जैन टीवी में कार्यरत ज्यादातर मीडिया कर्मियों को हमेशा प्रबंधन से सैलरी समय से प्राप्त न होने, फंड राशि कंपनी द्वारा हजम कर लिए जाने की शिकायतें बनी रहती हैं। उनका कहना है कि आदमी नौकरी करता है पैसे के लिए लेकिन जैन टीवी ग्रुप में नौकरी करने के बदले मिलती है धमकी। जब तक नौकरी करनी है, करो, वेतन आठ-नौ महीने में एक महीने का मिल जाएगा।
इस बीच पता चला है कि कुछ कर्मचारी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से मिलकर न्याय के लिए फरियाद करने वाले हैं। अब देखना है कि वहां उनकी मुसीबतों पर कितनी सुनवाई हो पाती है। उल्लेखनीय होगा कि जैन टीवी के मालिक जे.के. जैन राजनीतिक रूप से भाजपा के निकट बताए जाते हैं।
भुक्तभोगी कर्मी बताते हैं कि अगर किसी ने गलती से नौकरी छोड़ दी या कम्पनी से निकाल दिया गया तो भाड़ में जाए कर्मचारी और उसकी सैलरी। जैन टीवी ग्रुप का ये रवैया एक, दो, नहीं, बल्कि ज्यादातर के साथ बताया जाता है। इस तरह के सांस्थानिक तनाव से अब तक कई एक के मर जाने की भी अपुष्ट सूचनाएं हैं। तथ्यतः तो साबित करना कठिन है कि मृत्यु के पीछे कंपनी रही है लेकिन इतना साफ़ है कि मरने की वजहें आर्थिक रही हैं।
बात करें डराने धमकाने की तो ह्यूमन रिसोर्स कहता है कि “जाओ केस कर दो, वैसे भी बहुत सारे केस हैं कम्पनी पर, एक और जुड़ जायेगा”। चलिए ये तो बात रही तनख्वाह क़ी, इसके अलावा आलम ये है कि वर्षों से कम्पनी ने कर्मचारियों की सेलरी से पी.एफ. काटा है लेकिन उसे जमा नहीं कराया है। यानी कंपनी ने उस राशि को भी डकार लिया, जो वेतन से अलग और भविष्य निधि होती है।
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित