Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

कैंसर-कोरोना से घिरे और पग पग पर रोग भरे जीवन में मीडियावालों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस जरूरी

Yashwant Singh-

हर पांचवें शख्स को कैंसर है. अगर हम आप बचे हैं तो मान कर चलिए आगे कभी भी इस लिस्ट में अपना नाम आ सकता है. कोरोना काल चल ही रहा है. वैक्सीन के बावजूद इस कोरोना के हमलावर न होने की कोई गारंटी नहीं. जीवनशैली और खानपान से उपजे हाई बीपी, शुगर, हार्ट, ब्रेन, लीवर, किडनी, पेट के ढेरों रोग धावा बोलते रहते हैं या दबोचने की फिराक में हैं.

Advertisement. Scroll to continue reading.

इन हालात में सबसे पहले खुद का, क्योंकि घर का कमाऊ और मुखिया होने के नाते आपका सेफ रहना सबसे ज्यादा व सबसे पहले जरूरी है, हेल्थ बीमा करा लेना जरूरी है. ज्यादा अच्छा हो कि अपनी पत्नी, बच्चों का भी करा लें, इकट्ठा ही, पूरी फेमिली इंश्योर्ड कराने का कोई प्लान लेकर.

मैंने 45 साल की उम्र तक कोई हेल्थ बीमा नहीं लिया. लेकिन भड़ास चलाते हुए मीडिया के साथियों के गंभीर रूप से बीमार होने और इलाज के लिए चंदा जुटाने की खबरें छापते छापते लगने लगा कि दारू, गुटका, कोल्डड्रिंक, रेस्टोरेंट, टूरिज्म के मद में हो रहे व्यय में अगर थोड़ी सी कटौती कर लूं, थोड़ा सा अनुशासित हो जाऊं तो हेल्थ बीमा पूरे परिवार का करा सकता हूं और इसे जारी रख सकता हूं.

Advertisement. Scroll to continue reading.

इस तरह मुझे पूरे परिवार समेत हेल्थ बीमा लिए हुए छह महीने हो गए हैं.

संयोग से जिस बीमा कंपनी से बीमा लिया, वहां जुड़े एक मित्र ने मुझे वहां उसी कंपनी में एजेंट भी बनवा दिया. वहां प्रोफेशनल लैंग्वेज में हेल्थ प्लानर बोलते हैं. मैंने कहा कि अपन तो ये काम कर न पाएंगे, भड़ास से ही वक्त नहीं बचता. उनका जवाब था कि आप बस अपने से जुड़े लोगों को प्रेरित कर दीजिए. आपकी एजेंटी चलने भर बीमा खुद ब खुद हो जाएगा.

Advertisement. Scroll to continue reading.

हुआ यही. हेल्थ बीमा लेते हुए दो चार पोस्ट क्या फेसबुक पर लिख दिया, दर्जनों लोगों ने बीमा करा लिया. मतलब साल भर के काम की एक हफ्ते के भीतर ही छुट्टी कर दी.

इधर बीच कई पत्रकार साथियों को कैंसर होने की खबरें भड़ास पर प्रकाशित की. उनके लिए चंदा भी जुटाया गया. उस वक्त सोचता रहा कि ऐसा क्यों नहीं है कि जो समझदार मीडियाकर्मी हैं, जो किसी अखबार में सब एडिटर या इससे उपर के पदों पर हैं, किसी चैनल में प्रोड्यूसर या इससे उपर के पदों पर हैं, किसी डिजिटल माध्यम में बीस पच्चीस हजार रुपये महीने सेलरी पा रहे हैं, वे हेल्थ इंश्योरेंस क्यों नहीं लेते? नौकरी की असुरक्षा और लंबे वर्किंग आवर के बीच काम करते हुए ये मीडियाकर्मी दिन प्रतिदिन अपनी सेहत चौपट करते रहते हैं. जवानी के गरम खून और तत्काल में जीने की आदत के कारण उन्हें एहसास ही नहीं होता कि भविष्य में कभी भी अस्पताल जाना पड़ जाएगा तो क्या होगा….

Advertisement. Scroll to continue reading.

ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस मस्ट है. मेरे इस लिखने का आशय बस इतना है कि आप हेल्थ इंश्योरेंस के बारे में सोचना शुरू कर दें. ऐसा हेल्थ इंश्योरेंस लें जिसमें साल में फुल बॉडी चेकअप फ्री हो. इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होते ही एक कार्ड दिखाते ही सारा इलाज कैशलेस और फ्री हो.

हेल्थ इंश्योरेंस में बहुत कुछ शर्तें भी होती हैं जिन्हें शुरू से ही जान लेना जरूरी होता है. हेल्थ बीमा लेने के समय अगर कोई रोग आपके शरीर में पल रहा है और वह स्टेप टू या थ्री या फोर तक पहुंच गया है तो उसका क्लेम नहीं मिलेगा. वहीं लगातार दो बरस तक हेल्थ इंश्योरेंस जारी रखने के बाद हर किस्म की बीमारी कवर हो जाती है. इसलिए आज अगर कोई रोग नहीं है तो हेल्थ बीमा लेने में ज्यादा समझदारी है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

कई लोगों को उनकी कंपनियां हेल्थ कवर देती हैं. उन्हें चाहिए कि वे अलग से भी अपने लिए हेल्थ इंश्योरेंस रखें. हेल्थ फील्ड के लिए समझदारी और एडवांस प्लानिंग जरूरी है.

यशवंत
एडिटर
भड़ास4मीडिया डॉट कॉम

Advertisement. Scroll to continue reading.

संबंधित खबरें-

यशवंत बन गए स्वास्थ्य बीमा कंपनी के एजेंट!

यूपी के मान्य पत्रकारों को मिलेगा पांच लाख का हेल्थ बीमा, कोरोना से मरे तो घरवाले 10 लाख पाएंगे

गतिहीन जीवनशैली के साथ शराब का अत्यधिक सेवन सीधा लीवर पर अटैक करता है

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement