आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने आज आसाराम मामले के गवाह अखिल गुप्ता हत्या मामले में आईजी मेरठ ज़ोन आलोक शर्मा से आसाराम गवाही की दिशा में विशेष ध्यान देने का अनुरोध किया है. मृतक के चचेरे भाई और मुकदमे के वादी आशीष गुप्ता से बात के आधार पर आईजी मेरठ को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि श्री आशीष ने साफ़ किया कि मामला लूटपाट या स्थानीय व्यक्तिगत रंजिश से कत्तई नहीं जुड़ा है क्योंकि एक तो श्री अखिल के पास से मोबाइल और पूरे पैसे बरामद हुए और दूसरे उनकी किसी से भी कोई रंजिश नहीं थी.
श्री ठाकुर ने बताया कि आसाराम मामले की बात पूछते ही श्री आशीष एकदम से घबरा गए और कहने लगे कि यह तो पुलिस ही बता सकती है, जिससे साफ़ है कि वे लोग मानसिक रूप से भारी दवाब में हैं और पूरी तरह भयभीत हैं. अतः श्री ठाकुर ने आईजी ज़ोन से सही तफ्तीश के लिए इस परिवार को हिम्मत दिलाने और उसका पूरा विश्वास जीतते हुए आसाराम गवाही के बिंदु पर विशेष ध्यान देने का अनुरोध किया.
सेवा में,
श्री आलोक शर्मा,
पुलिस महानिरीक्षक,
मेरठ ज़ोन,
मेरठ
विषय- आसाराम बापू मामले के गवाह श्री अखिल कुमार गुप्ता की हत्या विषयक
महोदय,
कृपया जेल में बंद श्री आसाराम बापू के मामले में सरकारी गवाह 34 वर्षीय श्री अखिल कुमार गुप्ता पुत्र श्री नरेश गुप्ता की अज्ञात बदमाशों द्वारा गोली मारकर की गयी हत्या के प्रकरण का सन्दर्भ ग्रहण करें. समाचारपत्रों से प्राप्त अब तक की जानकारी के अनुसार स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है यद्यपि पुलिस पूरी मुस्तैदी से कार्य कर रही है और खुलासे के लिए पुलिस की तीन टीमों का गठन किया गया है. मृतक के भाई श्री आशीष गुप्ता ने उक्त घटना के संबंध में अज्ञात बदमाशों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया है. मैंने कुछ समाचारों में यह पढ़ा कि पुलिस ने इस मामले में लूट अथवा स्थानीय/व्यक्तिगत दुश्मनी की सम्भावना की भी बात की थी.
चूँकि मैं व्यक्तिगत स्तर पर अन्धविश्वास और स्वयंभू गॉडमेन के हानिपरक कार्यों के विरोध में सतत कार्यरत रहता हूँ, अतः मैं श्री आसाराम बापू से जुड़े समस्त प्रकरणों को अपने स्तर पर काफी गंभीरता से देखता आया हूँ. इस दृष्टि से श्री अखिल गुप्ता की हत्या के मामले पर भी मैंने गंभीरता से ध्यान दिया. मैंने इस सम्बन्ध में आज दिनांक 13/01/2015 को अपने संपर्कों के माध्यम से मृतक के चचेरे भाई और इस मामले में वादी श्री आशीष गुप्ता का फोन नंबर XX ज्ञात कर समय लगभग 01.30 बजे अपना सूक्ष्म परिचय देते हुए और उनका मददगार होने का कुछ विश्वास हासिल करते हुए उनसे इस विषय पर बात की.
श्री आशीष गुप्ता ने बहुत गहराई में बात तो नहीं की पर उन्होंने कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण बातें बतायीं जो संभवतः इस हत्याकांड के उजागर करने में बहुत सहायक हो. उन्होंने कहा कि श्री अखिल गुप्ता का मामला किसी भी प्रकार से लूटपाट से जुड़ा मामला नहीं है क्योंकि उनसे कोई भी लूट नहीं हुई थी. उन्होंने बताया कि श्री अखिल के पास से न सिर्फ उनका मोबाइल बरामद हुआ बल्कि उनके पास से वे पूरे पैसे भी बरामद हुए जो दूकान बंद करते समय अमूमन उनके पास होने चाहिए थे. अतः किसी भी सामान के गायब नहीं होने से उन्होंने किसी भी प्रकार के लूट की घटना से पूरी तरह इनकार किया.
