Yashwant Singh : पीएम पद पर बैठे व्यक्ति को वैचारिक असहमति का सम्मान करना चाहिए. वरिष्ठ पत्रकार विनोद कापड़ी के साथ जैसी हरकत मोदीजी ने की, उससे विनोद कापड़ी की नहीं बल्कि खुद मोदीजी की छवि का सत्यानाश हुआ है. लोग कहने लगे हैं कि इतने बड़े पद पर बैठे व्यक्ति की इतनी छोटी सोच… वो भी ऐसे पत्रकारों के प्रति जिन्होंने उन्हें कभी गाली तो नहीं दी, लेकिन उनकी गलत नीतियों की खुलेआम मुखालफत में कतई संकोच नहीं किया.
वैचारिक असहमति रखने वाले मीडिया के वरिष्ठ साथियों के लिए पीएम मोदी द्वारा कहे गए शब्दों को बेहद अशोभनीय और अलोकतांत्रिक मानता हूं. उम्मीद करता हूं कि दक्षिणपंथी नेताओं में अपने वैचारिक विरोधियों, खासकर मीडिया के प्रति इतना जहर भरा भाव रखने-पालने की प्रवृत्ति कम होगी. आखिर हम एक लोकतांत्रिक देश में हैं जहां सबको संवैधानिक दायरे में अपना मत, विचार, भाषा, संस्कृति रखने, जीने, कहने का अधिकार है.
मोदीजी, अब तो बड़े बन जाइए. कब तक इन छोटी-छोटी चीजों में अटके रहेंगे. किसी Punya Prasun Bajpai, किसी Ravish Kumar, किसी Vinod Kapri, किसी Ajit Anjum के प्रति निजी घृणा भाव पालने से इनका नुकसान कम, आपकी इमेज को ज्यादा धक्का लग रहा है. अमेरिका में ट्रंप को देखिए. मीडिया से लाख नफरत के बावजूद वे मीडिया का सामना रोज करते हैं और चिढ़ने के बावजूद उनके सवालों का जवाब देते हैं. पर आपने तो पांच साल में आजतक एक प्रेस कांफ्रेंस भी न की. इसी से पता चलता है कि आप आजाद मीडिया, अपने वैचारिक विरोधियों से डरते हैं.
मैं निजी तौर पर कल आपके द्वारा मीडिया के साथियों के लिए सरेआम कहे गए ग़लत वाक्यों का विरोध करता हूं और इसकी कड़ी निंदा करता हूं. उम्मीद करता हूं कि एडिटर्स गिल्ड समेत सारी मीडिया संस्थाएं व संगठन इस प्रकरण का संज्ञान लेकर अपने बयान जारी करेंगे ताकि चौथे खंभे की बची-खुची साख के बचे होने का हम सब भरोसा कर सकें.
यशवंत सिंह
संस्थापक
भड़ास4मीडिया डॉट कॉम
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ये कुछ लिंक्स देखें-पढ़ें ताकि जो लोग पूरे प्रकरण से अनजान हैं, या जानबूझ कर अनजान बनकर अफवाह फैला रहे हैं, उन्हें हकीकत पता लग सके-
https://www.facebook.com/bhadasmedia/videos/311646372852242/
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https://www.bhadas4media.com/modi-kin-patrakaro-se-hain-gussa/
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https://www.bhadas4media.com/narendra-modi-vinod-kapri-viral-picture-reality-check/
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https://www.bhadas4media.com/modi-ne-ye-kya-bol-diya/
भड़ास4मीडिया डॉट कॉम के संस्थापक और संपादक यशवंत सिंह की एफबी वॉल से.
शशि भूषण प्रसाद
April 1, 2019 at 6:12 pm
मोदी ने आजतक कोई प्रेस कांफ्रेंस नहीं की, यह सबसे बड़ा भय दिखाता है मोदी का कि वह मीडिया से डरते हैं. भड़ास सच्चाई और बेबाकी का पक्षधर है. बधाई यशवंत जी. मोदी जैसे कागजी शेर की सच्चाई सामने आनी ही चाहिए. समय का चक्र घूम चुका है, परिस्थितियां भी बदल चुकी है. मोदी का बिछाया गया भ्रमजाल छिन्न भिन्न हो चुका है. भाजपाइयों का वैचारिक आतंकवाद आखिरी सांस ले रहा है. उम्मीद करते है नई सुबह आएगी.
Madan Tiwary
April 1, 2019 at 7:37 pm
विनोद कापड़ी पत्रकार है ? जो व्यक्ति अपने व्यवसाय का गलत इस्तेमाल करे वह सही कैसे हो सकता है ?मोदी को गाली देने न देने की बात को अगर दरकिनार भी कर दें तो क्या कापड़ी में है हिम्मत यह कहने की कि उसने अपने पत्रकार होने के रसूख का कभी बेजा इस्तेमाल नही किया ?
