दैनिक जागरण के नोएडा कार्यालय में एक ऐतिहासिक घटना घटी। चार-चार श्रम पर्यवेक्षकों ने कंपनी दफ्तर पर बुधवार की रात में छापा मार दिया। यह घटना ऐतिहासिक इसलिए है कि जहां अखबार के दफ्तर में लेबर आफिस का चपरासी भी नहीं फटकता था, वहां अधिकारियों ने छापा मार कर यह संदेश दिया है कि श्रम अधिकारी अब अखबार की भौकाल में आने वाले नहीं हैं। इस घटना से बौखलाए दैनिक जागरण प्रबंधन ने कर्मचारियों में भ्रम फैलाने के लिए अपने कुछ गुर्गों को छोड़ दिया है।
ये गुर्गे जगह-जगह यह कहते फिर रहे हैं कि दैनिक जागरण दफ्तर पर जो छापा पड़ा है, वह कर्मचारियों के हित में नहीं है। उसकी आड़ में डीएलसी के अधिकारी गलत रिपोर्ट दे सकते हैं। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। आने वाले दिनों में दैनिक जागरण प्रबंधन के खिलाफ और भी बड़े-बड़े धमाके हो सकते हैं। जैसे जैसे असली क्रांतिकारियों का दल सक्रिय हो रहा है, फर्जी क्रांतिकारी बेनकाब होने लगे हैं। अब कर्मचारियों को यह तय करना होगा कि उनका असली हितैषी कौन है। इसलिए अब कर्मचारियों को भ्रमित होने की जरूरत नहीं है। आराम से तमाशा देखते रहें और मजीठिया का महाभारत शुरू होने से पहले अपनी निष्ठा तय कर लें, क्योंकि जीत तो अंत में सत्य की ही होती है।
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