देश भर के प्रिंट मीडिया कर्मियों के वेतन, एरियर और प्रमोशन के लिए गठित जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में त्रिपक्षीय समिति गठित करने का आदेश दिया गया था मगर देश की राजधानी दिल्ली सहित कई राज्यों में त्रिपक्षीय कमेटी का गठन नहीं किया गया। जिन राज्यों में त्रिपक्षीय कमेटी का गठन नहीं किया गया वे राज्य हैं- दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, सिक्किम, दमन दीव, पांडिचेरी, लक्ष्य दीप, बिहार तथा हरियाणा।
आपको बता दें कि त्रिपक्षीय समिति में अखबार मालिक, पत्रकार और उनके यूनियन के सदस्य तथा कामगार आयुक्त या उनके द्वारा अधिकृत अधिकारी शामिल होते हैं। इस समिति का काम होता है आपस में तालमेल कर वेज बोर्ड लागू किए जाने से संबंधित माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेशों का पालन कराना। मगर जब कमेटी ही नहीं गठित हुयी तो तालमेल कैसा। राज्य स्तर पर बनाई जाने वाली ये कमेटी केंद्र सरकार द्वारा गठित सेन्ट्रल मॉनिटरिंग कमेटी को रिपोर्ट करती है।
आइये अब जिन राज्यों में ये कमेटी गठित की गयी है, वहां ये त्रिपक्षीय कमेटी क्या करती हैस ये भी बता दें। इस कमेटी को कोई भी वैधानिक पावर नहीं है। सो ये कमेटी चाहकर भी कोई ठोस कदम नहीं उठा सकती। जब भी इन त्रिपक्षीय कमेटी की कामगार आयुक्त कार्यालय में मीटिंग होती है तो कमेटी मेम्बरों को प्रगति रिपोर्ट बतायी जाती है। उनका पक्ष समझा जाता है और चाय नाश्ते के बाद ये मीटिंग ख़त्म हो जाती है। सो आप समझ सकते हैं इस त्रिपक्षीय कमेटी का होना न होना लगभग बराबर की बात है। कई राज्यों का तो दावा है कि उनके यहाँ मजीठिया वेज बोर्ड के लागू होने के पहले से त्रिपक्षीय कमेटी बन चुकी है।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्सपर्ट
9322411335
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