संटी
April 2, 2019 at 12:10 pm
यशवंत जी आपने ग़ज़ब का लिखा है. सलाम है आपको. आप असली पत्रकार हो. आप जैसे लोगों से ही अभिव्यक्ति की आज़ादी जिंदा है. मोदी है ही गाली खाने लायक. वह कुछ न कुछ ऐसा कर देगा जिससे लोग गाली देने के लिए मजबूर हो जाते हैं. यशवंत जी, आप चाहते तो कापड़ी के खिलाफ भी लिख सकते थे लेकिन आपने सही मु्ददे को सही तरीके से उठाया. यही बात आपके व्यक्तित्व को बड़ा बनाती है. जिन मोदी का खुद कोई ईमान धर्म नहीं, उन्हें चौथे खंभे के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए, यह तकत नहीं पता, तो ऐसे में उन्हें आइना दिखाने की वाकई जरूरत है. मोदी जी को कम से कम पांच साल में एक प्रेस कांफ्रेंस तो करनी ही चाहिए थी ताकि पत्रकार खुलकर उनसे सवाल जवाब कर सकें लेकिन वो कहते हैं न चोर की दाढ़ी में तिनका.
संटी
April 2, 2019 at 4:42 pm
थैंक्यू यशवंत जी मेरे कमेंट को पब्लिश करने के लिए. ऐसे ही बेबाक कलम चलाते रहिए. मैं अपना नाम पहचान छुपा कर कमेंट करता हूं क्योंकि मैं थोड़ा डरपोक किस्म का आदमी हूं. आपका छोटा सा पाठक हूं. वैचारिक मतभेद होने के बावजूद आप चीजों को बिलकुल बैलेंस तरीके से पेश करते हैं, यही आपकी खूबी है. पत्रकारो को आपसे सीखना चाहिए. आप पत्रकारों के ही और गलत काम को जिस तरह से उजागर करते हैं, वह बेहद साहसिक काम है. मोदी की तो इस चुनाव में बैंड बजनी है क्योंकि यह आदमी न तो महंगाई रोक सका, न रोजगार दे सका. हां अडानी अंबानी का पेट भरता रहा. चुनाव के लिए पैसे इकट्ठा करता रहा. नोटबंदी के जरिए इकट्ठे किए गए माल से देश भर के छह सौ से ज्यादा भाजपा के भव्य आफिस बन गए. इन लोगों को एक्सपोज किया जाना जरूरी है. मीडिया को तो मोदी ने खरीद लिया है. इसलिए सच्चाई को भड़ास जैसे पोर्टल ही दिखाने की हिम्मत रखते हैं. अब जररूत है इन बातों को गांवों तक पहुंचाने की. आपका एक बार फिर से धन्यवाद यशवंत जी. चरण स्पर्श. आपका भक्त और प्रशंसक हूं मैं.
ग्लेन
April 2, 2019 at 4:33 pm
थैंक्यू यशवंत जी मेरे कमेंट को पब्लिश करने के लिए. ऐसे ही बेबाक कलम चलाते रहिए. मैं अपना नाम पहचान छुपा कर कमेंट करता हूं क्योंकि मैं थोड़ा डरपोक किस्म का आदमी हूं. आपका छोटा सा पाठक हूं. वैचारिक मतभेद होने के बावजूद आप चीजों को बिलकुल बैलेंस तरीके से पेश करते हैं, यही आपकी खूबी है. पत्रकारो को आपसे सीखना चाहिए. आप पत्रकारों के ही और गलत काम को जिस तरह से उजागर करते हैं, वह बेहद साहसिक काम है. मोदी की तो इस चुनाव में बैंड बजनी है क्योंकि यह आदमी न तो महंगाई रोक सका, न रोजगार दे सका. हां अडानी अंबानी का पेट भरता रहा. चुनाव के लिए पैसे इकट्ठा करता रहा. नोटबंदी के जरिए इकट्ठे किए गए माल से देश भर के छह सौ से ज्यादा भाजपा के भव्य आफिस बन गए. इन लोगों को एक्सपोज किया जाना जरूरी है. मीडिया को तो मोदी ने खरीद लिया है. इसलिए सच्चाई को भड़ास जैसे पोर्टल ही दिखाने की हिम्मत रखते हैं. अब जररूत है इन बातों को गांवों तक पहुंचाने की. आपका एक बार फिर से धन्यवाद यशवंत जी. चरण स्पर्श. आपका भक्त और प्रशंसक हूं मैं.
Joginder Mann
April 2, 2019 at 7:33 pm
मैं एक साधारण नागरिक हूँ, पर देश की प्रगति और उसकी रक्षा के बारे जरूर सोच सकता हूँ।
आपकी कलाम से लगता है कि आप सोच देश की प्रगति और रक्षा के लिए लिखना ही नही जानती।
कोई भी देश से बड़ा नही हो सकता।
ऐसी सोच वालों का नतीजा है देश कहाँ खड़ा है आज।
जयहिन्द