फिर उजागर हुआ नई दुनिया का संवेदनहीन चेहरा… पिपलियामंडी के युवा पत्रकार कमलेश जैन हत्याकांड के मामले में प्रादेशिक अखबार नई दुनिया ने आज फिर अपने अखबार में अपना संवेदनहीन रवैया उजागर किया है! पत्रकार कमलेश नई दुनिया के पत्रकार थे और उनकी उस वक्त गोली मारकर हत्या की गयी थी जब वो अपने कार्यालय में लैपटॉप पर नई दुनिया के लिए रिपोर्ट तैयार कर रहे थे. हत्या के ठीक अगले दिन नई दुनिया अखबार ने अपने समाचार में कमलेश को अपना पत्रकार मानने से ही इनकार कर दिया और उन्हें अपने अखबार का 12 साल पुराना वितरक घोषित कर दिया.
पत्रकार मानने से परहेज करने पर देश भर में नई दुनिया अखबार की किरकिरी हुई थी… पर, आज तो नई दुनिया अखबार इस मामले में एक कदम और आगे बढ़ता नजर आया है.. आज के अखबार में दोनों जिलों नीमच/मंदसोर में विभिन्न पत्रकार संगठनों की ओर से जहां-जहां भी इस हत्याकांड को लेकर ज्ञापन सौंपे गये उसके समाचार तो नई दुनिया में छपे है पर, अब कमलेश जैन के नाम के आगे से नई दुनिया ने वितरक शब्द भी छापने से परहेज पाल लिया गया है. अब केवल ‘पिपलिया मंडी में कमलेश जैन हत्याकांड’ ही लिखा गया है.
कल तक नई दुनिया मारे गए पत्रकार को समाजसेवी और नई दुनिया का वितरक बता रहा था. पर आज तो बस केवल ‘कमलेश जैन हत्याकांड’ लिखकर ही काम चला लिया.. इसको लेकर अंचल के पत्रकारों में चर्चा बनी हुई है… लोग नई दुनिया के संवेदनहीन चेहरे को कोसते नजर आ रहे हैं… ज्ञात हो कि नई दुनिया अखबार अब दैनिक जागरण समूह का हिस्सा है इसलिए एक तरह से नई दुनिया प्रबंधन जो कुछ फैसले कर रहा है, वह सब दैनिक जागरण प्रबंधन के इशारे पर ही हो रहा है. दैनिक जागरण पत्रकारों के शोषण, उत्पीड़न और खून पीने के मामले में हमेशा से कुख्यात रहा है.
लोग दैनिक जागरण और नई दुनिया प्रबंधन की इस हरकत को देखकर कहने लगे हैं- सावधान पत्रकारों, संभल जाएं… आप अपने संस्थान से तुरंत तय कर लें कि वो आपको समाचार पत्र वितरक मानता है या पत्रकार? पिपलिया मंडी में गुंडों के हमले मे जान गंवाने वाले पत्रकार कमलेश जैन को नईदुनिया अखबार ने केवल समाचार पत्र वितरक एवं समाजसेवी करार देते हुए खबर प्रकाशित की है जबकि उसी अखबार में कमलेश जैन की बाईलाइन खबरें प्रकाशित होती रही हैं. दैनिक जागरण और नई दुनिया प्रबंधन की यह हरकत थू थू करने वाली है.
देखें नई दुनिया अखबार में छपी खबरें…