Connect with us

Hi, what are you looking for?

टीवी

‘आजतक’ की पंचायत और मुख्तार अंसारी की पार्टी का सपा से निकालना एक फिक्स स्क्रिप्ट!

मेरे तजुर्बे के अनुसार मुख्तार अंसारी की पार्टी का समाजवादी पार्टी में शामिल किया जाना, विवाद होना और तय प्लानिंग के तहत ‘आजतक’ चैनल की पंचायत में मुख्यमंत्री द्वारा मुख्तार अंसारी की पार्टी को सपा से बाहर का रास्ता दिखाना एक फिक्स स्क्रिप्ट है. मैंने बहुत दिनों तक तो नहीं, 7 साल टीवी की दुनिया में काम किया है. इन सबके साथ काम किया है जो आज का कार्यक्रम चला रहे थे. क्षेत्रीय चैनल से लेकर राष्ट्रीय चैनल में काम किया. अन्दर का खेल देख मन भर गया. यहाँ पत्रकारिता नहीं है, केवल चकाचौंध है.

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p>मेरे तजुर्बे के अनुसार मुख्तार अंसारी की पार्टी का समाजवादी पार्टी में शामिल किया जाना, विवाद होना और तय प्लानिंग के तहत 'आजतक' चैनल की पंचायत में मुख्यमंत्री द्वारा मुख्तार अंसारी की पार्टी को सपा से बाहर का रास्ता दिखाना एक फिक्स स्क्रिप्ट है. मैंने बहुत दिनों तक तो नहीं, 7 साल टीवी की दुनिया में काम किया है. इन सबके साथ काम किया है जो आज का कार्यक्रम चला रहे थे. क्षेत्रीय चैनल से लेकर राष्ट्रीय चैनल में काम किया. अन्दर का खेल देख मन भर गया. यहाँ पत्रकारिता नहीं है, केवल चकाचौंध है.</p>

मेरे तजुर्बे के अनुसार मुख्तार अंसारी की पार्टी का समाजवादी पार्टी में शामिल किया जाना, विवाद होना और तय प्लानिंग के तहत ‘आजतक’ चैनल की पंचायत में मुख्यमंत्री द्वारा मुख्तार अंसारी की पार्टी को सपा से बाहर का रास्ता दिखाना एक फिक्स स्क्रिप्ट है. मैंने बहुत दिनों तक तो नहीं, 7 साल टीवी की दुनिया में काम किया है. इन सबके साथ काम किया है जो आज का कार्यक्रम चला रहे थे. क्षेत्रीय चैनल से लेकर राष्ट्रीय चैनल में काम किया. अन्दर का खेल देख मन भर गया. यहाँ पत्रकारिता नहीं है, केवल चकाचौंध है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

मेरा तजुर्बा यह कहता है कि अरुण पुरी भी दिल्ली से आकर लखनऊ में इस क्षण के लिए मौजूद थे जब मुख्यमंत्री ने यह एलान किया. अगर आपने कार्यक्रम को ठीक से देखा हो तो ध्यान दीजिये. पुण्य प्रसून बाजपेयी जब जनता से सवाल पुछवा रहे थे उसके बाद राहुल कँवल को आवाज लगाकर सवाल पूछने के लिए कहते हैं. ये आखिरी सवाल था जो मुख्यमंत्री से पूछा गया और टीवी ने ब्रेकिंग चलाई. सब कुछ तय था.

मुख्तार अंसारी का सवाल कौन पूछेगा? मुख्यमंत्री कब जवाब देंगे और उनका एपिसोड खत्म हो जायेगा. ध्यान दीजिये. ये टीवी की दुनिया बहुत भूलभुलैया है. आज ये हुआ है. अब ऐसे ही एपिसोड भाजपा के भी देखने को मिलेंगे. राजनीति और टीवी दोनों सहचरी है. अब इसका सौदा कितने में हुआ होगा, ये पता लगाने और अंदाजा लगाने की बात है. वैसे छवि सुधारने के लिए 100 करोड़ की रकम आज के दौर में कुछ भी नहीं.

Advertisement. Scroll to continue reading.

लेखक पंकज दीक्षित फर्रुखाबाद के टीवी जर्नलिस्ट हैं. उनसे संपर्क [email protected] के जरिए किया जा सकता है.

इसे भी पढ़ें…

Advertisement. Scroll to continue reading.

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement