Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

आम्रपाली वाले बेइमान बिल्डर अनिल शर्मा के खिलाफ 100 निवेशकों ने लिखाई एफआईआर

नोएडा : बेईमान बिल्डर अनिल शर्मा पर 100 निवेशकों ने मिलकर लिखाई एफआईआर… चारों एफआईआर में 100 निवेशकों के नाम… धोखाधड़ी, अमानत में खयानत की धारा में केस… बिसरख थाने में दर्ज हुई आम्रपाली के मालिक अनिल शर्मा पर एफआईआर… अब हो सकता है आम्रपाली बिल्डर अनिल शर्मा गिरफ्तार…

नोएडा : बेईमान बिल्डर अनिल शर्मा पर 100 निवेशकों ने मिलकर लिखाई एफआईआर… चारों एफआईआर में 100 निवेशकों के नाम… धोखाधड़ी, अमानत में खयानत की धारा में केस… बिसरख थाने में दर्ज हुई आम्रपाली के मालिक अनिल शर्मा पर एफआईआर… अब हो सकता है आम्रपाली बिल्डर अनिल शर्मा गिरफ्तार…

Advertisement. Scroll to continue reading.

कुल 60,000 निवेशकों का 19,000 करोड़ रुपये यह चोर बिल्डर अनिल शर्मा पी गया.. यह बिल्डर महरानीबाग दिल्ली में अपने घर पर छिपा हुआ है… मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मीटिंग में भी नहीं पहुंचा था अनिल शर्मा… लखनऊ में बिल्डरों के साथ सीएम की थी मीटिंग…   लोग अब पूछने लगे हैं कि कब होगा आम्रपाली बिल्डर अनिल शर्मा गिरफ्तार?

ज्ञात हो कि रीयल इस्टेट कंपनी आम्रपाली का भगोड़ा मालिक अनिल शर्मा वैसे तो हजारों निवेशकों का पैसा दाबे बैठा है और खुद के पास पैसा न होने का रोना रोते हुए लोगों को उनका घर नहीं दे रहा है लेकिन जब उसका दामाद, जो आम्रपाली का सीईओ भी है, और एक डायरेक्टर गिरफ्तार होता है तो फौरन वह चार करोड़ 29 लाख रुपये जमा करवा देता है. आखिरकार 4 करोड़ 29 लाख जमा करने के बाद छूट गए आम्रपाली ग्रुप के दोनों पदाधिकारी. पार्ट पेमेंट के लिए कंपनी के पदाधिकारी कर रहे थे प्रशासन से अनुरोध, लेकिन पूरी पेमेंट जमा करने पर अड़ गए एडीएम दादरी अमित कुमार. अंततः पूरी पेमेंट जमा करवा कर ही आम्रपाली के दोनों लोगों को रिहा किया गया.

Advertisement. Scroll to continue reading.

गिरफ्तार लोगों में आम्रपाली बिल्डर्स के सीईओ ऋतिक कुमार और आम्रपाली के मैनेजिंग डॉयरेक्टर निशांत मुकुल शामिल हैं. ऋतिक कुमार आम्रपाली ग्रुप के मालिक अनिल शर्मा का दामाद है. घर का सपना संजोकर बैठे लोग लंबे समय से अटके प्रोजेक्ट के चलते परेशान हैं. उन्हें न अपने जमा किए पैसे मिल रहे हैं और न ही बिल्डरों द्वारा अब तक पजेशन मिल सका है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों के खिलाफ लोगों का विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है. सैकड़ों की संख्या में एकत्र होकर लोग बिल्डरों के ऑफिस के सामने नारेबाजी और प्रदर्शन कर रहे हैं. नई सरकार बनने के बाद बिल्डरों और ग्राहकों की कई दौर की बैठक हुई है, लेकिन बायर्स का कहना है कि बिल्डरों पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है, जानकारी के मुताबिक आम्रपाली बिल्डर्स के प्रोजेक्टों में हजारों की संख्या में लोगों के पैसे फंसे हैं.

शानो-शौकत से रहने वाले, महंगी कारों में चलने वाले और एसी दफ्तरों में बैठने वाले आम्रपाली ग्रुप के कर्ताधर्ताओं को दादरी तहसील की हवालात में बंद करना एक सबक है बाकी बिल्डरों के लिए. आम्रपाली ग्रुप के सीएमडी और मालिक अनिल शर्मा के दामाद व कंपनी के सीईओ ऋतिक सिन्हा और डायरेक्टर निशांत मुकुल को हवालात में बैठने और सोने के लिए दरी दी गई थी और गर्मी से बचाव के लिए पंखे की हवा. नोएडा के सेक्टर 62 में आम्रपाली ग्रुप के दफ्तरों में सन्नाटा रहा. आम्रपाली के करीब 40 प्रोजेक्ट हैं जहां काम लगभग ठप पड़ा है. नोएडा प्रशासन की मानें तो मनमानी करने वाले बिल्डरों पर यह कार्रवाई जारी रहेगी. अभी ऐसे सात और बिल्डर हैं जिन्हें लेबर सेस भरने के लिए नोटिस जारी हो चुके हैं. सबसे ज्यादा बकाया आम्रपाली ग्रुप पर ही था. अगर आम्रपाली ग्रुप पैसा नहीं भरता तो सिन्हा और मुकुल को हवालात में ही रहना पड़ता और इतनी ही रकम की संपत्ति भी जब्त होती.

Advertisement. Scroll to continue reading.

अब चर्चा है कि लोगों से पैसे लेने के बावजूद घर न देने वाले भगोड़े बिल्डर अनिल शर्मा को गिरफ्तार करने की तैयारी चल रही है और उसे तब तक रिहा नहीं किया जाएगा जब तक वह हर एक निवेशक को उसका घर न दे दे. योगी आदित्यनाथ की चेतावनी के बाद ही आम्रपाली बिल्डर पर गाज गिरी और इसके सीईओ व एमडी गिरफ्तार किए गए. वजह था सरकारी पैसा न जमा किया जाना. पैसा जमा हो गया और गिरफ्तार लोग छोड़ दिए गए. लेकिन अब आम्रपाली के चेयरमैन अनिल शर्मा की गिरफ्तारी की तैयारी है.

ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को रियल एस्टेट बिल्डर्स को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि बायर्स को जल्द फ्लैट नहीं देते तो बिल्डरों के खिलाफ ऐक्शन लिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कनफेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डिवेलपर्स एसोसिएशन्स ऑफ इंडिया के सम्मेलन में कहा- ‘रियल एस्टेट क्षेत्र द्वारा योजनाओं को आधा-अधूरा छोड़ देना सबसे बड़ा संकट है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा में यही समस्या सामने आ रही है. लगभग डेढ़ लाख खरीदारों को धनराशि अदा करने के बाद भी घर नहीं मिल पा रहा है. इससे विश्वसनीयता का संकट पैदा हो गया है. प्रदेश सरकार के प्रयास पर कुछ बिल्डरों ने सकारात्मक रुख अपनाया और आवास देने की समयसीमा तय कर दी, जबकि कुछ बिल्डर कोई कदम नहीं उठा रहे हैं. संवाद से रास्ता न निकलने पर प्रदेश सरकार को सख्त कदम उठाना पड़ेगा. सरकार की अपील है कि कार्रवाई की स्थिति न उत्पन्न हो.’

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement