Narendra Nath : टाइम मैगजीन ने मोदीजी पर बहुत कड़ा कवर स्टोरी छापी “डिवाइडर ऑफ इंडिया” कह कर। बीजेपी के एक नेता को लगा कि यह डिवाइडर ऑफ इंडिया कोई ग्लोबल सम्मान टाइप है। बस तुरंत “मोदी है तो मुमकिन है के नारे के साथ इसे गौरव के रूप में बांटने लगे। फिर किसी ने समझाया तो डिलीट मारा!
Dilip Khan : अंतरराष्ट्रीय गौरव का पल है. टाइम के कवर पर डंका बाबू की तस्वीर छपी है. टाइम ने इन्हें टुकड़े-टुकड़े गैंग का सरगना बताया है. Umesh Ranjan Sahu जैसे भक्त ने तो इस उपलब्धि पर मोदीजी को बधाई भी दे डाली. किसी ने समझाया होगा तो भाई ने पोस्ट डिलीट कर दी. मेरी तरफ़ से भी बहुत-बहुत बधाई. उन्होंने मुझे अनटैग भी कर दिया है.
Piyush Babele : कई लोगों को लगता है कि प्रधानमंत्री ने दुनिया में भारत का डंका बजा दिया है. उन्हें लगता है कि पहले दुनिया में भारत को कोई जानता नहीं था अब उसकी पूछ परख होने लगी है. इसमें मेरे बहुत से एमबीए, बीटैक, एमसीए पास लेकिन नयी तालीम में अशिक्षित मित्र भी शामिल हैं. वे दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित पत्रिका टाइम का कवर देखें. इसमें हमारे प्रधानमंत्री को भारत में टुकड़े टुकड़े गैंग का सरगना बताया जा रहा है. हमारे आंतरिक मामले कुछ भी हों लेकिन विश्वपटल पर भारतीय प्रधानमंत्री की ऐसी निंदा क्या हमारी कूटनीतिक हार नहीं है. क्या इससे दुनिया में भारत की छवि खराब नहीं हो रही है. जरा सोचिए कहीं तो चूक रह गई होगी.
Murari Tripathi : मतिभ्रष्ट भक्त कह रहे हैं कि टाइम मैगजीन का आर्टिकल जिसने लिखा है, वो एक मुस्लिम कट्टरपंथी है। उसने अपने अपनी घृणा और कुत्सित मानसिकता की वजह से हिंदू धर्म के विरोध में आर्टिकल लिखा है। टाइम मैगजीन को इसका जवाब देना होगा। आइए, आर्टिकल के एक अंश पर नजर डालते हैं…
‘2017 में देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश, जहां देश की सबसे अधिक मुस्लिम आबादी भी रहती है, का चुनाव जीतने के बाद बीजेपी ने हिंदुत्व के नाम पर उन्माद फैलाने वाले एक भगवाधारी योगी आदित्यनाथ को राज्य का मुख्यमंत्री नियुक्त किया। योगी आदित्यनाथ चुनाव प्रचार का चेहरा नहीं थे। योगी आदित्यनाथ को अगर किसी चीज के लिए जाना गया तो वो घृणास्पद बयानबाजी के लिए। योगी आदित्यनाथ ने एक हिंदू के मरने पर सौ मुसलमानों को मारने की बात कही। योगी ने एक ऐसे व्यक्ति के साथ मंच साझा किया, जिसने मुस्लिम महिलाओं का कब्र से निकालकर बलात्कार करने की वकालत की।’
अब ये तथ्य है। इसे झूठा साबित नहीं किया जा सकता है। फिर इसे लिखने वाला कट्टरपंथी कैसे हो गया, ये समझ से परे है। उत्तर प्रदेश के निठल्ले मुख्यमंत्री को हेट स्पीच देने के अलावा कुछ नहीं आता। उसके राज में बच्चे ऑक्सीजन की कमी से मर जाते हैं, पॉश इलाकों तक में बेलगाम पुलिस नागरिकों को गोली मार देती है और आवारा जानवर किसानों की फसल बर्बाद करते रहते हैं, लेकिन निठल्ला मुख्यमंत्री दूसरे राज्यों में जाकर चुनाव प्रचार के दौरान हेट स्पीच देता रहता है। ये तथ्य है। इसको लिखना कम्यूनल और बिगट हो जाना नहीं है। अगर है तो फिर तो सबसे बड़े सेक्युलर तो ये नारंगी ही हैं।
Manika Mohini : Time मैगज़ीन ने बड़ा सही लिखा है, Divider in Chief यानी देश को बाँटने वाला। मोदी जी ने शुरू से देश को बाँटने की कोशिश की। हिन्दू को हिन्दू से लड़वाया। कुछ लोगों को अपना अंधभक्त बनाया जो नेत्रवालों की जान के दुश्मन हो गए। हिन्दू और मुसलमान के बीच दूरी बनाने की कोशिश की। सवर्णों को आरक्षित वर्ग से नफ़रत करना सिखाया। ग़रीब को अमीर से नफ़रत करने के लिए प्रेरित किया। उनकी पॉलिसी डिवाइड एंड रूल की रही। देश को एक-दो नहीं, अनेक भागों में बाँटना चाहा। देश का बुद्धिजीवी वर्ग इतना प्रताड़ित है कि इन हालातों से गुज़रते हुए भी उसे इस विषय पर लिखने की नहीं सूझी। Time पत्रिका का अभिनन्दन करना चाहिए जो उसने मोदी जी की सही नव्ज़ पकड़ी। वैसे यह पहली बार नहीं है जब इस मैगज़ीन ने नरेंद्र मोदी की आलोचना की हो। इससे पहले वर्ष 2012 में भी मैगज़ीन ने नरेंद्र मोदी को विवादास्पद, महत्वाकांक्षी और एक चतुर राजनेता बताया था। विवादास्पद तो ये हैं। ऐसे व्यक्ति के हाथ में 130 करोड़ जनता का भविष्य नहीं सौंपा जाना चाहिए।
Prashant Tandon : वो विभाजनकारी जमात कौन है टाइम मैगजीन ने मोदी को जिसका मुखिया बताया है. 1984 की सिख विरोधी हिंसा का चश्मदीद हूं और अच्छी तरह से जानता हूं दंगाइयों की जमात को. जो 84 में सिखों की दूकान-मकान लूट रहा था, जला रहा था और कत्ल कर रहा था वही 92 में कारसेवक बन कर बाबरी मस्जिद गिरा रहा था. 2002 में इसी ने गुजरात में मुसलमानों का खून बहाया. ऊना में दलितों की पिटाई करने वाला भी यही था और गाय के नाम पर अखलाक और पहलू खान को भी इसी ने मारा. ये वही है जो सबसे पढ़े लिखे प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह की रिमोट कंट्रोल प्रधानमंत्री कह कर खिल्ली उड़ाता है. मनमोहन सिंह की आर्थिक नीतियों और कुछ फैसलों पर मतभेद रहा है लेकिन उन्हे रिमोट कंट्रोल कभी नहीं कहा. मोदी जब मनमोहन सिंह की खिल्ली उड़ाता है तो इसी समाज को गुदगुदी होती है. यही जमात अब मोदी भक्त है जिसके सरगना को टाइम मैगजीन ने भारत का मुख्य विभाजनकारी बताया है.
इन्हें भी पढ़ें-