
एक बड़ी खबर इंडिया न्यूज चैनल से आ रही है. राणा यशवंत के जाने के बाद अब दीपक चौरसिया ने भी इस चैनल को गुडबॉय कह दिया है. इस तरह इंडिया न्यूज अब पूरी तरह नए लोगों के हाथ में आ गया है. सर्वेश तिवारी एंड कंपनी इंडिया न्यूज को संचालित कर रही है. सर्वेश न्यूज नेशन चैनल से आए हैं और उनका पद मैनेजिंग एडिटर का है.
बताया जा रहा है कि बीते शनिवार के दिन इंडिया न्यूज चैनल के मालिक कार्तिक शर्मा और एडिटर इन चीफ दीपक चौरसिया के बीच किसी बात को लेकर चैनल के गेट पर ही बकझक हुई. कुछ लोगों का कहना है कि इंडिया न्यूज के एमपी चैनल के पैसे का मसला था. इंडिया न्यूज के एमपी चैनल की फ्रेंचाइजी दीपक चौरसिया की बहन के पास है. बताया जाता है कि चैनल के गेट पर सिक्योरिटी गार्ड्स के सामने ही कार्तिक शर्मा और दीपक चौरसिया के बीच बहस हुई. इसी के बाद दीपक ने आफिस आना बंद कर दिया.
भड़ास4मीडिया को पिछले छत्तीस घंटों के दौरान करीब छह से ज्यादा मैसेज आए कि दीपक चौरसिया ने चैनल को गुडबाय कह दिया है. लेकिन अतीत में भी कई बार दीपक के चैनल छोड़न की अफवाहों को देखते हुए भड़ास ने पूरे घटनाक्रम की छानबीन का फैसला किया. इस पड़ताल से स्पष्ट हुआ कि इस दफे वाकई दीपक ने चैनल छोड़ दिया है. हो सकता है उन्होंने आफिसियली कोई इस्तीफा भले न भेजा हो लेकिन देर सबेर उन्हें ये भी करना होगा. इंडिया न्यूज चैनल का प्रबंधन अब नई टीम के हाथों चैनल को सौंपना चाहता है जिसमें वह लगभग सफल हो चुका है.
उधर, दीपक चौरसिया को लेकर चर्चा है कि वह न्यूज नेशन चैनल के संपर्क में हैं. संभव है उन्हें न्यूज नेशन में बतौर सलाहकार या किसी एक शो के एंकर के बतौर ज्वाइन करा दिया जाए. पर अभी कुछ फाइनल नहीं हुआ है. दीपक चौरसिया और राणा यशवंत के जाने से पहले इनकी टीम के कई लोगों को एक-एक कर इस्तीफा देना पड़ा था. तभी ये लगने लगा था कि चैनल के भीतर कोई बड़ा बदलाव चल रहा है. इंडिया न्यूज चैनल की टीआरपी लगातार गिरने के कारण भी प्रबंधन के तेवर सख्त हैं.
कभी फ्रॉड करके चैनल की टीआरपी जबरदस्त तरीके से बढ़ाई गई थी. जब फ्रॉड का खुलासा हुआ तो हर तरफ से चैनल प्रबंधन की निंदा की गई. उसके बाद से टीआरपी जो गिरी है, फिर उठने का नाम नहीं ले रही. इस दरम्यान कई नए चैनल आए और टीआरपी में देखते ही देखते छाप गए. इंडिया न्यूज प्रबंधन को लगता है कि न्यूज नेशन में काम कर रहे लोग अच्छी टीआरपी लाने का हुनर जानते हैं इसलिए उन लोगों को तोड़ कर चैनल में लाया गया है. सर्वेश तिवारी को फिलहाल फ्री हैंड दे दिया गया है. देखना है कि सर्वेश चैनल को कितना उठा पाते हैं. अगर वह चैनल को टीआरपी नहीं दिलवा पाए तो साल भर के भीतर उनकी भी खटिया खड़ी हो सकती है.
Comments on “दीपक चौरसिया ने ‘इंडिया न्यूज’ से दिया इस्तीफा, ‘न्यूज नेशन’ से जुड़ेंगे”
Ye to jab se ye channel khula tab se ho raha hai .. Koi nayi baat nahi
NAMO TV ki franchise le lo Deepak bhai, abhi offer khula hai NAMO NEWS ke naam se.
