पंजाब के रायकोट (भल्ला) से खबर है कि पत्रकारिता की आड़ में तहसील दफ्तर के कर्मचारियों को ब्लैकमेल करने वाले फर्जी पत्रकार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. थाना सिटी रायकोट के इंचार्ज जगजीत सिंह ने बताया कि उनको एस.डी.एम. रायकोट मैडम संयम अग्रवाल का फोन आया था कि एक व्यक्ति जो खुद को पत्रकार बता रहा है और तहसील दफ्तर में रजिस्ट्री क्लर्क करमेल सिंह को ब्लैकमेल करके उससे रुपयों की मांग कर रहा है. पुलिस तहसील दफ्तर पहुंची तो तहसील के कर्मचारियों ने बताया कि उक्त व्यक्ति अश्विनी भल्ला वासी धुरी अपने एक अन्य साथी के साथ तहसील में आया और खुद को पत्रकार बताते हुए रजिस्ट्री क्लर्क को ब्लैकमेल करते हुए रुपयों की मांग करने लगा परंतु जब तहसील दफ्तर के कर्मचारियों ने आशंका पडऩे पर जांच की तो पता लगा कि वह एक फर्जी पत्रकार है जिस पर उन्होंने इसकी सूचना एस.डी.एम. को दी. पुलिस द्वारा उक्त आरोपी को पकड़ कर थाने लाया गया और रजिस्ट्री क्लर्क करमेल सिंह के बयानों के आधार पर उक्त व्यक्ति अश्विनी भल्ला और उसके साथी कुलदीप सिंह वासी धुरी जो मौके से फरार होने में सफल हो गया, के विरुद्ध थाना सिटी रायकोट में मामला दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी गई.
यूपी के दादरी से खबर है कि दादरी कोतवाली में तैनात दरोगा ने एक पत्रकार से अभद्रता की. पत्रकार अपने भाई के साथ हुई धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए कोतवाली में गया था. दरोगा ने शराब के नशे में बगैर किसी वजह पत्रकार के साथ अभद्रता करनी शुरू कर दी. मौके पर मौजूद अन्य पत्रकारों ने हस्तक्षेप कर किसी तरह अपने साथी को शराबी दरोगा के हमले से बचाया. पत्रकारों ने दरोगा द्वारा अपने साथी के साथ दुरव्यवहार किए जाने की निंदा की है. एक प्रतिनिधिमंडल ने एसएसपी से मुलाकात कर मामले की शिकायत करते हुए ठोस एवं सख्त कार्यवाही की मांग की है.
इंदौर से सूचना है कि लोन के नाम पर ठगी करने वाले केनरा बैंक के फर्जी जनरल मैनेजर को धमका कर रुपए ऐंठने वाले पत्रकार से रुपया बरामद करने के लिए पुलिस उसे उज्जैन ले जाएगी। वहीं उसकी साथी महिला को सरकारी गवाह बनाया गया है। भंवरकुआं टीआई राजेंद्र सोनी ने बताया कि केनरा बैंक का फर्जी मैनेजर बनकर लोगों से लोन के नाम पर ठगी करने वाले रामचरण सोलंकी को ब्लैकमेल कर 1 लाख रुपए ऐंठने वाले उज्जैन के पत्रकार दीपक जैन को आरोपी बना लिया गया है। उससे रुपया बरामद करने के लिए उसे उज्जैन ले जाया जाएगा। दीपक ने कबूला कि वह साथी संदीप को भी रामचरण के पास ले गया था और उसे 51 हजार रुपए दिए थे। संदीप ने भी कबूला कि उसे 51 हजार रुपए मिले थे, लेकिन वे रुपए वेब पोर्टल बनाने के थे। पुलिस ने अभी संदीप को छोड़ दिया है। उससे भी रुपए बरामद किए जाएंगे। उधर, रामचरण के ऑफिस में काम करने वाली महिलाकर्मी रानू चौहान को पुलिस गवाह बना रही है, क्योंकि उसका इस अपराध में ज्यादा लेना-देना नहीं दिख रहा है। रानू ने पुलिस को बताया कि उसने सबसे पहले पुलिस कंट्रोल रूम फोन किया था, लेकिन जब पुलिस ने कॉल नहीं उठाया तो उसने दीपक को बताया था। रानू को इसके लिए कोई रुपया नहीं दिया गया था।