Pravesh Yadav : यूपी में इस समय हड़ताल का सीजन चल रहा है। आए लखनऊ पूरा जाम हो जा रहा है और हमारी मांगे पूरी करो …. के नारे जम कर लग रहे हैं। इसी का फायदा लखनऊ के समाचार पत्र वितरक भी उठा रहे हैं। राजधानी में पिछले चार दिनों से अखबार का वितरण नहीं हुआ है। 20 पैसे कमीशन बढ़ाने की मांग को लेकर राजधानी वासियों को सुबह सुबह ताजा खबरों को पढ़ने के लिए तरसा दिया है। मीटिंगों का दौर जारी है लेकिन बात नहीं बन रही है। जिला अध्यक्ष इनका पूरी तरीके से टाइट है। इस समय इन्हें 1 रुपए 20 पैसे कमीशन मिल रहा है 20 पैसे और मांग रहे है।
हम मजेठिया को लेकर एकजुट नहीं हो पाए लेकिन लख़नऊ के हॉकर कमीशन को लेकर एक हो गए है। आप किसी बुक स्टॉल और किसी गली तक में अखबार नहीं पाएंगे। अखबारों के मैनेजर साहेब जब स्टॉल लगाने की कोशिश करते है तो अखबार ही इधर उधर कर दे रहे हैं हॉकर भाई। यानि इनका जलवा पूरी तरीके से टाइट है। अखबार के लोग पुलिस का सहारा न ले सकें इसीलिए हॉकर भाई डीएम तक से आश्वाशन ले आये हैं। ये बात पूरी सही है क्योंकि अपना हॉकर भी नेता है।
अब हॉकरों की हड़ताल से हमारे लखनऊ के स्टार रिपोर्टर भी परेशान है। दिन भर मेहनत करके खबर लिख रहे हैं। लेकिन लोगों तक नहीं पहुँचा पा रहे हैं। वैसे यहाँ के वितरक भाई पूरे देश के हॉकरों के लिए नजीर है कि आप अगर चाह जाए तो प्रधानमंत्री तक पहुँच रखने वाले अखबार के मालिक आपके सामने बेबस नजर आ सकते है। बाकि मीडिया की किसी विंग में इतनी ताकत नहीं है। संपादकीय, सेल्स, मार्केटिंग और अन्य। लखनऊ के सभी साथियो को मेरा सलाम।
पत्रकार प्रवेश यादव की एफबी वॉल से.
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