मनीष पांडेय-
बात शायद २०१५ या १६ की है मैंने ऑफिस के किसी काम से सहगल साहब को फ़ोन किया उन्होंने ने कहा की यूपिडा आ जाओ मैं वहीं निकल रहा हूँ । यूपीडा पहुँचा तो सहगल साहब कोई वी सी कर रहे थे । सामने ढेर सारी फ़ाइले पड़ी हुई थी साथ साथ वो भी निपटा रहे थे ।
तब तक लैंड लाईन पर फ़ोन आ गया कि ५ कालिदास पर किसी को रोक लिया गया था जिसे अंदर जाना था .. लैंड लाइन होल्ड करके मोबाइल निकाला सामने वाले को अंदर भेजवाया .. सामने कुछ ठेकेदार खड़े थे उनसे पूछा क्या हुआ उन्होंने कहा सर पेमेंट नहीं हुआ तो एक्सप्रेस वे का काम रुक जाएगा।
सहगल साहब बोले हंसते हुए सर फोड़ दूंगा तुम लोगो का काम नहीं रुकना चाहिए .. काम करो पेमेंट हो जाएगा । तुरंत एफ़ सी को काल किया बोला दो दिन में इनकी समय निपटाओ । तब तक सीएम का फ़ोन आया .. उन्होंने कुछ कहा वो बोले बस ५ मिनट में आया बॉस ..
मैं भी बैठा था बोले क्या हुआ तुम बताओ मैंने उन्हें समस्या बताई बोले चलो रास्ते में करता हूँ । गाड़ी में बैठते बैठते डायरेक्टर इन्फ़ॉर्मेशन को फ़ोन किया बोले जाओ डायरेक्टर साहब से मिल लो कोई दिक़्क़त हुई तो वहीं से मुझे फ़ोन करना मैं समझा दूँगा .. ये इतना सब महज़ ५ से ७ मिनट में हुआ ..
सोचिए आजकल के अफ़सर होते तो इतना काम करने में कितना वक्त लगाते .. आसान नहीं है नवनीत सहगल बनना .. आज रिटायर भले ही हुए हैं लेकिन आगे का प्लान पहले से ही तैयार होगा इनका। सहगल सर को आगे के लिए शुभ कामनायें।
नवनीत सहगल जी के रिटायर होने पर वरिष्ठ पत्रकार रामकुमार कौशिक का लिखा ये आर्टकिल पढ़ें-
ये वीडियो भी देखें-