कम से कम अब दिल्ली के गली-चौबारों और चौराहों पर कैमरा-लाइट और रोल न दिखाई देगा और न सुनाई देगा. दिल्ली पुलिस ने आदेश जारी किए हैं कि गली-मुहल्लों और चौक-चौबारों पर भीड़ इकट्ठी कर और मंच सजाकर चुनावी बहस के सीधे प्रसारण की अनुमति नहीं दी जाएगी.
अभी तक की परंपरा के मुताबिक दिल्ली चुनाव की कवरेज में सबसे आगे रहने और सबसे विश्वसनीय खबरें देने के लिए प्रायः टीवी चैनल्स जनता के बीच जाकर बहस आयोजित करते रहे हैं. जिनका सीधा प्रसारण भी होता है. दिल्ली पुलिस का तर्क है कि सीधे प्रसारण के दौरान हल्ला-गुल्ला हाथापायी और कभी-कभी तो दंगे जैसी नौबत भी देखी गयी. दिल्ली की गलियों और चौराहो पर चुनावी कार्यक्रमों के प्रसारण से लॉ एण्ड ऑर्डर की समस्या पैदा न हो इसलिए ऐसे आदेश जारी किए गए हैं. दिल्ली पुलिस के इन नये आदेशों पर अभी तक न्यूज चैनलों की तरफ से कोई प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिली है. यह देखना रोचक होगा कि सबसे आगे और सबसे विश्वसनीय बनने की होड़ का क्या होगा. क्या चैनल्स सूचना प्रसारण मंत्रालय के सामने अपनी समस्या लेकर जाएंगे या कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे या फिर चुप्पी साध कर बैठ जाएंगे.