राजेंद्र त्रिपाठी-
सच का गला घोट कर असत्य को हवा देने वाले नौकरशाहों को शर्म नहीं आती। मीडिया का गला घोटने पर एक दिन सत्ता आरूढ़ लोगों को सिर्फ झूठ ही सच नजर आएगा…यूं कहें कि दिखाई देने लगा है।
बलिया प्रशासन की मेहरबानी से नकल माफिया अभी भी खुले आसमां में आजादी की हवा खा रहे हैं। सच को हवा देने वाले हमारे पत्रकार साथी जेल में। कलेक्टर बहादुर अपराध की अम्मा को पकड़ो। यूं तुम्हारी बहादुरी का यशोगान तो पंचम तल पर बैठे आकाओं ने सत्ता के सिंहासन पर बैठे लोगों तक पहुंचा ही दिया होगा। नीर-क्षीर का विवेक करना नहीं सीखा तो यही नौकरशाह सत्ता के पतन का कारण बनेंगे। अभी तो देर है… पर अंधेर नहीं…!!!
उर्मिलेश-
यूपी के बलिया में तीन पत्रकारों की गिरफ्तारी पर यूपी शासन की क्या दलील है? क्या पेपर-लीक की खबर ‘दो हजार के नये नोट में खुफिया चिप होने की टीवी खबर’ जैसी झूठी थी? अगर झूठी नहीं थी तो पत्रकारों का क्या कसूर? उनकी गिरफ़्तारी क्यों? अगर खबर झूठी है तो यह बात कहे शासन! फिर परीक्षाएं क्यों रद्द हुईं?
—और आखिरी सवाल; कोई पत्रकार अपना ‘न्यूज़ सोर्स’ क्यों बताए?
राम धीरज-
उ प्र के बलिया अमर उजाला के गांधीवादी पत्रकार दिग्विजय सिंह को बलिया प्रशासन ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पत्रकार दिग्विजय सिंह ने बलिया में हो रही नकल के खिलाफ अमर उजाला में खबर लिखा था।
बोर्ड परीक्षा में पूरे उत्तर प्रदेश में नकल कराया जाता है लेकिन बलिया-गाजीपुर में खासतौर से बड़े पैमाने पर नकल कराया जाता है। यह कोई छिपी हुई बात नहीं है।
यह बात अभिभावक भी जानता हैं कि पैसे लेकर के नकल कराई जाती है और सेंटर भी दिए जाते हैं। यह बात जिला प्रशासन और शिक्षा अधिकारी भी अच्छी तरह जानते हैं। अधिकारियों की मिलीभगत से ही नकल होती है। बिना उनके शह के नकल या पर्चा लीक होना संभव ही नहीं है।
लेकिन फिर भी नकल माफियाओं को गिरफ्तार करने की बजाय पत्रकार को ही प्रशासन ने गिरफ्तार कर लिया। वस्तुतः गिरफ्तारी तो नकल माफियाओं और लापरवाह व दोषी प्रशासनिक अधिकारियों की होनी चाहिए थी।
अगर शीघ्र ही प्रदेश सरकार निर्दोष पत्रकार दिग्विजय सिंह को रिहा नहीं करती है तो उत्तर प्रदेश के पत्रकार, लोकतंत्र सेनानी, सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ता एवं उप्र सर्वोदय मंडल पूरे प्रदेश में ही नहीं बल्कि देशभर में उनकी रिहाई के लिए अभियान चलाएगा। शीघ्र ही देश भर में जगह-जगह धरने प्रदर्शन शुरू किए जाएंगे। दिग्विजय सिंह की गिरफ्तारी के खिलाफ हम हाई कोर्ट भी जाएंगे।
ज्ञात हो कि दिग्विजय सिंह संपूर्ण क्रांति आंदोलन के अग्रणी कार्यकर्ता रहे हैं और जयप्रकाश नारायण द्वारा 1974 में स्थापित युवा संगठन छात्र-युवा संघर्ष वाहिनी के सक्रिय सदस्य रहे और आज भी उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के कार्यकारिणी के सदस्य हैं। ऐसे व्यक्ति जो जेपी आंदोलन में रहे हैं और गांधी विचार के हैं, जो हमेशा सत्य के लिए संघर्ष करते रहे हैं, ऐसे संघर्षशील व्यक्ति व सिद्धांत वादी पत्रकार की गिरफ्तारी निंदनीय है और सरकार के दिवालियापन की निशानी है।
राम धीरज
लोकतंत्र सेनानी
अध्यक्ष, उप्र सर्वोदय मंडल
9453047097