भारत में NDTV से शुरू हुए इस System ने लगभग सभी Media Houses में अपना पैर पसार लिया है. MOJO सच पूछिए तो मुझे कभी अच्छा नहीं लगा. Electronic Media Houses Technology Adopt करने के बहाने से MOJO का इतना प्रचार-प्रसार करती रही हैं.
पर सच ये है कि ये बहाना केवल पैसे बचाने और Cost Cutting करने के लिए है. हज़ारों Cameramen की नौकरी देश भर में जा रही है. वो बेचारे कुछ कह भी नहीं सकते, हमारे-आपके जैसा लिख भी तो नहीं सकते. सच ये है की जो Frame और Video Quality एक VJ बना लेता है, हम Reporters शायद ही कर पाएं. और फिर VJ के साथ Field में काम करने से कई काम आसान होते हैं, आप अपने सवाल पर Concentrate करते हैं, Camera के Frame पर नहीं.
बिहार के पत्रकार कैप्टेन अभिषेक चन्द्रा की एफबी वॉल से.