अभिरंजन कुमार-
फेसबुक से ज़्यादा बुद्धिमान व्यापारी आज तक हमने नहीं देखा।
यह कुमार विश्वास से पैसे लेकर मुझे जो नोटिफिकेशन भेजता है, व्यंजना में उसका अर्थ कुछ यही होता है कि “देखो अभिरंजन कुमार, तुम्हारे जैसा ही पोस्ट कुमार विश्वास ने किया तो बड़ा पॉपुलर हो गया और तुम फालतू में समय नष्ट कर रहे हो।”
मुझसे पैसे ले लेगा, तो कुमार विश्वास को नोटिफिकेशन भेज देगा, जिसका व्यंजनात्मक अर्थ कुछ यूं होगा कि “क्या कुमार विश्वास, इतने धनी होकर तुम तो निर्धन अभिरंजन कुमार से भी गए-गुज़रे हो। देखो, उसके पोस्ट पर कितने इंगेजमेंट आते हैं और तुम फालतू में टाइम पास कर रहे हो।”
फेसबुक न अमिताभ बच्चन को पहचानता है, न कुमार विश्वास को, न अभिरंजन कुमार को। वह केवल पैसे को पहचानता है। जो उसे पैसा खिलाएगा, केवल उसी की फीड को वह आगे बढ़ने देगा। यदि वह आपकी फीड को आगे बढ़ने ही नहीं देगा, तो आपका मशहूर होना किस काम का?
सोशल मीडिया के बर्चस्व वाली नई दुनिया में अब वही सेलेब्रिटी है, जो फेसबुक, ट्विटर, इंस्टा, गूगल इत्यादि को पैसे खिला सकता है। नहीं खिला सकते तो बैठकर कुंठित होते रहिए। और यदि कुंठित नहीं होंगे तो ये लोग आपको ज़बरदस्ती कुंठित करेंगे।
दरअसल, सालों साल हम लोगों का फ्री कंटेंट लेकर ये प्लेटफॉर्म अब इतने बड़े बन गये हैं कि इन्हें चढ़ावा चढ़ाए बिना किसी को भी मोक्ष नहीं मिलने वाला।
चूंकि यह पोस्ट फेसबुक की आलोचना में है, इसलिए इसकी फीड भी वह लिमिट कर देगा, क्योंकि वह हमारे आपके हर पोस्ट को न केवल पढ़ रहा है, बल्कि ठीक ठीक समझ भी रहा है।
मतलब, सजीव लोगों की दुनिया में कुछ अजीब नहीं लगता है यह सब?