प्रदीप कुमार गुप्ता–
बलिया। यूपी बोर्ड के इंटरमीडिएट के अंग्रेजी प्रश्न पत्र लीक होने के मामले में पत्रकारों को गलत तरीके से फंसाये जाने के विरोध में अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा।
इस दौरान जिलाधिकारी से मुलाकात न होने पर राज्यपाल के नाम संबोधित ज्ञापन उनके प्रतिनिधि को सौंपा। इसमें जिला प्रशासन की उदासीनता व घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इस पूरे प्रकरण में जिलाधिकारी बलिया को दोषी ठहराया।
अधिवक्ताओं ने मांग किया कि प्रथम दृष्टया इस मामले में गोपनीयता भंग करने के आरोप में जिलाधिकारी पर मुकदमा दर्ज कराया जाय तथा उनके खिलाफ सीबीआई जांच कराई जाय। इस प्रकरण में वायरल पेपर की सत्यता जांचें बिना पेपर निरस्त किए जाने को संदेह के घेरे में बताया।
जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे अधिवक्ताओं का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज राय हंस ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के इंटरमीडिएट परीक्षा 2022 बलिया सहित कुल 24 जनपदों में अंग्रेजी विषय की प्रश्न पुस्तिका कोड संख्या 316 ई डी 316 ईआई का प्रश्न पुस्तिका परीक्षा शुरू होने से पूर्व सोशल मीडिया पर वायरल होने संबंधित सूचना पर प्रसारित हो गई। इसके बावजूद जिलाधिकारी बलिया द्वारा घोर उदासीनता व लापरवाही का परिचय दिया गया। इंटरमीडिएट की अंग्रेजी परीक्षा जो होनी थी उस प्रश्न पुस्तिका की परीक्षा निरस्त करने की घोषणा लगभग दो घंटा पहले ही बिना वायरल पेपर की सत्यता से मिलान किये आखिर कैसे कर दिया।
इससे पूरी तरह स्पष्ट है कि जिलाधिकारी बलिया अंग्रेजी के पेपर को समयपूर्व ही सीलबंद लिफाफे को खोल कर देखा और इसकी गोपनीयता भंग की। इस संदर्भ में अधिवक्ताओं ने मांग किया कि पत्रकारों पर दर्ज मुकदमा अविलंब वापस लिया जाए।
जिलाधिकारी बलिया को तत्काल प्रभाव से निलंबित व बर्खास्त करके उनके विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करके तत्काल गिरफ्तार किया जाय। प्रश्न पुस्तिका लीक होने के मामले में केंद्रीय अन्वेषण एजेंसी (सीबीआई ) से जांच कराई जाए। समस्त परिस्थितियों एवं तथ्यों का संज्ञान लेते हुए यथाशीघ्र उत्तर प्रदेश सरकार को विधिसम्मत कार्रवाई करने के आशय से यह पत्र प्रदेश के राज्यपाल महोदय को प्रेषित किया गया है।
इस मौके पर अधिवक्ता वरुण पांडेय ने कहा कि जो प्रश्नपत्र बलिया में भेजा गया था वही प्रश्नपत्र 24 जिलों में भेजा गया था। तो दो घंटे पूर्व डीएम ने किस आधार पर प्रश्नपत्र देख लिया कि बलिया का कोड वाला पेपर ही वायरल हुआ। अगर डीएम ने खोलकर उसे मिलाया है तो वे खुद ही दोषी हैं।
अधिवक्ता अखिलेन्द्र चौबे ने कहा कि हम कोर्ट में डीएम के कार्रवाई को गलत ठहराएंगे। इस प्रकरण में भ्रष्टाचार को हम हाईकोर्ट तक ले जाएंगे। इस मौके पर अधिवक्ता सत्येंद्र सिंह, रजनीश तिवारी, मनोज कुमार तिवारी, अशोक कुमार वर्मा, सोनू गुप्ता सहित दर्जनों अधिवक्ता मौजूद रहे। उधर, दूसरी ओर डीएम भी मीडिया के सवालों से बचते रहे और कोई ठोस सबूत नहीं दे पाए जिसके आधार पर कार्रवाई की गई है।
देखें वीडियो, डीएम कैसे जवाब दिए बग़ैर भाग रहे हैं-
बलिया के अफ़सर बोलत नाहीं, लेकिन वकील तो खूब बोले!
https://youtu.be/F4Y0RMf5Ix0
बलिया से प्रदीप कुमार गुप्ता की रिपोर्ट.