Yusuf Kurbani : यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वही ग़लती कर रहे हैं जो कभी बिहार के पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा ने की थी।…जिस महिला ने उन पर जो भी आरोप लगाए हैं, अगर वो ग़लत और फ़र्ज़ी हैं तो उस महिला पर एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा।
अब नोएडा से जिस तरह चैनल नेशन लाइव के दो लोगों अनुज शुक्ला और इशका सिंह को गिरफ़्तार किया गया है कि पुलिस किसके कहने पर एक्शन ले रही है।…इस तरह अभी तक इस मामले में तीन गिरफ़्तारियाँ हो चुकी हैं।
तमाम पत्रकार संगठन सो गए हैं या फिर जानबूझकर चुप्पी साधे हुए हैं। एडिटर गिल्ड, बीईए या रवीश कुमार वग़ैरह तो तभी निंदा करेंगे या बोलेंगे जब इलीट क्लास के पत्रकारों को धमकी मिलेगी। …याद रखिए इस देश में छोटे और फ्रीलांसर पत्रकारों की तादाद कथित इलीट क्लास से ज़्यादा है। अगर उन्होंने मोर्चा खोल दिया तो यूपी सरकार की दिक़्क़तें बढ़ जाएगी।
Ashwini kumar Srivastava : ऐसा लग रहा मानों यूपी में मीडिया के दमन का अभूतपूर्व दौर शुरू हो गया है … पत्रकार प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी के बाद अब इस चैनल के पत्रकारों को भी योगी सरकार ने गिरफ्तार करवा दिया है … क्या राज्य सरकार द्वारा पत्रकारों के लिखने और बोलने या फिर आम आदमी द्वारा सोशल मीडिया पर अपने विचार व्यक्त करने पर भी पाबंदी लगाकर यूपी में अघोषित इमरजेंसी लगा दी गई है !
वरिष्ठ पत्रकार यूसुफ किरमानी और अश्विनी कुमार श्रीवास्तव की फेसबुक वॉल से।
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Took
June 9, 2019 at 1:35 pm
Bhosdi ke ….kiske ke liye bol rahe ho …. Ishika chor h madarchod ek no ki