संपादक, भड़ास4मीडिया
महोदय आपके पोर्टल पर मेरे बारे में एक खबर चल रही है. बताना चाहूंगा कि डिप्टी डायरेक्टर इनफारमेशन मुझसे इसलिए खार खाए हुए हैं क्योंकि जिला सूचना कार्यालय के गोरखधंधे का मैंने पर्दाफाश किया है. जिला सूचना कार्यालय में चल रही अनियमितता को लेकर मैंने फेसबुक पर सीरिज में पोस्ट लिखी है जिसकी एक कॉपी आपको भेज रहा हूं.
अयोध्या जिला सूचना कार्यालय का गोरखधंधा… फर्जी मान्यता की खोल दी मंडी… इच्छा शक्ति, मखदूम मेल, उदेतित सविता, नैतिक विकास, जिज्ञासु कुंज, ग्राम वार्ता, सूर्योदय भारत, अमरेश दर्पण, कौमी हालात, गुजराती न्यूज़ सर्विस, कौमी फलाह, वारिस ए अवध… यह सब नाम हैं अखबारों के।
ये अखबार आपको दिखते हों या ना दिखते हों, लेकिन अयोध्या के जिला सूचना कार्यालय ने बड़ा गोरखधंधा कर ऐसे हवा हवाई अखबारों को भी यहां खूब मान्यता बांटी है। यह खेल सहायक सूचना निदेशक और एक बाबू ने अपनी मुट्ठी में रखा है।
अयोध्या के जिला सूचना कार्यालय में मान्यता देने की मानो दुकान ही खुल गई है। नियम विरुद्ध और मानक के विपरीत एक एक अखबारों से तीन-तीन, चार-चार लोगों को मान्यता दी गई। एक ही परिवार में एक या दो से अधिक मान्यता रेवड़ी की तरह बांट दी। खेल बड़े निराले हुए हैं। सब कुछ नियमों को ताक पर रखकर।
जाहिर है जिला सूचना कार्यालय में मान्यता देने की मंडी खोल दी गई और धंधा हुआ। दर्जनभर ऐसे लोगों को मान्यता दी गई है जो कभी कहीं पत्रकार के तौर पर दिखते ही नहीं। ऐसे भी अखबारों से मान्यता है जिनका प्रकाशन ही बंद है। ऐसे मान्यता कार्डों का कहां-कहां दुरुपयोग हो रहा है? यह न तो कोई पूछने वाला है ना किसी को फिक्र।
लगता है यह जाल ऊपर से नीचे तक है। इस गोरखधंधे से सरकार को कितनी आर्थिक चोट लग रही है, इसका भी अंदाजा लगाना मुश्किल है।
ये हैं मान्यता की आवश्यक शर्तें
-संपादक द्वारा संवाददाता का अधिकृत प्रमाण पत्र हो।
-संवाददाता का प्रोविडेंट फंड तथा वेतन का प्रमाण पत्र हो।
-एलआईयू जांच जिसमें संवाददाता का मुख्यालय पर परमानेंट आवास प्रमाणित होना चाहिए।
-संबंधित समाचार पत्र का प्रसार जिले में होना चाहिए।
-5 साल का अनुभव प्रमाण पत्र संपर्क के नंबर आवश्यक है
-एक अखबार से एक से ज्यादा की मान्यता अखबार के प्रसार पर तय होती है।
-25 हजार प्रसार पर एक, एक लाख पर चार मानक है दैनिक अखबार का। समाचार का प्रकाशन स्थल यदि है तो अखबार का निजी प्रेस होना चाहिए।
इंदुभूषण पांडेय
पत्रकार
अयोध्या
मूल खबर-
One comment on “‘जिला सूचना कार्यालय की गड़बड़ियां उजागर करने के कारण ख़फा हैं डिप्टी डायरेक्टर’”
हमाम में सब नंगे हैं सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार होना आम बात है, भ्रष्ट अधिकारियों से पत्रकारों द्वारा डील कर लेना भी कोई असामान्य बात नहीं है। बस कभी कभी ऐसे मामले खुल कर सतह पर आ जाते हैं ।