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि श्री अखिल का किसी से भी दूर-दूर तक कोई भी रंजिश या दुश्मनी नहीं थी. उन्होंने स्पष्ट किया कि मृतक श्री अखिल का स्वभाव ऐसा था जिसमे उनकी किसी से भी कोई भी रंजिश न हो हो सकती थी और न ही परिवार में किसी के भी जानकारी में है. लेकिन इतना बताने के बाद जब मैंने श्री आशीष गुप्ता से पूछा कि जब ये दोनों कारण नहीं तो फिर हत्या का क्या कारण है और कहीं यह हत्या श्री आसाराम मामले से तो जुड़ा हुआ नहीं है तो श्री आशीष गुप्ता कुछ विचित्र आवाज़ में बात करने लगे मानो वे अचानक घबरा से गए हों.
उनकी आवाज़ से साफ़ जाहिर हो रहा था कि वे कुछ कहना चाहते हैं पर वे काफी डरे हुए हैं. जब मैंने उनसे यह पूछा तो अपनी बात कहने की जगह पहले उन्होंने कहा कि वे इस बारे में क्या कह सकते हैं, यह तो पुलिस ही जान सकती है और बाद में उन्होंने कहा कि वे फोन से इस बारे में बात नहीं कर सकते हैं, आमने-सामने ही इस विषय पर कोई बात हो सकती है. मैंने उन्हें बताया कि मैं शीघ्र मुज़फ्फरनगर आ कर उनसे इस मामले में मिलूँगा और साथ ही उनसे इस हत्याकांड से जुड़े किसी भी पहलू पर मेरी मदद की आवश्यकता होने पर मुझसे तत्काल संपर्क करने का निवेदन किया, जिस पर उन्हें काफी तसल्ली हुई और उन्होंने कहा कि वे आगे इस बारे में बात करेंगे.
इस प्रकार श्री आशीष गुप्ता ने जहां लूट और रंजिश के कारणों को साफ़ इनकार किया वहीँ श्री आसाराम से जुड़े कारण पर गोलमोल जवाब देते दिखे जिससे ऐसा जान पड़ता था कि वे मानसिक रूप से भारी दवाब में हैं और उन पर और उनके पूरे परिवार पर किसी भय का भयावह साया पड़ा हुआ है. मैंने श्री आशीष गुप्ता से परिवार के किसी भी अन्य सदस्य से बात कराने को कहा तो उन्होंने कहा कि वर्तमान मनःस्थिति में यह संभव नहीं है. उपरोक्त तथ्यों से मुझे व्यक्तिगत रूप से निम्न बातें स्पष्ट दिख रही हैं-
1. यद्यपि असंभव नहीं है पर इस मामले में लूट तथा स्थानीय/व्यक्तिगत रंजिश में हत्या होने की बहुत ही कम सम्भावना दिखती है
2. यह हत्या काफी हद तक श्री आसाराम बापू कांड में श्री अखिल की गवाही से जुडी दिख पड़ती है और प्रथमद्रष्टया उस दिशा में गंभीरता से तफ्तीश करना उचित जान पड़ता है
3. इस मामले में श्री अखिल का पूरा परिवार बहुत अधिक डरा-सहमा दिख रहा है, अतः उसकी ओर से कोई तथ्य जानने के लिए उसे पहले काफी हिम्मत दिलानी होगी और पुलिस को उसका पूरा विश्वास जीतना होगा
4. साथ ही पुलिस को यह विश्वास भी दिलाना होगा कि आगे परिवार के साथ कोई भी अप्रिय घटना नहीं होगी और इसके लिए सभी आवश्यक पुलिस प्रबंध करने होंगे
निवेदन करूँगा कि इस मामले में पुलिस को गंतव्य तक पहुँचने और हत्याकांड से रहस्य उठा पाने के लिए उपरोक्त कदम नितांत आवश्यक होंगे. अतः आपसे निवेदन है कि सभी सम्बंधित अधिकारियों को इस सम्बन्ध में मेरे द्वारा प्रस्तुत सुझावों सहित अन्य आवश्यक निर्देश देने की कृपा करें.
दिनांक- 13/01/2015
पत्र संख्या-AT/Complaint/52
भवदीय,
अमिताभ ठाकुर)
5/426, विराम खंड,
गोमती नगर, लखनऊ
# 94155-34526
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