा मिलता और वे गंगा के तट पर बैठकर आते-जाते लोगों को देखते और इस जीवन की सुंदरता को देख पाते.
हर आदमी में बनने, संभलने की गुंजाइश होती है, मुझे पूरी उम्मीद है कि इस देश की विविधता में खोकर, ज़रूर विकास अपने अंदर की सुंदरता को देख पाते और उस काम को छोड़ देते या कम कर देते जो उन्होंने अपनी पत्रकारिता के दिनों में किया. पर हम सब एक बड़ी सी गाड़ी के मुसाफ़िर हैं कब किस से उतरने के लिए कह दिया जाए क्या मालूम.
विकास का सफ़र इतना ही था, उनसे कोई बुराई नहीं है, उनके लिए कोई दूराह नहीं है मन में, बस उनके लिए अफ़सोस है कि ईश्वर ने उन्हें और अधिक उम्र क्यों नहीं बक्शी. शायद वे एक दिन बदलते.
अगर इस पृथ्वी के पार कोई गृह हो जहां, यहाँ से चले जाने वाले लोग रहते हों तो यही दुआ करते हैं कि विकास जहां भी हों उन्हें शांति मिले, ईश्वर उन्हें अपने चरणों में जगह देते हुए माफ़ कर दे और उनके परिवार के दुःख को कम करे.
ॐ शान्ति
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Comments on “रिपब्लिक टीवी के इस युवा एंकर की हार्ट अटैक से मौत”
विनम्र श्रद्धांजलि विकास भाई को
■ श्याम भाई
लिखने से पहले स्थिति तो देखा करो….आपकी शैली निन्दनीय है ।
आप जो भी हो आपकी लिखी लाइन देखकर आपकी सोच दिख जाती है। नाम के साथ मीरा लिखा देख श्रद्धा हुई लेकिन विचार देखकर आपको कोसने को मन किया। किसकी पत्रकारिता कैसी है ये आप तय करने वाले कौन है। शर्मनाक