महा मूर्ख सर्वेश की जल्द ही यहा से भी छुट्टी तय है
Hahahahahaha hamaam me sab nange hain. Kyaa channel maalik kyaa nikaale gae…..mathaadhish chutiyaa…..
channel baalon ke badi khujli theee india ke star dalaal ko channel me laane ki. Chor ko chor hi sudhaar saktaa hai police nahi. Hahahahahaha…ab utsr gsyaa sab chutiyon kaa bukhaar ….
दीपक जी और कार्तिकेय जी के बीच किसी भी विषय पर कोई विवाद हुआ ही नही।
जो बात भड़ास ने लिखी है की दोनों झगड़ते हुए गार्ड रूम तक आ गए ये मनगढ़ंत है।
कार्तिकेय जी और दीपक जी के सम्बंध परिवारिक है और बने रहेंगे।
उनके बीच या संबंध पिछले 12 सालों से है।साथ मे काम करना तो उन्होंने बाद में शुरू किया है।
दीपक जी का सम्मान कार्तिकेय जी एक बड़े भाई के तेरह करते है।और दीपक जी कार्तिकेय जी को आपना छोटा भाई मानते थे और मानते रहेंगे।
“इंडिया न्यूज ” से दीपक को आ जाने से उसका trp और गिर जाएगा
नये युग की शुरूआत हो चुकी है “शोशल मीडिया” नाम की बीमारी “फ़ेश बुक के नऐ फेक फ़ेस जिन्हें लोग नहीं जानते कि वे कितने पढे लिखे हैं?
असली हैं या नक़ली हैं उनका अनुभव कया है।
आज देश मे राजनैतिक पार्टियाँ जो वरषों से बापौति संपति बनकर अपने माता पिता को औरंगज़ेब बनकर खुले आम केद कर लिआ और रामगोपाल जैसे प्रोफ़ेसर बनकर @modi की ख़िलाफ़त करके अपने भतीजे @Akhilesh Yadav को बग़ल में लगा अपने भाई को लालू यादव ने तो PM बनने से रोका था उनके अपने बेटे ने पार्टी से निकाल कर दूसरे चाचा शिवपाल यादव को पार्टी के चुनाव चिन्ह के लिए कोर्ट में चक्कर लगना दिऐ अब बाबा आशाराम की स्क्रिप्ट ले लोग बोर हो गए तो मीडिया चैनलों ने नए किरदारों को लेकर सात हिंदुस्तानी लेकर गठबंधन नाम की स्क्रिप्ट के इर्द गिर्द देश को नचा दिया जिसमें हीरो नहीं नया प्रयोग हुआ विलेनो को समाज का हीरो बनाने लगे जिनमें सबसे ऊपर नाम था राजनीति के खिलाड़ी मुलायम सिंह को धत्ता बताकर सपा छोड़ अपनी इंसाफ़ की तराज़ू लेकर कांग्रेस पर पहले से ही राहु के साथ शनि का काम शुरू हुआ और नए काल चक्र के पंडित बने मीडिया के नए पंडित “पोस्ट चावला ईरा” जिसने एक CA को मीडिया जगत का बादशाह बना दिया India Today मैगज़ीन से 1975 का वह चाटुकार शातिर परिवार जो पाकिस्तान से आकर भारत में अशांति और जनसंघ की जड़े तो खोदने लगा लेकिन बिहार जैसे राज्य जो पत्रकारों की खान है ने पंद्रह साल लगातार बिहार को गर्त में उतार दिया जिसका लगभग अंत हो गया है कि जो लड़का नौंवी पास नहीं कर सका वह संजय झा जो अमेरिका की Dale Carnegie की हाऊ टी विन का प्रयोग कांग्रेस के राहु पर उसकी बृहस्पति की ग्रह दशा में बैठ गया आश्चर्य तब हुआ जब उसने बहुत तैस में आकर देश के चुने हुऐ PM की डिग्री को चैलेंज करके बड़े उत्साह में अपनी XLRI जमशेद पुर बिंहार की MBA की डिग्री जिस पर विश्वविद्यालय के किसी चपरासी के भी लाईन नहीं थे ना ही कोई सील तुरंत ही ट्वीट करके पूछा कि इसमें तो मात्र विद्यार्थी का नाम ही है इसके दस्तखत दिल्ली के पूर्व मंत्री जिसकी ला की डिग्री को उसके बिहार के विश्वविद्यालय ने सपरषट मना कर दिया यहाँ भी जमशेद पुर में नौकरी करके आए केजरीवाल जो ख़ुद को IITian बताते थे शोर मचाकर युवा पीढ़ी को सीढ़ी पर चढ़कर बिजली के मीटरों के तार काट कर उसी राहु कि पार्टी को एक महिलाओं का शोषण करने वाले संजय सिंह मदारी के नाम से लोग जानते है उसे क्योंकि उसके भाषण राज्य सभा में मदारी के जैसे होते हैं।
