राजस्थान की पत्रकारिता में झण्डे गाड़ने के बाद अब राजस्थान के सूचना आयुक्त आशुतोष शर्मा सूचनाएं उजागर करवाने के नए फील्ड में भी अपनी छाप छोड़ रहे हैं। शर्मा ने सूचना आयुक्त के रूप में हाल ही अपने ऐतिहासिक फैसले में राजस्थान के सभी मंत्रियों के कार्यालयों को सूचना का अधिकार अधिनियम के दायरे में मानते हुए मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि एक माह में मंत्रियों के कार्यालय में अलग से राज्य लोक सूचना अधिकारी तैनात कर सूचना प्रदान करने की पुख्ता एवं स्पष्ट व्यवस्था की जाए।
शर्मा ने अपने फैसले में नाराजगी व आश्चर्य प्रकट किया है कि सूचना का अधिकार लागू होने के 12 साल बाद भी प्रदेश में मंत्रियों के कार्यालय से सूचना प्राप्त करने की पुख्ता व्यवस्था नहीं होने से सूचना आवेदक अपने अधिकार से वंचित हो रहे हैं। शर्मा के फैसले के बाद राज्य सरकार में खलबली मची हुई है। सूचना आयुक्त शर्मा ने गौरीशंकर की अपील पर पिछले दिनों ये निर्णय दिया। गौरीशंकर ने ग्रामीण विकास मंत्री को दिए एक ज्ञापन पर हुई कार्यवाही की सूचना मांगी थी जिस पर विभाग ने जवाब दिया था कि यह सूचना मंत्री के कार्यालय से सम्बन्धित होने के कारण वे सूचना नहीं दे सकते। मंत्री के कार्यालय में कोई लोक सूचना अधिकारी तैनात नहीं है।
उल्लेखनीय है कि करीब पौने दो साल पहले सूचना आयुक्त बनने से पहले आशुतोष शर्मा राजस्थान पत्रिका समूह में ब्यूरो चीफ व जयपुर संस्करण के स्थानीय सम्पादक सहित विभिन्न पदों पर 21 वर्ष काम कर चुके हैं। उन्होंने ब्यूरो चीफ के रूप राजनीतिक, प्रशासनिक क्षेत्र में अनेक मामले उजागर किए। उनके विधानसभा के पहला स्तम्भ, सदन के सितारे व दो टूक कालम को काफी लोकप्रियता मिली थी। शर्मा जयपुर के पिंकसिटी प्रेस क्लब के कोषाध्यक्ष व महासचिव भी रहे। उनके महासचिव के कार्यकाल में उनके प्रयासों से प्रेस क्लब बिल्डिंग के एक्सटेंशन का महत्वपूर्ण काम हुआ जहां नई बार व रेस्टोरेंट तथा पार्किंग व नया प्रवेश द्वार बनाया गया था। वे देश के सबसे युवा सूचना आयुक्त हैं तथा राजस्थान के इतिहास में पहले पत्रकार हैं जिन्हें किसी संवैधानिक पद पर नियुक्ति दी गई है।
Comments on “पत्रकार से सूचना आयुक्त बने आशुतोष ने यहां भी दिखाए तेवर”
Achha patrakar sab jagah apni chhap chhodta hai, Ashutosh me yahi sanitary kiya hai, JAIpur ka media unko miss kar Raha hai…