
इतने बड़े पत्रकार के खिलाफ मीडिया हाउस के मालिक का इतना सख्त एक्शन ये संकेत देता है कि मामला सिर्फ अनुशासनहीनता का ही नहीं है. दरअसल केंद्र की मोदी सरकार की आंख की किरकिरी जो भी पत्रकार बने, उन्हें आजतक ग्रुप के मालिक अरुण पुरी ने चैनल से देर-सबेर हटा ही दिया. हटाने के पहले ऐसे ही सालिड बहाने-तरीके खोजे जाते हैं ताकि बंदा खुद ब खुद इस्तीफा दे दे.
अब सवाल आम है कि राजदीप दंड भुगतने के बाद फिर से नौकरी करने लगेंगे या इस्तीफा दे देंगे?
बताया जाता है कि उन्होंने एक ट्वीट राष्ट्रपति को लेकर किया था. बाद में उन्हें वह ट्वीट डिलीट करना पड़ा. सरकार के उच्च पदस्थ लोगों ने राजदीप की शिकायत अरुण पुरी से की. दूसरा ट्वीट छब्बीस जनवरी के दिन बवाल में एक किसान को लेकर था. राजदीप ने ट्वीट किया कि उस किसान के माथे पर पुलिस ने गोली मारकर मर्डर किया. इस ट्वीट पर भी सरकार को सख्त आपत्ति थी.
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