कल से प्रशांत कन्नौजिया की गिरफ़्तारी का मामला तूल पकड़े हुए है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रशांत को पुलिस उनके घर से उठा कर लखनऊ ले गयी। प्रशांत की गिफ्तारी की वजह को एक वीडियो बताया जा रहा है। मगर इसके पीछे मामला कुछ और है। वीडियो को तो गिरफ्तारी का एक माध्यम बनाया गया है।
कानपुर की एक महिला का वीडियो वायरल हुआ जो यूपी के सीएम योगी के लिए प्रेम पत्र लेकर लखनऊ गयी थी। इस महिला के वायरल वीडियो में समाचार प्लस, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, 24×7 न्यूज के माइक दिख रहे हैं। तो जाहिर तौर पर वीडियो इन्हीं किसी के रिपोर्टर/स्टिंगर से सोशल मीडिया तक पहुंचा है। प्रशांत कन्नौजिया प्राइमरी रूप से वीडियो लीक करने वाले तो हैं नहीं। फिर उन्हीं को क्यों गिरफ़्तार किया गया?
मेरी सटीक और ख़ुफ़िया जानकारी से पता चला है कि प्रशांत कन्नौजिया को दिल्ली में बैठे सत्तापक्ष के कुछ पत्रकारों के इशारे पर सबक सिखाने के लिए गिरफ्तार करवाया गया है। प्रशांत पिछले कुछ समय से ट्विटर पर दिल्ली के ‘मोदीमय नामक बीमारी’ से ग्रसित पत्रकारों से बहुत तीखे सवाल कर रहे थे। ट्विटर पर प्रशांत को इन पत्रकारों ने जवाब देने के बजाए प्रशांत को ब्लॉक करना शुरू कर दिया था।
प्रशांत पर मुक़दमा दर्ज कराने के लिए हज़रतगंज के एक दारोग़ा विकास कुमार ने मामले पर तहरीर दी थी। ये बात अपने आप में ही कई सवाल खड़े करती है। विकास कुमार को तो महज़ सीढ़ी बनाया है ताकि ऊपर चढ़ा जा सके। ट्वीट के 24 घंटे के अंदर ही पुलिस ने प्रशांत को गिरफ़्तार करने के लिए लखनऊ से दिल्ली दौड़ लगा दी। आप को नहीं लगता कि किसी बड़े दबाव के चलते तुरंत गिरफ्तारी को अंजाम दिया गया। मीडिया में छपी खबरों के अनुसार मुख्यमंत्री कार्यालय से इस मामले की कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे।
मुझे मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली के कुछ पत्रकार प्रशांत को सबक सिखाने की बात किया करते थे। प्रशांत के ट्विटर और fb के सभी पोस्ट पर निगरानी रखी जा रही थी ताकि कोई एक ऐसा पोस्ट मिले जिसको आधार बनाकर उनको गिरफ़्तार करवाया जा सके। इसी मामले पर दो और पत्रकारों को भी गिरफ्त में लिया गया है। प्रशांत ये बख़ूबी समझ चुके होंगे कि उनको किसके इशारे पर पुलिस ने पकड़ा है। आने वाला समय इससे भी ज़्यादा खौफ़नाक मंज़र लेकर सामने आएगा। जब पत्रकार को ही बोलने नहीं दिया जाएगा तो आम जनता का क्या हाल होगा। लखनऊ की जानकारी को साझा करना उचित नहीं है वरना अगले ही पल पुलिस मुझे लाठियाते हुए उठा ले जाएगी।
लेखक नेहाल रिजवी युवा पत्रकार हैं. उनसे संपर्क [email protected] के जरिए किया जा सकता है.