गोविन्द सिंह चौहान-
धनंजय सिंह की गिरफ्तारी भाजपा का ठाकुरों को स्पष्ट संदेश है. ना टिकट देंगे ना चुनाव लड़ने देंगे। अगर कोई ज़्यादा बग़ावत करेगा तो उठाकर जेल में डाल देंगे. राजपूतों के वोट का चिंता नहीं है राजपूत जाएगा कहां क्षत्रिय तो भाजपा का बंधुवा मजदूर है, भाजपा को वो हिंदुत्व के नाम पर आ ही जाएगा.
और हां यदि आप कहते हैं कि यह न्यायिक मामला है तो तमाम सारे मसाले ऐसे हैं जो न्यायिक होते हुए भी अब तक फैसले के लिए तरस रहे हैं जैसे अजय मिश्रा टेनी के लड़के का मामला, जैसे हेमंत विश्वशर्मा का मामला, Judge loya हत्या कांड, और तमाम सारे मसले हैं तो यह मत बताइएगा कि यह न्यायिक मामला है न्यायिक मामलों की क्या स्थिति है इससे पहले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने सिद्ध कर दिया कि न्याय व्यवस्था में क्या स्थिति राजनीतिक उपस्थिति की होती है.
बताया जा रहा है कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंहल का करीब चार साल पहले अपहरण कराने, रंगदारी मांगने और धमकाने के मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह और सहयोगी संतोष विक्रम सिंह को दोषी करार दिया गया है. कुछ जानकार इसे राजनीतिक उठा-पटक से भी जोड़ कर देख रहे हैं.
4पीएम के संपादक संजय शर्मा ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि, “यूपी के बाहुबली धनंजय सिंह के दिन अच्छे नहीं चल रहे. वे जौनपुर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे. यह तय था कि अगर वे लड़ते तो भाजपा के कृपा शंकर सिंह का हाल बुरा हो जाता. इसी बीच इंजीनियर अपहरण केस में उनको दोषी करार दे दिया गया. उनको हिरासत में लेकर जेल भेजा जाएगा.”