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Shambhunath Shukla : मेनस्ट्रीम मीडिया, चाहे वह ‘जी’ टीवी हो, ‘आजतक’ हो या ‘एनडीटीवी’ अथवा हिंदुस्तान टाइम्स या टाइम्स ऑफ़ इंडिया सब कारपोरेट हाउस...
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Shambhunath Shukla : मेनस्ट्रीम मीडिया, चाहे वह ‘जी’ टीवी हो, ‘आजतक’ हो या ‘एनडीटीवी’ अथवा हिंदुस्तान टाइम्स या टाइम्स ऑफ़ इंडिया सब कारपोरेट हाउस...
Shambhunath Shukla : वरिष्ठ पत्रकार Yashwant Singh पर हुए हमले पर पत्रकार जगत चुप है. असहिष्णुता को लेकर हल्ला-गुल्ला करने वालों ने भी एक...
Shambhu Nath Shukla : हामिद अंसारी साहब बहुत याद आएंगे। पूरे दस साल वे भारत के वाइस प्रेसीडेंट रहे और राज्य सभा में कड़क...
Shambhunath Nath : कहीं रेलवे को बेचने की तैयारी तो नहीं!... आज रेलवे की भयानक अराजकता और रेल कर्मचारियों की लापरवाही के साक्षात दर्शन...
मैं बनवारी जी से मिलने साढ़े चार सौ किमी की यात्रा तय कर दिल्ली आ गया वरिष्ठ पत्रकार शंभूनाथ शुक्ल जब से विजुअल मीडिया...
कल दिल्ली स्थित प्रेस क्लब ऑफ इंडिया की वोटिंग है। मुझे एक संजीदा पत्रकार मानते हुए लोगबाग मुझे भी अप्रोच कर रहे हैं कि...
Shambhunath Nath : रेणुका शहाणे नाम की एक सामान्य और औसत दर्जे की अभिनेत्री ने कल एक लिंक शेयर किया जिसमें उन्होंने बताया था...
Shambhunath Shukla : तीव्र शहरीकरण किसी इलाके को हुआ है तो वह शायद एनसीआर का इलाका ही होगा। देखते ही देखते दिल्ली के करीब...
Shambhunath Shukla : एलोपैथी दवा कंपनियां बड़े पूंजी घरानों के पास हैं और एलोपैथी के चिकित्सक उनके क्रीत दास। ये कंपनियां ही दिल्ली तथा...
Shukla SN : रवीश कुमार: भीड़ में एक चेहरा! मीडिया में आया हर पत्रकार रवीश जैसी चकाचौंध चाहता है, ग्लैमर चाहता है पर रवीश...
Shambhunath Shukla : ग्लासनोस्त दर्शन के प्रणेता और सोवियत संघ के कर्ताधर्ता मिखाइल गोर्बाचेव साल 1988 में भारत आए तो दिल्ली के सारे अखबारों...
Shambhunath Shukla : हिंदुस्तान में पढ़ाई मंहगी है, इलाज मंहगा है और ऐय्याशी (शराबखोरी, होटलबाजी, शौकिया पर्यटन आदि-आदि) मंहगी है। लेकिन सबसे सस्ता है...
Shambhunath Shukla : 1983 में जब दिल्ली आया तो शुरू-शुरू में राजघाट के गेस्ट हाउस में रहा करता था। जनसत्ता के संपादक दिवंगत प्रभाष...
Shambhunath Shukla : टीवी न्यूज चैनलों में Ravish Kumar एक शानदार एंकर ही नहीं है या वे महज न्यूज चयन में सतर्कता बरतने वाले...
Shambhunath Shukla : नया साल सोशल मीडिया के सबसे बड़े मंच फेस बुक के लिए लगता है अच्छा नहीं रहेगा। कई हस्तियां यहाँ से...
सांप्रदायिकता पूंजीवाद और औद्योगिक सभ्यता की देन है। बाजार हथियाने के लिए बाजारवादी शक्तियां सांप्रदायिकता का हथकंडा अपनाती हैं। अपनी सांप्रदाकियता की धार को...
कई लोगों ने मुझसे अनुरोध किया है कि फ्रेज झाड़े रहो कलेक्टर गंज का मतलब बताऊँ। तो खैर सुनिए। यह मुहावरा मैं भी बोला...
कुछ संभलकर ही ट्रेड फेयर जाएं क्योंकि जो दिखता है वही सुंदर नहीं है! यह पोस्ट मैं नहीं भी डाल सकता था क्योंकि यह...
Shambhu Nath Shukla : मैं भारतीय मुसलमानों की बौद्घिक क्षमता का कायल रहा हूं। मुझे याद है कि पक्के दक्षिणपंथी रजत शर्मा ने अपने...
मैं संत रामपाल को नहीं जानता न ही उनके दर्शन और अध्यात्म की उनकी व्याख्या से। पर वे खुद कहते हैं कि वे हिंदू...
Om Thanvi : नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल फैलाव में स्वागतयोग्य बातें हैं: पर्रीकर और सुरेश प्रभु जैसे काबिल लोग शामिल किए गए हैं। बीरेंद्र...
शंभूनाथ शुक्ल : भाई Siddharth Kalhans ने पूछा है क्यों मनाते हैं दीवाली? मेरी मोटी बुद्धि में जो समाया है, वह यह है कि...
आज से 35 साल पहले जब आज के ही दिन मैने अखबार की नौकरी शुरू की तो अपने इमीडिएट बॉस ने सलाह दी कि...
Shambhu Nath Shukla : केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बने साढ़े चार महीने होने को जा रहे हैं। मैने आज तक मोदी के...
Shambhu Nath Shukla : फेसबुक पर आजकल समाजवादी पार्टी के प्रवक्तागण आँधी की तरह टूट पड़े हैं। हो सकता है कि मुख्यमंत्री का निर्देश...
Shambhu Nath Shukla : हिंदी जैसे दुजाहू नहीं, तिजाहू की बीवी है! यूपीए-2 की सरकार में जब ममता बनर्जी रेल मंत्री बनीं तो मुझे...
Shambhu Nath Shukla : मैं अपने दौर के दस उन संपादकों की सूची दे रहा हूं जिन्होंने पत्रकारिता में नए मूल्य तय किए और...
Shambhu Nath Shukla : गाजीपुर का खाद-पानी... आज पुरानी किताबें निकालने के चक्कर में मैं अपनी लायब्रेरी खंगाल रहा था तो पाया कि उत्तर...
Shambhu Nath Shukla : मैं यह पोस्ट लिखकर शाकाहारियों की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचा रहा है लेकिन यह विचारणीय तो है ही। मेरे...
Shambhu Nath Shukla : विजुअल मीडिया जिस तेजी से उभरी थी उसी तेजी से एक्सपोज भी हो गई। इसके विपरीत प्रिंट का डंका अभी...
Shambhu Nath Shukla : एक अच्छा संपादक वह नहीं है जो अपने ही अखबार में धुंधाधार लिखता रहे। संपादक को अपना ही लेखन पढ़ाने...