जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष अकबर चौधरी और संयुक्त सचिव सरफराज हामिद ने सोमवार दोपहर बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। छात्रसंघ के अन्य पदाधिकारियों की ओर से जारी सर्कुलर के बाद दोनों ने पद छोड़ा है। दोनों पर जेएनयू की छात्रा ने यौन प्रताड़ना के तहत जीएस कैश में 24 जुलाई को शिकायत दी थी, जिसके आधार पर छात्रसंघ ने दोनों को जांच पूरी होने तक पद मुक्त कर दिया। हालांकि दोनों पदाधिकारियों ने जीएस कैश की ओर से जांच कमेटी गठित होने पर पहले ही अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया था।
जेएनयू में पहली बार छात्रसंघ अध्यक्ष को किसी छात्रा ने जीएस कैश कमेटी के समक्ष खड़ा किया है। कमेटी के समक्ष 24 जुलाई को एमए की छात्रा ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि उक्त दोनों ने उसका जबरदस्ती हाथ पकड़ा और घसीटते हुए ले गए। उसने शिकायत में कहा है कि उसके साथ अभद्र व्यवहार व अपशब्द भी कहे थे। मामले का खुलासा 27 जुलाई को हुआ था, जब जीएस कैश कमेटी की ओर से उक्त दोनों छात्रों को नोटिस मिला, जिसमें उन्हें पक्ष रखने का निर्देश दिया गया था। इस नोटिस के आधार पर 28 जुलाई को उक्त दोनों छात्रों ने अपना पक्ष साफ कर दिया था।
छात्रसंघ की उपाध्यक्ष अनुभूति से जब पूछा गया कि क्या अकबर ने इस्तीफा दे दिया है, उन्होंने कहा कि हम इतना ही कहना चाहते हैं कि अकबर और हामिद ने अपना दफ्तर छोड़ दिया है। एक छात्रा की ओर से यौन शोषण का आरोप लगाए जाने के बाद अकबर चौधरी और हामिद ने अपने पक्ष में एक बयान जारी किया था जिसे जी.एस. कैश ने नियमों का उल्लघंन माना। इसके बाद आइसा के विरोधी छात्रसंगठन उनपर इस्तीफे का दवाब बना रहे थे। सोमवार को कैंपस में जी.एस. कैस के पक्ष में एक रैली भी निकाली गई।
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madan kumar tiwary
August 21, 2014 at 3:23 pm
not only these issue rather they defend their criminal associates. we have seen them defending robbers so you cant expect honesty and transparency .