अपने न्यूज चैनलों के जरिए देश भर के युवाओं को कारोबार की शिक्षा देने वाले जी ग्रुप के मालिक सुभाष चंद्रा खुद ऋण लेकर घी पीते-पीते एक दलदल में फंस चुके हैं जिससे न निकलने पर उनके जी ग्रुप के नीलाम होने का खतरा पैदा हो गया है. बताया जाता है कि जील यानि जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड के 50 प्रतिशत से ज्यादा शेयर कर्ज के बदले गिरवी रखे हैं.
अगर सुभाष चंद्रा ने इस माह के अंत तक कर्ज न चुकाया तो उन्होंने जिस कंपनी के पास जी ग्रुप के शेयर रखकर कर्ज लिए थे, वह उस शेयर को नीलाम कर देगी. इससे मार्केट में जी ग्रुप और सुभाष चंद्रा की भारी बदनामी हो सकती है. इससे बचने के लिए सुभाष चंद्रा की पूरी कोशिश है कि माह अंत की डेडलाइन बीतते बीतते वह किसी तरह से कर्ज चुका सकें.
ज्ञात हो कि मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्रा ने जी ग्रुप को संचालित करने वाली कंपनी एस्सेल के शेयर गिरवी रख कर कर्ज लिया हुआ है. शेयर गिरवी रखकर कुल लोन करीब 1.9 लाख करोड़ रुपए लिए गए हैं. कर्ज ना चुकाने पर शेयरों के लिक्विडेट होने का खतरा है. एस्सेल ग्रुप ने कर्ज चुकाने के लिए देनदारों से वक्त देने की गुहार लगाई है.
बताया जा रहा है कि कर्ज चुकाने की आखिरी तारीख इस माह का अंत है. इस माह के अंत तक एस्सेल ग्रुप कर्ज न चुका पाया तो कर्ज देने वाली कंपनी एस्सेल ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी zeel यानि जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड के शेयर बेच सकती है. ये शेयर देनदार कंपनी के पास कर्ज के एवज में जमानत के तौर पर रखे गए हैं.
सुभाष चंद्रा अपने जी एंटरटेनमेंट की कुछ हिस्सेदारी 614 मिलियन डॉलर में इनवेस्को ओपेनहाइमर मार्केट्स फंड को पहले ही बेच चुके हैं. वे अपने सोलर पॉवर प्रोजेक्ट्स को 182 मिलियन डॉलर में अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड को बेचने के लिए अपनी सहमति दे चुके हैं. एस्सेल ग्रुप ने कर्ज की अदायगी भी शुरू कर दी है और कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी के 395 करोड़ रुपए में से आधे का भुगतान कर दिया है.
सुभाष चंद्रा को कर्ज चुकाने के लिए अपने टीवी नेटवर्क से लेकर कई अन्य बिजनेस के शेयर्स बेचने पड़ सकते हैं. यहां यह भी ध्यान देने लायक है कि जी नेटवर्क एंटरप्राइजेज लिमिटेड के शेयरों की कीमत बीते पांच सालों में सबसे निचले स्तर पर गिर गई है. अकेले सुभाष चंद्रा ही कर्ज के जाल में नहीं फंसे हैं. अनिल अंबानी भी डूब रहे हैं.
इमामी ग्रुप के फाउंडर भी ऐसे ही संकट से घिरे हैं. ये सब अपनी अपनी कंपनियों के शेयर गिरवी रखकर लोन ले चुके हैं और अब लौटा पाने में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस पॉवर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के भी 50 प्रतिशत से ज्यादा शेयर गिरवी रखे हैं. इमामी पेपर मिल्स और इमामी कंपनी के शेयर 50 प्रतिशत से कम गिरवी हैं.
One comment on “भारी कर्जे में डूबे सुभाष चंद्रा का जी ग्रुप इस माह के अंत में हो सकता है नीलाम!”
Anil ambani ka tv channel btvi ka delhi office band ho chuka hai or logo ki salery panding hai.