देवरिया : जिलाधिकारी शरद कुमार सिंह की प्रेस वार्ता में उस समय अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई, जब कुछ पत्रकारों से उन्हें पता चला कि सूचना अधिकारी ने कांफ्रेंस के संबंध में सूचित ही नहीं किया था। जिलाधिकारी ने सूचना अधिकारी की हरकत पर नाराजगी जताते हुए पत्रकारों से खेद व्यक्त किया।
गत दिनो जिलाधिकारी ने अपने कैम्प कार्यालय पर निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मतदाता सूची से सम्बन्धित एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया था। जिलाधिकारी ने सभी पत्रकारों को बुलाए जाने के निर्देश दिए थे। आपसी गुटबाजी के चलते सूचना अधिकारी रविन्द्र पाण्डे ने कुछ पत्रकारों को सूचना नहीं दी, जिनमें लखनऊ से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्रों के संवाददाता एवं मान्यता प्राप्त पत्रकार और न्यूज एजेन्सी के पत्रकार भी शामिल थे। रविन्द्र पाण्डे का कहना है कि केवल लीडिंग न्यूज पेपर वालों को ही बुलाने का निर्देश मिला था। यह निर्देश किसने दिया था, वह जिलाधिकारी के पूछने पर नहीं बता पाए।
बताते है कि प्रेस वार्ता की जानकारी जब छूटे हुए उन पत्रकारों को हुई तो उन्होंने एक साथ जाकर प्रेस वार्ता के दौरान ही सूचना अधिकारी की करतूत की जानकारी जिलाधिकारी को दी। जिलाधिकारी ने कहा कि सूचना अधिकारी ने उन्हें बदनाम करने के लिए यह कुत्सित प्रयास किया है।
गौरतलब है कि वर्तमान समय में जिले के सूचना अधिकारी द्वारा गुटबाजी किए जाने की शिकायतें अक्सर आती रहती है। सूचना अधिकारी इस समय जिले के विकास से सम्बन्धित सूचना कुछ चुनिन्दा प्रेस वालों तक ही पहुंचवाते हैं, जिससे अधिकांश पत्रकारों में उनके प्रति रोष है। सूचना कार्यालय में समाचारों की कटिंग भी समय से नहीं की जाती है और न ही जिलाधिकारी तक पहुंचायी जाती है। यही नहीं आरोप है कि पत्रकारों को मान्यता दिलवाने में भी सूचना अधिकारी द्वारा भेद भाव किया जाता है। बताया जाता है कि कुछ पत्रकारों ने उक्त घटना की सूचना, सूचना निदेशक लखनऊ को प्रेषित करते हुए कार्रवाई की मांग की है।
rajendra singh
March 25, 2015 at 3:18 pm
isme kuch bhi asamanye nhi hai, yahi hall pradesh ke lagbhag sabhi jilo ka hai