शीतल पी सिंह-
सीधी, मध्य प्रदेश : एक बीजेपी विधायक के बारे में आलोचनात्मक खबरें चलाने के कारण मध्यप्रदेश पुलिस ने इन पत्रकारों को वस्त्रहीन करके थाने में परेड लगाई है। ये सभी यूट्यूब चैनल चलाने वाले पत्रकार हैं।
बीजेपी के रामराज में लोकतंत्र को सऊदी अरब की न्याय पद्धति से जोड़ दिया गया है। कहीं बुलडोजर का बखान हो रहा है कहीं लोगों को वस्त्रहीन किया जा रहा है।
धर्मवीर-
इंसाफ़ का बँटाधार… अब सारे फैसले पुलिस या बुलडोजर के जरिए ही होंगे। मध्यप्रदेश में यह पुलिस ने किया है। यह सब सीधी जिले के पत्रकार हैं। ज्यादातर यूट्यूब चैनलों के। इनके खिलाफ बीजेपी विधायक ने शिकायत की है कि उनके खिलाफ खबर चलाई है।
पुलिस ने सजा देने की शुरुआत कपड़े उतार कर की है। क़ानून का इससे बड़ा मज़ाक़ क्या होगा कि जो शिकायतकर्ता है वही जाँचकर्ता और वही अदालत और सज़ा तामील करने वाला ।
संजय झा-
ये लाइन में खड़े पत्रकार हैं। मध्यप्रदेश के सीधी जिले की पुलिस ने इन्हें थाने में अर्धनग्न अवस्था में खड़ा कर दिया है। बताया गया है कि इन पत्रकारों ने भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला के खिलाफ यूट्यूब पर फर्जी खबरें चलाई थीं जिससे शुक्ला नाराज थे।
उनके कहने पर सीधी पुलिस ने इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस का कहना है कि ये लोग फर्जी आईडी से भाजपा सरकार और विधायकों के खिलाफ लिखते और खबरें दिखाते हैं।
इस तस्वीर को देखने के बाद मुझे मेरे विधायक और सांसद घनघोर लोकतांत्रिक लगने लगे हैं। भले ही मेरे इलाके के नेता कितने ही बड़े झूठे, मक्कार, पतित, हवाबाज, भ्रष्टाचारी क्यों न हों कभी हमारी आवाज दबाने की कोशिश नहीं की।
अमृत तिवारी-
अइयैया!! सुक्कू सुक्कू… साहेबान! देखिए बुलंद डेमोक्रेसी की बुलंद तस्वीर. ये किसी कॉलेज के फ्रेशर नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के पत्रकार हैं. सीधी जिले में कनिष्क तिवारी (दाढ़ी वाले शख्स) यू ट्यूब चैनल चलाते हैं. बीजेपी विधायक केदारनाथ शुक्ला के खिलाफ स्टोरी चलाई थी. हपच के जलील किए गए हैं. 18 घंटे अंडरवियर में ही थाने के भीतर रखने के अलावा परिसर में परेड भी कराया गया.
कनिष्क तिवारी का कहना ही कि उनके सत्ताधारी दल के विधायक के खिलाफ खबर चलाने से विधायक का बेटा सबसे ज्यादा नाराज था. थानेदार साहब भी नाराज ज्यादा थे क्यूंकि, कुछ दिन पहले थाने के भीतर नशे को लेकर भी खबर तिवारी की टीम ने ही चलाई थी. लिहाजा, 18 घंटे गैरकानूनी कैद और तिवारी के साथ उनके साथियों को जमकर थाने में पिटाई की गई.
खैर! सबका नंबर आएगा.
अजय शुक्ला-
बलिया के बाद सीधी से सीधा संदेश… पत्रकारिता स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है: यह संदेश और यह फोटो सभी पत्रकारिता सिखाने वाले स्कूलों के गेट पर लगा देनी चाहिए।