Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

एक बार कमला पति त्रिपाठी के कहने पर हेमवती नंदन बहुगुणा भांग खा कर चित भी हुए थे

Rajiv Nayan Bahuguna : दरअसल इंदिरा गांधी और हेमवती नन्दन बहुगुणा में सन्देह के अंकुर 10 साल पहले ही पनप चुके थे, जिन्हें उनके उद्दंड, दबंग और अशिष्ट पुत्र संजय गांघी ने बाद में खाद पानी दिया। 1971 में कांग्रेस की शानदार जीत के उपरान्त बहुगुणा को उम्मीद थी कि पार्टी विभाजन और फिर राष्ट्र पति के विकट चुनाव में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के चलते इंदिरा गांधी उन्हें केंद्र में ताक़तवर मंत्री बनाएंगी। लेकिन उन्हें मात्र संचार राज्य मंत्री बनाया गया, वह भी अधीनस्थ। क्योंकि वह पहली बार सांसद बने थे। इससे रूठ कर बहुगुणा कोप भवन में चले गए और 15 दिन तक चार्ज नहीं लिया। हार कर और कुढ़ कर इंदिरा गांधी ने उन्हें मंत्रालय का स्वतन्त्र चार्ज तो दे दिया पर मन में गाँठ पड़ गयी। इधर बहुगुणा भी अपनी बड़ी भूमिका की तलाश में थे, जो नियति ने उन्हें प्रदान कर दी।

<p>Rajiv Nayan Bahuguna : दरअसल इंदिरा गांधी और हेमवती नन्दन बहुगुणा में सन्देह के अंकुर 10 साल पहले ही पनप चुके थे, जिन्हें उनके उद्दंड, दबंग और अशिष्ट पुत्र संजय गांघी ने बाद में खाद पानी दिया। 1971 में कांग्रेस की शानदार जीत के उपरान्त बहुगुणा को उम्मीद थी कि पार्टी विभाजन और फिर राष्ट्र पति के विकट चुनाव में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के चलते इंदिरा गांधी उन्हें केंद्र में ताक़तवर मंत्री बनाएंगी। लेकिन उन्हें मात्र संचार राज्य मंत्री बनाया गया, वह भी अधीनस्थ। क्योंकि वह पहली बार सांसद बने थे। इससे रूठ कर बहुगुणा कोप भवन में चले गए और 15 दिन तक चार्ज नहीं लिया। हार कर और कुढ़ कर इंदिरा गांधी ने उन्हें मंत्रालय का स्वतन्त्र चार्ज तो दे दिया पर मन में गाँठ पड़ गयी। इधर बहुगुणा भी अपनी बड़ी भूमिका की तलाश में थे, जो नियति ने उन्हें प्रदान कर दी।</p>

Rajiv Nayan Bahuguna : दरअसल इंदिरा गांधी और हेमवती नन्दन बहुगुणा में सन्देह के अंकुर 10 साल पहले ही पनप चुके थे, जिन्हें उनके उद्दंड, दबंग और अशिष्ट पुत्र संजय गांघी ने बाद में खाद पानी दिया। 1971 में कांग्रेस की शानदार जीत के उपरान्त बहुगुणा को उम्मीद थी कि पार्टी विभाजन और फिर राष्ट्र पति के विकट चुनाव में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के चलते इंदिरा गांधी उन्हें केंद्र में ताक़तवर मंत्री बनाएंगी। लेकिन उन्हें मात्र संचार राज्य मंत्री बनाया गया, वह भी अधीनस्थ। क्योंकि वह पहली बार सांसद बने थे। इससे रूठ कर बहुगुणा कोप भवन में चले गए और 15 दिन तक चार्ज नहीं लिया। हार कर और कुढ़ कर इंदिरा गांधी ने उन्हें मंत्रालय का स्वतन्त्र चार्ज तो दे दिया पर मन में गाँठ पड़ गयी। इधर बहुगुणा भी अपनी बड़ी भूमिका की तलाश में थे, जो नियति ने उन्हें प्रदान कर दी।

उत्तर प्रदेश के धोती धारी महंत किस्म के बूढ़े मुख्य मंत्री कमला पति त्रिपाठी बुरी तरह फेल हो चुके थे। पुलिस वाले हड़ताली बन अपने हथियारों समेत सड़कों पर थे। यह एक अभूतपूर्व स्थिति थी। ऐसे में इंदिरा गांधी के चाटुकार एवं विश्वास पात्र ज्ञानी ज़ैल सिंह ने बहुगुणा को प्रदेश की कमान सौंपने की सलाह दी। इंदिरा ने आशंका व्यक्त की कि यह जगजीवन राम का आदमी है। इस पर बुद्धिमान चाटुकार दरबारी ने उत्तर दिया कि हम सत्ता के लोभी राजनेता किसी के नहीं होते। आप इसे मुख्य मंत्री बना दो, तो तुरन्त आपका बन जाएगा। उधर कमला पति त्रिपाठी एक घोर जातिवादी नेता थे। उन्हें लगता था कि प्रदेश की ब्राह्मण विरोधी लॉबी ने उन्हें हटवाया है। पद से हटने पर वह आहत तथा अपमानित महसूस कर रहे थे, तथा अपनी जगह अपनी पसन्द का मुख्य मंत्री चाहते थे। लेकिन उनकी हालत केले के छिलके पर रपट पड़े उस बूढ़े जैसी दयनीय और हास्यास्पद थी, जो खुद उठ न पा रहा हो। बहुगुणा अपने पिता के सिवा सिर्फ उन्हीं के पैर छूते थे।

Advertisement. Scroll to continue reading.

दोनों के पुराने रिश्ते थे। एक बार त्रिपाठी के कहने पर बहुगुणा भांग खा कर चित भी हुए थे। अतः उन्होंने भी बहुगुणा की सिफारिश की। ऐसा कर दिया गया। बहुगुणा ने आते ही प्रदेश के हालात सम्भाले और छह महीने बाद प्रदेश में अधमरी हो चुकी कांग्रेस को चुनाव भी जिता दिया। यहां तक कि प्रदेश में विपक्ष के महान दिग्गज चन्द्र भानु गुप्त की छल बल से ज़मानत भी ज़ब्त करवा दी। चन्द्र भानु गुप्त उनसे पूछते थे- रे नटवर लाल, हराया तो ठीक, लेकिन ज़मानत कैसे ज़ब्त करायी मेरी, यह तो बता। बहुगुणा का जवाब था- आपकी ही सिखाई घातें हैं गुरु देव। मैंने भी बहुत बाद में एकाधिक बार उनसे यह रहस्य जानना चाहा। “तुम्हें कभी यह अवश्य बताऊंगा”, उनका जवाब होता, लेकिन उससे पहले वह मर गए।

Advertisement. Scroll to continue reading.

वरिष्ठ पत्रकार और रंगकर्मी राजीव नयन बहुगुणा के फेसबुक वॉल से.

इसके पहले का पार्ट पढ़ने के लिए नीचे दिए गए शीर्षक पर क्लिक करें….

Advertisement. Scroll to continue reading.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement