Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

अरूण खरे जी हिंदी पत्रकारिता के एक सशक्त हस्ताक्षर थे!

अरविंद कुमार सिंह-

कुछ देर पहले भाई ओम पीयूष के फोन से खबर मिली कि अरुण खरेजी चुपचाप चले गए। खबर सच थी। फिर भी कुछ जगह फोन किया। फिर फेसबुक पर मुकुंद, सीमा किरणजी, हिमांशु और कई साथियों की पोस्ट देख कर समझ गया कि खबर सच है।
वे हिंदी पत्रकारिता के सशक्त हस्ताक्षर और बेहतरीन दोस्त थे। ऐसे दोस्त, जो सुख में भले न दिखें लेकिन तकलीफ में हमेशा साथ होते थे। अपना नुकसान सह कर भी साथ होते थे। यह सब तजुर्बा से कह रहा हूं क्योंकि दो तीन साल तो हमने साथ काम किया था। बाकी जानता तो जाने कबसे था।

Advertisement. Scroll to continue reading.

2011 में मां के निधन के बाद मन बहुत खिन्न था। अरुणजी ने फोन किया, कहा कि सीधे जबलपुर आ जाइए कुछ दिन दोनों मित्र यहीं रहेंगे। मैं उनके पास गया और उनके सात भेड़ाघाट से लेकर जाने कितनी जगहें देखीं, रानी दुर्गावती की समाधि और बहुत कुछ। पुराने मित्र चैतन्य भट्टजी भी मिले थे। जो तस्वीर साझा कर रहा हूं उसमें पहली तस्वीर उनके साझ भेड़ाघाट जबलपुर की है।

अरुण खरे और अरविंद कुमार सिंह

वे जहां जिस भूमिका में रहे परफेक्ट काम करते थे। दिल्ली लोकल की जबरदस्त जानकारी थी, राजनीतिक विषयों पर गहरी समझ थी और संसदीय मामलों में भी श्रम से उन्होने एक अलग पहचान बनायी थी। साहित्य, कला और संस्कृति पर भी उनकी समझ बहुत गहरी थी।

उनके संपर्कों का दायरा विशाल था। उन्होने कई पत्रकार साथियों को निखारा और मदद की। बुंदेलखंड के मामले में वे बहुत गहरी समझ रखते थे। मैने उनको कई बार कहा कि एक पुस्तक इस पर लिखिए। टाला नहीं, लेकिन लिखा भी नहीं। दरअसल उनसे लिखवा सकता था लेकिन जिद करके बैठना पड़ता।

Advertisement. Scroll to continue reading.

चंद माह पहले मैं संसद भवन में था तो उनका फोन आया। हाल चाल के बाद तय हुआ था कि जल्दी वे दिल्ली आएंगे और फिर विस्तार से बात होगी। वे नहीं आये, लेकिन उनके न होने की खबर आयी।

बहुत सी यादें हैं और बहुत कुछ लिखने के लिए भी है। लेकिन लिखा नहीं जा रहा हूं। मन बहुत भारी है। कोई ऐसे भी जाता है अरुण भाई।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement