नवेद शिकोह-
यूपी के मान्यता प्राप्त पत्रकारों को पांच लाख का स्वास्थ्य बीमा देगी योगी सरकार। यदि उत्तर प्रदेश में राज्य मान्यता प्राप्त पत्रकार की कोरोना से मृत्यु होती है तो उसके परिवार को दस लाख की माली मदद दी जायेगी।
हम सब स्वास्थ्य बीमा की मांग आठ साल से कर रहे थे। ये मांग आज सकारात्मक अंजाम पर पंहुची। कोविड काल में सरकार का ये फैसला वाक़ई क़ाबिले तारीफ है। इस जरुरत को लेकर पत्रकार संगठनों की लड़ाई सफल हुई। इस मांग और जरुरत को लेकर दर्जनों लेख लिखे गए। मठाधीश पत्रकारों और पत्रकार संगठनों की कार्यप्रणाली और उदासीनता को लेकर सवाल उठाये गए।
मालूम हो कि लखनऊ का एक संगठन पिछले डेढ़ दशक से अधिक समय से अपने चंद ख़ास पत्रकारों के लिए सरकार से बीमा लाभ ले रहा था। धन्यवाद योगी सरकार का जिसने समस्त राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकारों को पांच लाख का स्वास्थ्य बीमा देने की घोषणा की।
इसी मुद्दे पर ये प्रेस विज्ञप्ति पढ़ें-
मुख्यमंत्री का आभार पर आकस्मिक सहायता राशि व स्वास्थ्य बीमा राशि दोगुनी हो, पेंशन का हो एलान
लखनऊ, 25 सितंबर, उत्तर प्रदेश राज्य मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति ने पत्रकारों के लिए आकस्मिक मृत्यु की स्थिति में दी जाने वाली 10 लाख रुपये की सहायता राशि व स्वास्थ्य बीमा के लिए पांच लाख रुपये के एलान के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताते हुए इस राशि को बढ़ाने की मांग की है।
समिति अध्यक्ष हेमंत तिवारी ने कहा कि प्रदेश के पत्रकारों के लिए सबसे ज्यादा जरुरी पेंशन है जिसके संदर्भ में जल्द से जल्द एलान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के अधिकांश राज्य पत्रकारों को पेंशन दे रहे हैं जबकि उत्तर प्रदेश में इस संदर्भ में अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि समिति ने बीते आठ सालों में दर्जनों पत्र लिख व मौखिक वार्ता कर पेंशन के मामले में अनुरोध किया है।
मान्यता समिति अध्यक्ष हेमंत तिवारी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय श्रीवास्तव व कोषाध्यक्ष ज़फर इरशाद ने आज आकस्मिक मृत्यु की दशा में सहायता राशि व स्वास्थ्य बीमा के एलान का स्वागत करते हुए कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते इस राशि को दोगुना किए जाने की जरुरत है।
समिति पदाधिकारियों ने कहा कि मान्यता प्राप्त पत्रकार की मृत्यु होने की दशा में कम से कम 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता परिजनों को दी जानी चाहिए। इसके साथ ही इस सुविधा का लाभ गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों व डेस्क कर्मियों के परिजनों को भी दिए जाने की जरुरत है।
समिति ने कहा कि आज की दशा में चिकित्सा पर होने वाले भारी खर्च को देखते हुए राज्य सरकार को पांच लाख रुपये की जगह कम से कम दस लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा का एलान किया जाना चाहिए। समिति पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि आर्थिक सहायता राशि बढ़ाने, स्वास्थ्य बीमा कवर बढ़ाने और पेंशन जैसी जरुरी मांगों पर अविलंब विचार किया जाए।
Prabhakar
September 25, 2020 at 9:15 pm
और उनको क्या मिलेगा जो सरकार को आईना दिखाने के जुर्म में जेल भेज दिए गए है
बुलाती है मगर जाने का नई!!!