अच्छा अखबार जनसत्ता और अच्छा एंकर रवीश कुमार

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Shambhu Nath Shukla : एक अच्छा संपादक वह नहीं है जो अपने ही अखबार में धुंधाधार लिखता रहे। संपादक को अपना ही लेखन पढ़ाने की जरूरत नहीं पढ़ती और उसके विचारों की अभिव्यक्ति के लिए संपादकीय तो हैं ही, एक अच्छा संपादक वह है जो अच्छे लेखक तैयार करे। जो लोगों को लिखने के लिए विवश करे। जनसत्ता का योगदान यही है कि उसने लिखने और पढऩे वालों की एक पूरी पीढ़ी तैयार की।

आज भी तमाम जगह मुझे ऐसे आईएएस और आईपीएस मिल जाते हैं जो अब विभिन्न सरकारी विभागों में सचिव या इसके ऊपर के स्तर के अधिकारी हैं अथवा पीएसयू में ईडी, सीएमडी हैं। वे बताते हैं कि उन्होंने अपनी परीक्षा की तैयारी जनसत्ता पढ़कर की थी। मगर अब हिंदी अखबार ऐसा वर्ग नहीं तैयार कर रहा। यह एक दुखद अध्याय है। ठीक इसी तरह न्यूज चैनलों का एक अच्छा एंकर वह है जो खुद कम बोले अपने अतिथियों को बोलने का मौका ज्यादा दे। यकीनन Ravish Kumar इस मामले में अव्वल हैं।

वरिष्ठ पत्रकार शंभूनाथ शुक्ला के फेसबुक वॉल से.



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