ख़ैर ये शौशल मीडिया ही है जिस पर मुझे भी लिखने का अवसर मिला और दीपक जी एक बहुत ही मेहनती इंसान है यदि पाकिस्तानी रिफयूजी जिन्हें दिल्ली में सरकार ने 100 फ़ुट रोड कि सड़कें देश आज़ादी के बाद दी थी तो दुनिया का कोई देश जिसकी राजधानी में डिज़ाइनर पत्रकार जिन्हें ये पता नहीं कि मुग़लकालीन ज़माने से दिल्ली की वे बहादुर जातियाँ गुर्जर और जाट जिन्होंने देश में तीसरे नं० पर कृष्ण पाल गुर्जर जिसे हराने के लिए पूरी राहु पार्टी ताक़त लगा रही थी पूरे भारत में तीसरे नं० पर वोट ली जिसका साथ RSS ने भी दिया और दिल्ली में जो मीडिया पंडित पूरे घोड़े खोलकर टिकट कटाने में लगे थे जिसे कुछ नक़ली जाट जो रणदीप सिंह सुरजेवाला जिसके ख़िलाफ़ आज भी भारत के मीडिया जगत में रवीश कुमार सरदेशाई और देश के सबसे बड़े विलेन अरूण पुरा जो मीडिया के बजाए भारत विरोधी शक्तियों ये संबंध रखता है के किसी माई के लाल पत्रकार ने आजतक साहस क्यों नहीं किया कि इस तथा कथित भाराकां का मीडिया इंचार्ज किस आधार पर बनाकर कर दिल्ली में स्थापित कैसे हुआ सबसे बड़ा मज़ाक़ यही व्यक्ति देश में गाली राजनीति का जनक है संजय निरूपम के साथ प्रतियोगिता में कांग्रेस गाली कांग्रेस क्यों बनी ?
134 साल की पार्टी का एक जींद विधानसभा हारा देश कि पार्टी मे कांग्रेस पार्टी की सबसे शक्तिशाली कांग्रेस कार्य समिति का परमानेन्ट इनवाईटी बनकर हौवा बन गया से किसी ने सवाल नहीं पूछा कि वह डैली ब्लीचिंग कराने में तो व्यस्त है लेकिन सचिन पायलेट जो मंत्री था वह CWC में क्यों नहीं बनसका परमानेन्ट इनवाईटी क्योंकि वह भारत की मीडिया की नज़रों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का वह निडर चेहरा है जो राजस्थान में अपने बल पर सरकार पना कर ले आया और CM जादुगर बन गया जिसका बेटा चुनाव हार गया राजस्थान में एक वीर जाट हनुमान जी बेनिवास ने बता दिया कि बहुत पैसेवाले की ही राजनीति नहीं चलती यहाँ काम तरने वाले भी जितते है तीन विधायक अपने दम पर जिता कर दिखा दिया दिल्ली में प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने रमेश बिधूडी गुर्जर के साथ मिलकर दिल्ली में रिकार्ड मतों से जीत हासिल इस लिए की क्योंकि दिल्ली का पहला मुख्यमंत्री ब्रह्म प्रकाश यादव गुर्जर और जाटों का चहेता था यहाँ पर ब्राह्मणों की मानता आज भा है तभी मनोज तिवारी जी बिहार से आकर दिल्ली में दो चुनाक नगर निगम व सातों सीटें संसद की ।
अब दिल्ली में अजय माकन रिफयूजी को रिफयूज कर दिया क्योंकि दस साल के यूपीए शासन काल जो राजीव गांधी के हत्यारों लिट्टे के प्रभाकरण के मित्र MDMK के वायको की मदद से ग़ुलाम नबी आज़ाद ने बनवाई दस साल देश को पता ही नहीं चलने दिया कि राजीव गांधी की हत्या के पीछे कौन है ?
क्षमा चाहती हूँ बोर हो रहे है तो लेकिन मैं नक़ली आई जी “Rathee” नहीं हूँ जो शोशल मीडिया पर बिना मतलब यू ट्यूब का ट्यूब बेबी है।
मेरा ट्विटर आई जी jagatsinghCho3 है कोई शिकायत हो या कुछ पूछना हो तो पूछ सकते है पढ़े लिखे परिवार से हूँ असभ्यता नहीं सीखी नमस्ते इंडिया ।