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दैनिक जागरण प्रबंधन के इशारे पर क्लेमकर्ता को सहायक कामगार आयुक्त ने भगाया

कानपुर से खबर आ रही है कि यहाँ श्रम विभाग मीडियाकर्मियों के लिए नहीं बल्कि दैनिक जागरण प्रबंधन के लिए काम कर रहा है। हद तो तब हो गयी जब एक क्लेमकर्ता को मनबढ़ सहायक कामगार आयुक्त रवि श्रीवास्तव ने काफी भला-बुरा कहा और सुनवाई के दौरान भगा दिया। कानपुर से एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट के मुताबिक माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 17(1) का वाद दाखिल करने वाले दैनिक जागरण कानपुर के ले आउट डिजाईंनर राजेंद्र वर्मा को जिला श्रम आयुक्त कार्यालय कानपुर में तैनात सहायक श्रम आयुक्त रवि श्रीवास्तव ने जमकर गाली दी और फर्जी मुकदमे में फंसा देने की धमकी भी दी। यह वाकया 22 दिसंबर की सुनवाई के दौरान हुआ।

<p>कानपुर से खबर आ रही है कि यहाँ श्रम विभाग मीडियाकर्मियों के लिए नहीं बल्कि दैनिक जागरण प्रबंधन के लिए काम कर रहा है। हद तो तब हो गयी जब एक क्लेमकर्ता को मनबढ़ सहायक कामगार आयुक्त रवि श्रीवास्तव ने काफी भला-बुरा कहा और सुनवाई के दौरान भगा दिया। कानपुर से एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट के मुताबिक माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 17(1) का वाद दाखिल करने वाले दैनिक जागरण कानपुर के ले आउट डिजाईंनर राजेंद्र वर्मा को जिला श्रम आयुक्त कार्यालय कानपुर में तैनात सहायक श्रम आयुक्त रवि श्रीवास्तव ने जमकर गाली दी और फर्जी मुकदमे में फंसा देने की धमकी भी दी। यह वाकया 22 दिसंबर की सुनवाई के दौरान हुआ।</p>

कानपुर से खबर आ रही है कि यहाँ श्रम विभाग मीडियाकर्मियों के लिए नहीं बल्कि दैनिक जागरण प्रबंधन के लिए काम कर रहा है। हद तो तब हो गयी जब एक क्लेमकर्ता को मनबढ़ सहायक कामगार आयुक्त रवि श्रीवास्तव ने काफी भला-बुरा कहा और सुनवाई के दौरान भगा दिया। कानपुर से एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट के मुताबिक माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 17(1) का वाद दाखिल करने वाले दैनिक जागरण कानपुर के ले आउट डिजाईंनर राजेंद्र वर्मा को जिला श्रम आयुक्त कार्यालय कानपुर में तैनात सहायक श्रम आयुक्त रवि श्रीवास्तव ने जमकर गाली दी और फर्जी मुकदमे में फंसा देने की धमकी भी दी। यह वाकया 22 दिसंबर की सुनवाई के दौरान हुआ।

जानकारी के अनुसार रवि श्रीवास्तव 17(1) के वाद की सुनवाई कर रहे थे। उसी समय राजेन्द्र वर्मा ने श्रमायुक्त से इस बात की शिकायत की कि रवि श्रीवास्तव मुझे दो सम्मन अलग अलग मुकदमे का भेज दिया है जिसका no wj 02-2016 और wj 9-2016 है। पहले वाले मुकदमे में 5 अक्टूबर से डेट चल रही थी जो श्रमायुक्त के आदेश से था। इसी मुकदमे को पीछे करने के उद्देश्य से रवि द्वारा दूसरा सम्मन भेज दिया गया क्योंकि उस मुकदमे को पेंडिंग दिखा कर ख़ारिज किया जा सके। इसकी आनलाइन शिकायत प्रधानमंत्री तथा कई अधिकारियों से राजेंद्र वर्मा ने कर दी। इससे बौखलाए सहायक श्रमायुक्त ने मीडियाकर्मी को बहुत गाली दी और फर्जी मुकदमे में फंसा देने की धौंस देते हुए उसे कार्यालय से भगा दिया। बताया जाता है कि मामले की 26 दिसंबर को फिर डेट है जिसमें बहस होनी है। इस मनबढ़ अधिकारी के खिलाफ पत्रकारों में गुस्से का माहौल है।

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शशिकांत सिंह
पत्रकार और आर टी आई एक्टिविस्ट
9322411335

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