बिजली विभाग की ओ.टी.एस. योजना का लॉलीपॉप नहीं आ रहा लोगों को रास !
सत्येंद्र-
गाजीपुर में मेरे एक परिचित के यहां बिजली विभाग वाले आए. मीटर वगैरह चेक करने. कहीं कुछ न मिला तो जाते जाते बिजली के तार पर चुपचाप एक जगह कट मार गए. इसके बाद बिजली सप्लाई रुक गई. परिचित देर तक तलाशते रहे. बिजली जाने की वजह. पता चला बिजली विभाग वाले तार पर कट मार गए हैं. उन्होंने फिर कंप्लेन किया. लाइनमैन आया और पांच सौ रुपये लेकर बिजली का तार जोड़कर कनेक्शन चालू किया.
ये एक बानगी मात्र है. यूपी के सबसे भ्रष्टतम विभागों में से एक है बिजली विभाग. लोग खून के आंसू रो रहे हैं. पर कहीं कोई सुनवाई नहीं है.
उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग ओ. टी. एस. योजना चला रहा है । इस योजना को यह बता कर बड़े जोर शोर से प्रचारित किया जा रहा है कि जिन लोगो पर भी बिजली बिल बकाया हो या जिन लोगों पर बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज हो वो चालीस प्रतिशत की छूट उठाकर पैसा जमा करते हुए मुकदमे से छुटकारा पा सकते हैं । कुल मिलाकर ये माईने बताए जा रहे हैं कि ओ.टी.एस. योजना जनता जनार्दन के हितों के लिए चलाई गई है ।
अब आते हैं असलियत पर । इस ओ.टी.एस. योजना में इस चर्चा की कहीं कोई जगह नही रखी गयी है कि जनता जनार्दन पर दर्ज बिजली चोरी के मुकदमे सच्चे हैं या झूठे । कई मामलों में यह देखने मे आया है कि बिजली विभाग के जिम्मेदारों को रिश्वत दे पाने में असमर्थ लोगों के खिलाफ भी बिजली चोरी के मुकदमे लिख दिए गए हैं । शायद इसी वजह से मुकदमा लिखने के बाद लाखों की भारी भरकम पेनाल्टी में चालीस प्रतिशत की छूट का लॉलीपॉप लोगो को रास नही आ रहा है वहीं दूसरी तरफ बिजली विभाग पेनाल्टी वसूलने के लिए हर तरह की अमानवीयता पर उतारू है । लोगों के घरों की बिजली तक काट दी जा रही है ताकि हैरान परेशान लोग इस मन माना वसूली को भरने के लिए मजबूर हो जाएं । जबकि बिजली काटने का प्रावधान तभी है जब कनेक्शन अवैध हो या फिर भारी भरकम बिजली बिल बकाया हो ।
मुकदमे की आड़ में बिजली काट कर लोगों का खाना पानी सब बन्द कर देना घोर अमानवीयता है । यदि मुकदमा दर्ज है तो उसके लिए प्रॉपर कोर्ट बनी है जहाँ नियमतः इन मुकदमो का निपटारा होना चाहिए तथा न्यायालय के फैसले के तहत हुक्म की तामील होनी चाहिए । लेकिन यहाँ तो बिजली विभाग खुद ही मुकदमा लिखवा रहा है, उसके बाद खुद ही विवेचना कर रहा है, खुद ही पेनाल्टी भी डिसाइड कर रहा है और उसके बाद खुद ही वसूली भाई बनकर वसूली भी कर रहा है । लगता है कि सही मायनों में रामराज्य आ चुका है क्योंकि वैसे भी रामराज्य में किसी कोर्ट की जरूरत नही होती थी और रामराज्य में फैसला भी राजा ही करते थे ।
Toshi
December 29, 2023 at 12:11 am
Satya hai, humara parivaar bhi in bhrashtachariyon ke chapet me aaya hai. Sunwayi kahin nahi ho rahi
Amar mishra
December 30, 2023 at 11:18 pm
Sahi h ots me bhi ye koi chhut nahi de rahe h bewakuf bana rahe h
Vikash Singh Chauhan
December 30, 2023 at 2:41 am
Hamarey Sath ho chuka hai Bhai
Krishna kant Upadhyay
December 30, 2023 at 8:46 pm
एक गरीब आदमी जो मुकदमा नहीं जनता हैं। उसे अपने ऊपर बिजली का मुकदमा हो जाना तब जब वह बिजली का बिल नही भर पा रहा हैं उसके लिए हार्टाटैक से कम नही हैं। ये घोर अन्याय कर रहीं हैं सरकार और बिजली विभाग।