राजू मिश्र-
वर्षों-वर्ष से उनकी आड़ी तिरछी रेखाएं हर सुबह गुदगुदाती थीं। दैनिक जागरण में उनका कार्टून कोना ‘भाई साहब’ के नाम से प्रतिदिन छपता था और ‘भाई साहब’ के नाम से ही वह सुविख्यात थे। बेशक उसमे नीचे दस्तखत में अंकुश लिखा रहता था।
प्रिंट मीडिया के पुरोधा व्यंग्य-चित्रकार अंकुश जी हम सबको छोड़कर परम धाम सिधार गये। हर सुबह सबको हंसाने वाला आज वाकई सबको रुला गया। विनम्र श्रद्धांजलि। परमात्मा उन्हें अपने श्री चरणों में सबसे करीब स्थान प्रदान करें।