गोरखपुर : राजस्थान, मध्यप्रदेश आदि राज्यों की तरह अब उत्तर प्रदेश शासन ने भी मजीठिया वेज बोर्ड की संस्तुतियों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन का सख्त निर्देश जारी कर दिया है। श्रम आयुक्त शालिनी प्रसाद ने प्रदेश के समस्त श्रम अधिकारियों को आदेशित किया है कि वे अपने अपने क्षेत्र के समाचार पत्र प्रतिष्ठानों का निरीक्षण कर तत्काल इस संबंध में रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। आदेश में कहा गया है कि समाचार पत्र प्रतिष्ठानों के निरीक्षण के दौरान वहां कार्यरत पत्रकारों और गैर पत्रकारों की संख्या, उनके मौजूदा वेतनमान आदि के सम्बन्ध में पूरी जानकारी रिपोर्ट में दें। निरीक्षण के लिए जिलाधिकारियों से स्वीकृति लेना आवश्यक नहीं है। मजीठिया वेतनमान से संबंधित क्षेत्रीय स्तर पर कोई रिपोर्ट दर्ज कराई गई हो तो श्रम आयुक्त ने उसके भी त्वरित निस्तारण का आदेश दिया है।
यह आदेश एक जून को श्रम आयुक्त द्वारा प्रदेश के सभी क्षेत्रीय अपर उप श्रम आयुक्तों को दिए गए हैं। इस आदेश में कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा अवमानना वाद सिविल संख्या 411 2014 अभिषेक राजा व अन्य बनाम संजय गुप्ता व अन्य में पारित आदेश दिनांक 28-4-2015 के द्वारा निरीक्षक नियुक्त किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इस सम्बन्ध में शासन ने 12 नवम्बर 2014 द्वारा पूर्व में ही निरीक्षक नियुक्त किया जा चुका है। मजीठिया वेज बोर्ड की संस्तुतियों को लागू करने के सम्बन्ध में भी शासन द्वारा पत्र संख्या 342 36-1-2014 दिनांक 20-06-2014 द्वारा निर्देश जारी किया गया था परन्तु उक्त प्रकरण पर प्रायः देखा जा रहा है कि अधिकतर क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा बार-बार लिखे जाने के उपरान्त भी उक्त प्रकरण को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। यह स्थिति अत्यन्त खेदजनक है।
श्रम आयुक्त ने अपने निर्देश में यह भी कहा है कि चूंकि उच्चतम न्यायालय ने सम्बन्धित प्रतिष्ठानों हेतु निरीक्षक नियुक्त किए जाने के आदेश दिए हैं, इसलिए निरीक्षण के लिए जिलाधिकारियों से स्वीकृति लेना आवश्यक नहीं है। इस आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि क्षेत्रीय स्तर पर इस सम्बन्ध में कोई शिकायत दर्ज करायी गयी हो तो उसका तत्काल निस्तारण भी किया जाए। यहां उल्लेखनीय है कि गोरखपुर जर्नलिस्ट्स प्रेस क्लब की ओर से श्रम उपायुक्त कार्यालय गोरखपुर को गोरखपुर समाचार पत्र प्रतिष्ठानों में मजीठिया वेज बोर्ड की संस्तुतियां लागू नहीं किए जाने की शिकायत करते हुए ज्ञापन दिया गया था।
Comments on “मजीठिया वेतनमान: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यूपी श्रम विभाग के भी सख्त निर्देश जारी”
I request the Editor to post the names of States which have so far appointed Labour Inspectors for inspection and sending report on implementation of Majithia Wage Board to the Supreme Court.
kya isme stringer bhi shamil hai….
s……madhavan’s req..
what about Maharashtra Govt.?
Tamil Nadu is yet to make an announcement in this regard.
sab bhai log aap to ye bataye ki Majithia k anusar badhi hui salary sab log ko kab tak milegi agar koi naukri chod kar chala jata hai kya tab bhi use majithia ka laabh milega (majithi lagu hone ke intjar me ek sal se job change krne ki soch raha lekin kr nahi pa raha)
Dear Mr Manoj, pl excuse me. I don’t know Hindi. Could you pl post it in Hindi?